आज के समय में खेती का मतलब सिर्फ़ गेहूं, चावल या सब्ज़ी नहीं रह गया है। बहुत सारे किसान आज बागवानी (gardening) की तरफ़ बढ़ रहे हैं और लाखों-करोड़ों की कमाई कर रहे हैं। अगर आपके पास भी कोई ज़मीन बंजर या पथरीली पड़ी है और आप सोचते हैं कि इससे कुछ नहीं हो सकता, तो ज़रा रुकिए! आज हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बताएंगे जिसे बंजर ज़मीन में भी लगाया जा सकता है और इससे शानदार आमदनी की जा सकती है। चलिए जानते हैं इस खास फल के बारे में।
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बेल फल की बढ़ती मांग
बात हो रही है बेल फल (Bael) की। बेल एक ऐसा फल है जिसकी डिमांड गर्मियों में बहुत ज़्यादा होती है। इसकी तासीर ठंडी होती है और यह शरीर को अंदर से ठंडक देता है। बेल का जूस गर्मियों में खूब बिकता है, इसलिए इसका बाज़ार हर साल बढ़ता जा रहा है।
बेल सिर्फ़ फल नहीं, एक औषधि है। इसके फल, पत्ते, छाल, फूल और बीज तक का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। बेल शरीर को डिटॉक्स करता है, कब्ज़ में फायदेमंद होता है और पेट की कई बीमारियों का इलाज करता है।
बंजर ज़मीन के लिए वरदान है बेल
अगर आपके पास ऐसी ज़मीन है जो उपजाऊ नहीं है, बंजर है या फिर पत्थरीली है, तब भी आप बेल की खेती कर सकते हैं। बेल की कुछ किस्में ऐसी हैं जो कम उपजाऊ, सूखी और यहां तक कि पत्थरीली ज़मीन में भी अच्छी तरह से बढ़ती हैं।
बेल एक मजबूत और कम देखभाल वाला पेड़ है। एक बार लगाया गया पेड़ कई सालों तक फल देता है और ज़्यादा पानी या खाद की ज़रूरत नहीं होती।
बेल की किस्में जो बंजर ज़मीन में होती हैं सफल
अगर आपके पास बंजर या पत्थरीली ज़मीन है तो आप नीचे दी गई बेल की किस्में लगा सकते हैं:
1. थार बेल
राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई यह किस्म खास तौर पर सूखे और पत्थरीले इलाकों के लिए तैयार की गई है। इसकी पैदावार अच्छी होती है और कम मेहनत में बढ़िया फल देती है।
2. दिव्या बेल
यह किस्म भी सूखे क्षेत्रों में बहुत अच्छी तरह से फलती है। इसमें औषधीय गुण भी ज़्यादा पाए जाते हैं, इसलिए आयुर्वेदिक कंपनियों में इसकी मांग अधिक रहती है।
3. गोमा यशी
यह किस्म कम उर्वरक ज़मीन में भी खूब फल देती है। यह किस्म जल्दी तैयार होती है और इससे जल्द आमदनी शुरू हो जाती है।
बेल की खेती से कमाई का गणित
अब बात करते हैं सबसे ज़रूरी हिस्से की – कमाई! बेल का पेड़ लगाने के 2 साल बाद से फल देना शुरू कर देता है, लेकिन असली कमाई 5वें साल से शुरू होती है, जब पेड़ पूरी तरह से परिपक्व हो जाता है।
➤ एक हेक्टेयर ज़मीन में लगभग 400 से 500 बेल के पौधे लगाए जा सकते हैं।
➤ एक परिपक्व बेल का पेड़ सालाना 200-300 फल देता है।
➤ बाज़ार में बेल का रेट गर्मियों में ₹20 से ₹50 प्रति किलो तक रहता है।
➤ एक हेक्टेयर ज़मीन से सालाना ₹75,000 से ₹1,00,000 तक की कमाई आराम से हो सकती है।
और सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें लागत बहुत कम होती है। न ज्यादा पानी की ज़रूरत, न रासायनिक खाद की। मतलब एक बार पेड़ लगाओ और सालों तक आमदनी पाओ।
गुजरात के किसानों की सफलता की कहानी
गुजरात के कई किसानों ने बंजर ज़मीन में बेल की खेती शुरू की थी। शुरुआत में उन्हें लोगों ने ताना मारा कि इस ज़मीन से कुछ नहीं होगा। लेकिन आज वही किसान बेल बेचकर लाखों की कमाई कर रहे हैं। उनकी ज़मीन अब हरी-भरी है और उन्हें खेती से नई उम्मीदें मिली हैं।
मंदिर की ज़मीन या गांव की खाली ज़मीन में भी लगाएं बेल
अगर आपके गांव में कोई मंदिर की खाली ज़मीन है या पंचायत की ज़मीन खाली पड़ी है, तो वहां पर बेल का बाग लगाया जा सकता है। इससे गांव को आमदनी भी होगी और लोगों को काम भी मिलेगा। बेल का धार्मिक महत्व भी है, इसलिए इसे मंदिरों के आस-पास लगाना शुभ माना जाता है।
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बेल की खेती कैसे शुरू करें?
- शुरुआत में अच्छी किस्म के पौधे नर्सरी से लें। थार बेल, दिव्या या गोमा यशी किस्मों को प्राथमिकता दें।
- एक हेक्टेयर ज़मीन में लगभग 400 पौधे लगाए जा सकते हैं।
- गर्मी के मौसम में (मार्च-अप्रैल) पौधे लगाएं ताकि मानसून में अच्छी ग्रोथ हो।
- शुरुआती 2 साल तक थोड़ा ध्यान दें – जैसे सिंचाई, घास हटाना और कीट नियंत्रण।
- 2 साल बाद फल लगना शुरू होगा और 5 साल बाद से पूरी कमाई शुरू हो जाएगी।
बंजर ज़मीन को बनाएं कमाई का ज़रिया
अगर आपके पास बंजर ज़मीन पड़ी है, तो उसे यूं ही छोड़ने का कोई मतलब नहीं। बेल की खेती एक ऐसा विकल्प है जो कम मेहनत में ज़्यादा मुनाफा देती है। आज बहुत से किसान इसी रास्ते पर चलकर लाखों कमा रहे हैं। आप भी चाहें तो बेल लगाकर आने वाले सालों में अच्छी आमदनी कर सकते हैं।