नई दिल्ली। देश के तंबाकू किसानों सरकार ने बडी राहत दी है। सरकार ने मंगलवार को तम्बाकू किसानों का पंजीकरण प्रमाणपत्र या लाइसेंस अब एक वर्ष के बजाय तीन वर्षों के लिए वैध करने का निर्णय लिया है।
अब नहीं होगी परेशानी
भारत सरकार ने व्यापार करने में आसानी के लिए वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादकों के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस रिन्यूवल की अवधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष करने का फैसला किया है, इस निर्णय से वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादक के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस के वार्षिक नवीनीकरण में होने वाली समस्या को कम किया जा सके। इसका मतलब है कि पंजीकरण / लाइसेंस हर साल नवीनीकरण की मौजूदा प्रथा के बजाय 3 साल के लिए वैध होंगे।
कई राज्यों के लगभग 83,500 किसानों को लाभ
लाइसेंस अवधि को एक से बढ़ाकर तीन वर्ष करने से देश के लगभग 83,500 किसानों को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा में लगभग 91,000 खलिहानों को कवर करने में मदद मिलेगी। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इस उपाय से किसानों को हर साल अपने पंजीकरण/लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए समय की बचत होगी, ताकि वे तीन साल तक खेती करने के लिए अपने रसद और वित्त की योजना बना सकें।
नियमों में किया गया संशोधन
आंध्र प्रदेश में 2025-26 फसल मौसम से प्रभावी होगा
उत्पादकों को 3 वर्षों में एक बार इस पंजीकरण/लाइसेंस को नवीनीकृत करने की सुविधा प्रदान करने के लिए, भारत सरकार ने तम्बाकू बोर्ड नियम, 1976 के नियम 33 के उप-नियम (5), (6) और (7) तथा नियम 34एन के उप-नियम (2) और (3) में संशोधन किया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, भारत सरकार द्वारा उक्त तम्बाकू बोर्ड नियम, 1976 में संशोधन भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। यह आंध्र प्रदेश में 2025-26 फसल मौसम से प्रभावी होगा।
वर्जीनिया तम्बाकू की खेती के लिए पंजीकरण और लाइसेंस आवश्यक
भारत में तम्बाकू बोर्ड अधिनियम, 1975 और उसके तहत अधिसूचित नियमों के अनुसार, वर्जीनिया तम्बाकू की खेती करने के इच्छुक प्रत्येक उत्पादक को उत्पादक के रूप में पंजीकरण प्रमाणपत्र और खलिहान के संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना होगा। तदनुसार, तम्बाकू बोर्ड वार्षिक आधार पर पंजीकरण/लाइसेंसिंग की सुविधा प्रदान कर रहा है।