मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए प्रभावित फसलों का सर्वे करने के निर्देश
किसानों को सर्वे के आधार पर किसानों राहत राशि दी जाएगी
प्रदेश में बारिश के चलते किसानों की फसलों को हुआ नुकसान
चना सरसों, सोयाबीन और मूंगफली की खेती पर गहराया संकट
भोपाल। मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश ने किसानों पर कहर ढाया है। बारिश का फसलों पर भी खासा असर देखा जा रहा है। लगातार हो रही बारिश से मालवा के किसानों की नाक में दम हो गया है। सोयाबीन की फसल खेत में रखी है, लेकिन बारिश ने सारी फसल बर्बाद कर दी है। बर्बाद हुई फसलों से किसान पूरी तरह हताश नजर आ रहे हैं। वहीं किसान मुआवजे की उम्मीद भी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश ने जहां आम जन जीवन को प्रभावित किया है, तो वहीं किसानों का हाल बेहाल कर दिया है। रतलाम में किसान अब मौसम की दोहरी मार झेल रहे है। बारिश ने किसानों के सामने संकट खड़ा कर दिया। सोयाबीन की फसल पकने के बाद खेतों में पानी भर जाने से फसल सड़ चुकी है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल खराब हो चुकी है, अब वे जल्द ही सर्वे कराने के साथ सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेमौसम बरसात से कई जगह किसानों की फसलों को क्षति पहुंची है। लेकिन वे चिंता नहीं करें। प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल फसलों के नुकसान का सर्वे आरंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे कर, क्षति के आकलन के आधार पर किसानों राहत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ मिले, इसके निर्देश भी दिए गए हैं। किसान चिंता न करें, राज्य सरकार उनके साथ है। क्षति की भरपाई की जाएगी। प्रभावित किसानों को संकट से उबारने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
शिवपुरी के किसान चिंतित
शिवपुरी जिले में कई तहसीलों में भारी बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। वर्तमान में सरसों, सोयाबीन और मूंगफली की फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं भारी बारिश से कहीं फसल भीग गई है तो कहीं फिर से अंकुरित हो गई है। शिवपुरी में सरसों की फसल को जिन किसानों ने सीडिल करके बोवनी की थी उनकी फसल को नुकसान हुआ है, क्योंकि सीडिल के द्वारा बीज और खाद को मिक्स करके ट्रैक्टर से बोवनी की जाती है, जिससे बीज अधिक गहराई में पहुंच जाता है।
बीज अंकुरित नहीं हो पाएगा
फिलहाल स्थिति यह है कि बारिश अधिक होने से खेतो में पानी भर गया हैं अब बीज जमीन में और अधिक गहराई पकड़ लेगा जिसके कारण बीज अंकुरित नहीं हो पाएगा। हालांकि सरसों की फसल के लिए जिन लोगों ने बीज को खेतों में फेंक फेंक कर बोवनी की है उन किसानों को इस बारिश से फायदा होगा। क्योंकि यह है जमीन में अधिक गहराई नहीं पकड़ पाता है, जिसके चलते बीज जमीन के हल्का सा अंदर रहता है जिससे यह बीज अंकुरित हो सकता है।
सोयाबीन की फसल खराब
शिवपुरी में सोयाबीन की फसल भी खराब हुई है भारी बारिश के चलते किसानों की सोयाबीन की फसल कटी हुई खेतों पर रखी हुई थी। अब बारिश के चलते वह फसल भी खराब हो गई है। 28-29 सितंबर की दरमियान शिवपुरी में बारिश हुई थी, जिसके चलते सोयाबीन की फसल भीग गई थी। किसानों ने सुखाने के लिए खेतों पर ही सोयाबीन की फसल को इक_ा कर छोड़ दिया था, जिससे कि फसल धूप से सूख जाए, लेकिन अब फिर से हुई बारिश के चलते फसल खराब हो गई है।
खेतों में रखी मूंगफली बर्बाद
किसानों की मूंगफली जो कटी हुई खेतों में रखी थी वह भारी बारिश से भीग गई है आपको बता दें कि जिन लोगों ने मूंगफली की कटाई नहीं की थी, उनका बीज फिर से अंकुरित होने लगा है जिसके चलते मूंगफली को नुकसान हुआ है। वहीं खेतों में निकली पड़ी मूंगफली को भी नुकसान हुआ है।
इंदौर में सोयाबीन चौपट
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर के किसानों ने बताया की उनके पूरे खेत में सोयाबीन की फसल पक गई थी, लेकिन लगातार बारिश ने अच्छी भली फसल को खराब कर दिया है। किसानों ने 8-10 हजार रुपए क्विंटल का बीज लगाया था। महंगे खरपतवार नाशक और कीटनाशक का छिड़काव किया था। फसल पिछले साल के मुकाबले बेहतर और उम्दा दिख रही थी, लेकिन बारिश ने सब खराब कर दी। अब किसानों के खर्च निकालने तक के लाले पड़ रहे हैं।
बह गई लाखों की फसल
कई किसानों के फसल कट गई थी, लेकिन खेतों में रखी फसल में बारिश के कारण पानी लग गया और फसल अब सडऩे लगी है। वहीं जिन किसानों की फसलें नहीं कटी है वे ना तो फसल को काट पा रहे हैं ना ही खेतों से जल निकासी संभव हो पा रही है। देपालपुर, हातोद के साथ सांवेर के इलाकों में बारिश के कारण खेतों में सोयाबीन डूब रही है और तालाब जैसा नजारा दिखाई दे रहा है। अब जितनी भी बारिश हो रही है उसका पानी खेतो में भरा हुआ है।
किसान बोले, मुआवजा दिलाए सरकार
देपालपुर तहसील के गांव तलावली के किसान राजेश बताते हैं कि इस समय हुई बारिश ने हमारी पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। 10 हजार रुपए क्विंटल के बीज और लाखों की महंगी दवाइयां छिड़की गई थी। पिछले सालों के मुकाबले इस बार अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन हमारा खर्च तक निकलना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन और सरकार को हमारे खेतों के सर्वे कर हमें मुआवजा दिलवाए। इधर, रतलाम में पिछले तीन दिनों में प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 इंच से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। हालांकि रविवार को मौसम साफ रहा, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 11 से 15 अक्टूबर के बीच फिर से बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन एक्टिव हो सकता है और इसकार असर देश के पश्चिमी भू-भाग पर पड़ेगा।
होगा सर्वे, चिंता ना करें किसान
रतलाम कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि जिले के सभी राजस्व अधिकारियों को खराब फसलों के सर्वे के लिए निर्देश दिए हैं। असामयिक बारिश के दृष्टिगत फसल क्षति की सूचनाएं मिली हैं। शासन व प्रशासन किसानों के साथ है। सभी को जल्द राहत प्रदान को जाएगी। कृषि विभाग के अनुसार, जिन किसानों ने सोयाबीन काट रखी थी, उन्हें अचानक हुई इस तेज बारिश में नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि लंबे समय की फसल को इस बारिश से लाभ है।