अपराजिता का फूल देखने में जितना सुंदर होता है, उतना ही फायदेमंद भी होता है। ये नीले और सफेद दो रंगों में मिलता है और इसकी बेल जब पूरी तरह से फूलों से लदी होती है तो मन ही खुश हो जाता है। इसकी चाय भी बनती है, जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है।
अपराजिता कब और कहां लगाएं?
अपराजिता का पौधा आप फरवरी या मार्च के महीने में लगा सकते हैं। ये समय इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आप दिन देखकर लगाना चाहते हैं तो गुरुवार या शुक्रवार का दिन चुनें।
आप इसे बीज या छोटे पौधे (सप्लिंग) से लगा सकते हैं। बीज से लगाने में थोड़ा समय ज्यादा लगता है लेकिन इसका मजा भी अलग है। बीज को पहले 5-6 घंटे पानी में भिगो लें, फिर मिट्टी में लगाएं।
मिट्टी और गमला कैसे तैयार करें?
अपराजिता के लिए मिट्टी में थोड़ी रेत, कोकोपीट या गोबर की खाद मिलाना अच्छा रहता है। इससे मिट्टी उपजाऊ हो जाती है। अगर गमले में लगाना है तो 9×9 इंच का गमला बढ़िया रहेगा। नीचे छेद ज़रूर होना चाहिए ताकि पानी निकल सके। मिट्टी और कुछ कंकड़ डालकर बेल को लगाएं।
धूप और पानी की जरूरत
इस पौधे को रोज़ाना 5-6 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। गर्मियों में हर रोज पानी दें, लेकिन ज्यादा पानी भी ना डालें। 15 दिन में एक बार गुड़ाई कर दें ताकि मिट्टी में हवा आती रहे।
ज्यादा फूल पाने के देसी तरीके
अपराजिता में ज्यादा फूल लाने के लिए पीली सरसों का उपयोग बहुत बढ़िया तरीका है। 50 ग्राम सरसों पीसकर 1 लीटर पानी में मिलाएं और पौधे की जड़ों में डालें। हर 2-2.5 महीने में ये प्रक्रिया दोहराएं। एक और देसी नुस्खा है – उबली हुई चाय पत्ती का पानी ठंडा करके पौधे में डालना। इससे भी बेल में खूब फूल आते हैं।
अंत में…
अपराजिता एक ऐसा पौधा है जो ना सिर्फ घर को सजाता है बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा होता है। थोड़ा सा ध्यान और देसी तरीके अपनाकर आप इसे साल भर फूलों से लदा हुआ देख सकते हैं।