होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

किसानों के लिए फायदे का फैसला, 31 मई तक गेहूं खरीदेगी सरकार, किया ऐलान

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं खरीद प्रक्रिया को 31 मई, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने यह तारीख इसलिए बढ़ाई है, ताकि किसी भी गेहूं किसान को अपनी फसल बेचने में दिक्कत न हो। केंद्रीय कंज्यूमर्स अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार किसानों के आर्थिक विकास के लिए वचनबद्ध है। मंत्रालय ने कहा कि किसानों के हित और राज्य सरकारों के अनुरोध को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और FCI गेहूं की खरीदारी जारी रख सकते हैं और किसान केंद्रीय कोटे के तहत न्यनूतम समर्थन मूल्य पर राज्यों या FCI को गेहूं बेच सकते हैं।

इसे भी देखें

भारत ने गेहूं निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाया प्रतिबंध

निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी
सरकार ने इससे पहले आंतरिक स्थितियों को देखते हुए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। सरकार ने इसके पीछे बढ़ती कीमतों और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना मुख्य वजह बताया था। पश्चिमी देश मोदी सरकार के इस फैसले से नाराज भी हो गये थे। आपको बता दें कि भारत दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा गेहूं पैदा करने वाला देश है। रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद ग्लोबल बाजार में गेहूं की कीमतों में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस वजह से भारत से गेहूं के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई, और देश में गेहूं, आटे और उसके उत्पादों की कीमतें बढ़ गईं।

इसे भी देखें

अडानी ग्रुप भारतीय सीमेंट मार्केट में दूसरे नंबर पर

किसानों को होगा फायदा
समय सीमा बढ़ने से किसान अब 31 मई तक अपनी गेहूं की पैदावार, राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को बेच सकते हैं। केंद्रीय पूल के तहत FCI न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी करती है, ये किसानों को ये कीमत बाजार में बेचने पर नहीं मिलती। देश में इस समय गेहूं की खरीद जारी है।

इसे भी देखें

राहुल गांधी ही होंगे कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष!

सरकार इस सीजन में 14 मई 2022 तक 180 लाख मीट्रिक टन गेहूं को खरीद चुकी है। हालांकि पिछले साल इसी अवधि में सरकार ने 367 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। गेहूं की कम खरीद भी, इसकी तारीख बढ़ाने की वजह हो सकती है। हाल ही में गर्म तापमान के कारण गेहूं की पैदावार पर असर पड़ा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत में खाद्यान की कमी हो सकती है, क्योंकि इस साल रबी की फसल उम्मीद से कमजोर रही है। इस वजह से सरकार मॉनसून से पहले गेहूं का पूरा स्टॉक कर लेना चाहती है।

किसानों के लिए फायदे का फैसला, 31 मई तक गेहूं खरीदेगी सरकार, किया ऐलान

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार ने किसानों को राहत देते हुए गेहूं खरीद प्रक्रिया को 31 मई, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने यह तारीख इसलिए बढ़ाई है, ताकि किसी भी गेहूं किसान को अपनी फसल बेचने में दिक्कत न हो। केंद्रीय कंज्यूमर्स अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार किसानों के आर्थिक विकास के लिए वचनबद्ध है। मंत्रालय ने कहा कि किसानों के हित और राज्य सरकारों के अनुरोध को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और FCI गेहूं की खरीदारी जारी रख सकते हैं और किसान केंद्रीय कोटे के तहत न्यनूतम समर्थन मूल्य पर राज्यों या FCI को गेहूं बेच सकते हैं।

इसे भी देखें

भारत ने गेहूं निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाया प्रतिबंध

निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी
सरकार ने इससे पहले आंतरिक स्थितियों को देखते हुए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। सरकार ने इसके पीछे बढ़ती कीमतों और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना मुख्य वजह बताया था। पश्चिमी देश मोदी सरकार के इस फैसले से नाराज भी हो गये थे। आपको बता दें कि भारत दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा गेहूं पैदा करने वाला देश है। रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू होने के बाद ग्लोबल बाजार में गेहूं की कीमतों में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस वजह से भारत से गेहूं के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई, और देश में गेहूं, आटे और उसके उत्पादों की कीमतें बढ़ गईं।

इसे भी देखें

अडानी ग्रुप भारतीय सीमेंट मार्केट में दूसरे नंबर पर

किसानों को होगा फायदा
समय सीमा बढ़ने से किसान अब 31 मई तक अपनी गेहूं की पैदावार, राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को बेच सकते हैं। केंद्रीय पूल के तहत FCI न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी करती है, ये किसानों को ये कीमत बाजार में बेचने पर नहीं मिलती। देश में इस समय गेहूं की खरीद जारी है।

इसे भी देखें

राहुल गांधी ही होंगे कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष!

सरकार इस सीजन में 14 मई 2022 तक 180 लाख मीट्रिक टन गेहूं को खरीद चुकी है। हालांकि पिछले साल इसी अवधि में सरकार ने 367 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था। गेहूं की कम खरीद भी, इसकी तारीख बढ़ाने की वजह हो सकती है। हाल ही में गर्म तापमान के कारण गेहूं की पैदावार पर असर पड़ा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत में खाद्यान की कमी हो सकती है, क्योंकि इस साल रबी की फसल उम्मीद से कमजोर रही है। इस वजह से सरकार मॉनसून से पहले गेहूं का पूरा स्टॉक कर लेना चाहती है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment