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अब लाखों रुपये कमाने का सपना भी होगा पूरा, शुरू करे अश्वगंधा की खेती, कम समय में देगी दुगुना मुनाफा

अब लाखों रुपये कमाने का सपना भी होगा पूरा, शुरू करे अश्वगंधा की खेती, कम समय में देगी दुगुना मुनाफा अगर आपका सपना है लाखों रुपये कमाने का, तो इसके लिए बड़े शहरों में जाकर बिजनेस शुरू करना जरूरी नहीं है. गांव में रहकर भी आप खेतों में ऐसी फसलें उगा सकते हैं जिनसे मोटी कमाई हो सकती है.

गरीब किसानो को धनवान बना देंगा इस मुर्गी का पालन, कम समय में होंगी पैसों की बरसात

पढ़े-लिखे युवा अब खेती को सिर्फ जीविका का जरिया नहीं मान रहे हैं, बल्कि नई तकनीक अपनाकर खेतों में फसल उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. देश के किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर औषधीय पौधों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे न सिर्फ अच्छी आमदनी होती है बल्कि समय पर फसल बिक जाती है और घर बैठे ही मोटा मुनाफा मिल जाता है.

अश्वगंधा की खेती बनाएगी आपको लखपति

आज हम आपको औषधीय पौधों की खेती के अंतर्गत अश्वगंधा की खेती के बारे में बता रहे हैं. देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां अश्वगंधा की खेती की जाती है. हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल, गुजरात जैसे राज्यों में अश्वगंधा की बंपर खेती हो रही है. अश्वगंधा की खेती से किसानों को धान, गेहूं और मक्का की खेती से 50 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा होता है.

कैसे की जाती है अश्वगंधा की खेती

अश्वगंधा की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलो बीज की जरूरत होती है. अश्वगंधा की बुवाई में दो तरीके अपनाए जाते हैं. पहला तरीका है कतार विधि, जिसमें पौधे से पौधे के बीच 5 सेमी और लाइन से लाइन के बीच 20 सेमी की दूरी रखी जाती है. दूसरी विधि है छिटाई विधि, जिसमें हल्की जुताई के बाद खेत में बीज का छिटकाव किया जाता है. 1 मीटर में 40 पौधे लगाए जाते हैं.

फसल कटाई और फायदा

अश्वगंधा की कटाई जनवरी से मार्च के बीच की जाती है. इस दौरान अश्वगंधा की जड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सुखाया जाता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अश्वगंधा के बीजों और फूलों को भी सुखाकर अलग कर लिया जाता है.

अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है, जो कई तरह की जड़ी बूटियों में सबसे ज्यादा फेमस है. अश्वगंधा को तनाव और चिंता दूर करने में सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. दवा बनाने वाली कंपनियां सीधे किसानों से अश्वगंधा खरीदती हैं, जिस वजह से इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का इस्तेमाल करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं. बताया जाता है कि दूसरी फसलों के मुकाबले इससे 50 प्रतिशत से ज्यादा मुनाफा होता है.

अब लाखों रुपये कमाने का सपना भी होगा पूरा, शुरू करे अश्वगंधा की खेती, कम समय में देगी दुगुना मुनाफा

अब लाखों रुपये कमाने का सपना भी होगा पूरा, शुरू करे अश्वगंधा की खेती, कम समय में देगी दुगुना मुनाफा अगर आपका सपना है लाखों रुपये कमाने का, तो इसके लिए बड़े शहरों में जाकर बिजनेस शुरू करना जरूरी नहीं है. गांव में रहकर भी आप खेतों में ऐसी फसलें उगा सकते हैं जिनसे मोटी कमाई हो सकती है.

गरीब किसानो को धनवान बना देंगा इस मुर्गी का पालन, कम समय में होंगी पैसों की बरसात

पढ़े-लिखे युवा अब खेती को सिर्फ जीविका का जरिया नहीं मान रहे हैं, बल्कि नई तकनीक अपनाकर खेतों में फसल उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. देश के किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर औषधीय पौधों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं. इससे न सिर्फ अच्छी आमदनी होती है बल्कि समय पर फसल बिक जाती है और घर बैठे ही मोटा मुनाफा मिल जाता है.

अश्वगंधा की खेती बनाएगी आपको लखपति

आज हम आपको औषधीय पौधों की खेती के अंतर्गत अश्वगंधा की खेती के बारे में बता रहे हैं. देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां अश्वगंधा की खेती की जाती है. हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, केरल, गुजरात जैसे राज्यों में अश्वगंधा की बंपर खेती हो रही है. अश्वगंधा की खेती से किसानों को धान, गेहूं और मक्का की खेती से 50 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा होता है.

कैसे की जाती है अश्वगंधा की खेती

अश्वगंधा की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलो बीज की जरूरत होती है. अश्वगंधा की बुवाई में दो तरीके अपनाए जाते हैं. पहला तरीका है कतार विधि, जिसमें पौधे से पौधे के बीच 5 सेमी और लाइन से लाइन के बीच 20 सेमी की दूरी रखी जाती है. दूसरी विधि है छिटाई विधि, जिसमें हल्की जुताई के बाद खेत में बीज का छिटकाव किया जाता है. 1 मीटर में 40 पौधे लगाए जाते हैं.

फसल कटाई और फायदा

अश्वगंधा की कटाई जनवरी से मार्च के बीच की जाती है. इस दौरान अश्वगंधा की जड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सुखाया जाता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अश्वगंधा के बीजों और फूलों को भी सुखाकर अलग कर लिया जाता है.

अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है, जो कई तरह की जड़ी बूटियों में सबसे ज्यादा फेमस है. अश्वगंधा को तनाव और चिंता दूर करने में सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. दवा बनाने वाली कंपनियां सीधे किसानों से अश्वगंधा खरीदती हैं, जिस वजह से इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का इस्तेमाल करके कई तरह की दवाइयां बनाई जाती हैं. बताया जाता है कि दूसरी फसलों के मुकाबले इससे 50 प्रतिशत से ज्यादा मुनाफा होता है.

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