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अब एक दिन में जारी होगा भूमि का नो-डयूज प्रमाण पत्र : गोविंद सिंह राजपूत

भोपाल। अभिनव प्रयोगों और नवाचारों के जरिये राजस्व के पुराने कई नियमों में बदलाव कर आम जनमानस को बड़ी राहत पहुंचाने में जुटे प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने प्रदेश के किसानों के हित में एक और महत्ववपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार किसानों की भूमि पर लगने वाले भू-राजस्व  एवं अन्य उपकर, बैंक बंधक एवं जमानत संबंधी जो भी जानकारी खसरे/खतोनी में दर्ज होगी, उसके आधार पर आम जनता के सुविधा के लिये अब नो-डयूज प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी करने की नई व्यवस्था लागू की जा रही है।

किसानों के समय और धन की बर्वादी होती थी

इस बदलाव की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया की पहले भूमि के नो-डयूज प्रमाण पत्र के लिये किसानों को तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन करना पड़ता था एवं नो-डयूज प्रमाण पत्र के लिए तहसील के चक्कर लगाना पड़ता था। इससे किसानों के समय और धन की बर्वादी होती थी।   

नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी करने के सिस्टम में बदलाव

श्री राजपूत ने बताया कि नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी करने के सिस्टम में बदलाव कर इस सेवा को लोक सेवा गारंटी योजना में शामिल करने से किसानों एवं आम जनता को एक दिवस में भूमि का नो-डयूज प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। 
यदि तहसीलदार द्वारा नियत अवधि एक कार्य दिवस में भूमि का नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है तो इसकी प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील संबंधित जिला कलेक्टर को करनी होगी। इसके बाद उन्हें नो-ड्यूज प्रमाण प्राप्त हो सकेगा।

पहले भी हो चुके हैं कई बदलाव
किसानों को लगने वाले नो-ड्यूज प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी में शामिल करने  से पहले भी राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत  प्रदेश के किसानों और आम जनता की सुविधा के लिए  ऐसे कई नियमों में बदलाव कर सुविधाजनक बनाया है जिनमें इन 70 सालों में कोई बदलाव नहीं हुआ। ऑनलाइन खसरा- खतौनी, भू-अधिकार पुस्तिका, ऑनलाइन नामान्तरण तथा सायबर तहसील की स्थापना जैसे कई महत्वपूर्ण नवाचार है जो  प्रक्रिया को सरल बनाते हैं।

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किसानों के समय और धन की बर्वादी होती थी

इस बदलाव की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया की पहले भूमि के नो-डयूज प्रमाण पत्र के लिये किसानों को तहसील कार्यालय में जाकर आवेदन करना पड़ता था एवं नो-डयूज प्रमाण पत्र के लिए तहसील के चक्कर लगाना पड़ता था। इससे किसानों के समय और धन की बर्वादी होती थी।   

नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी करने के सिस्टम में बदलाव

श्री राजपूत ने बताया कि नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी करने के सिस्टम में बदलाव कर इस सेवा को लोक सेवा गारंटी योजना में शामिल करने से किसानों एवं आम जनता को एक दिवस में भूमि का नो-डयूज प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा अनिवार्य रूप से जारी करना होगा। 
यदि तहसीलदार द्वारा नियत अवधि एक कार्य दिवस में भूमि का नो-डयूज प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है तो इसकी प्रथम अपील अनुविभागीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील संबंधित जिला कलेक्टर को करनी होगी। इसके बाद उन्हें नो-ड्यूज प्रमाण प्राप्त हो सकेगा।

पहले भी हो चुके हैं कई बदलाव
किसानों को लगने वाले नो-ड्यूज प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी में शामिल करने  से पहले भी राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत  प्रदेश के किसानों और आम जनता की सुविधा के लिए  ऐसे कई नियमों में बदलाव कर सुविधाजनक बनाया है जिनमें इन 70 सालों में कोई बदलाव नहीं हुआ। ऑनलाइन खसरा- खतौनी, भू-अधिकार पुस्तिका, ऑनलाइन नामान्तरण तथा सायबर तहसील की स्थापना जैसे कई महत्वपूर्ण नवाचार है जो  प्रक्रिया को सरल बनाते हैं।

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