गांवों में अब किसान पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया करने की सोच रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं राजेश पंजीयर, जो “ब्लैक साल्ट राइस” की खेती कर रहे हैं और अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं। यह चावल बाहर से काला होता है, लेकिन अंदर से सफेद होता है। इसकी खास बात यही है कि यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है और मार्केट में इसकी अच्छी मांग है।
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सेहत के लिए है वरदान
ब्लैक साल्ट राइस खाने से शरीर को ताकत मिलती है। इसमें कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, विटामिन और कार्बोहाइड्रेट जैसे ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इसमें जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे एंथोसाइनिन भी होते हैं, जो दिल की बीमारियों से बचाते हैं और कैंसर जैसे रोगों के खतरे को कम करते हैं। इसका स्वाद भी लाजवाब होता है, इसलिए लोग इसे बहुत पसंद कर रहे हैं।
खेती की जानकारी
ब्लैक साल्ट राइस की फसल लगभग 90 से 110 दिन में तैयार हो जाती है। अगर किसान 1 एकड़ ज़मीन में इसकी खेती करते हैं, तो उन्हें लगभग 20 क्विंटल यानी 2000 किलो तक उत्पादन मिल सकता है। हालांकि, यह फसल आम धान की तरह नहीं होती, इसलिए इसे खास तरीके से उगाना पड़ता है, जिसमें जैविक खेती को बढ़ावा देना ज़रूरी होता है।
कमाई कितनी होगी?
इस खास चावल की कीमत बाज़ार में ₹400 से ₹800 प्रति किलो तक जाती है। अगर एक किसान 1 एकड़ में 20 क्विंटल उत्पादन करता है और उसे ₹600 प्रति किलो भी मिल जाए, तो कुल कमाई ₹12 लाख तक हो सकती है। लागत थोड़ी ज़्यादा होती है लेकिन मुनाफा कई गुना ज़्यादा है।
अगर आप भी कुछ अलग करना चाहते हैं और सेहत के साथ-साथ कमाई भी बढ़ाना चाहते हैं, तो ब्लैक साल्ट राइस की खेती एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। बस आपको इसकी सही जानकारी और थोड़ा मेहनत करने की ज़रूरत है।