घर बैठे करें दाल में मिलावट की पहचान, वैज्ञानिकों ने बताया खास तरीका

नई दिल्ली, बाजार में खाद्य संबंधी चीजें खरीदते समय, लोगों के मन में उसकी गुणवत्‍त्‍ता को लेकर कई तरह के सवाल आते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन दिनों खाने-पीने से जुड़ी चीजों में मिलावट आम हो गई है। रोजना घरों में बनने वाली दाल भी इससे अछूती नहीं है। ऐसे में दाल की गुणवत्‍त्‍ता पर … Read more

खरगोन के किसानों ने 500 हेक्टेयर में की खास किस्म की मूंगफली की बुआई, होगी बंपर कमाई

sanjay sharmaखरगोन, मौसम में खाली रहने वाले खरगोन के खेतों में किसानों ने गुजरात, बेंगलुरु जैसे राज्यों में पैदा होने वाली मूंगफली की नई किस्में लगाई है। ड्रिप पद्धति के जरिए किसान पौधों को पानी दे रहे है। इससे आने वाले समय में किसान कम पानी में भी बंपर पैदावार के साथ बेहतर मुनाफा कमाएंगे। … Read more

किसानों ने व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ाया कदम, फ्रोजेन मटर का अपना ब्रांड लाने की तैयारी

anand sharan आरा। बिहार के भोजपुर में किसानों ने सामूहिक एकता की मिसाल पेश की है। गत दो वर्ष से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी बनाकर खेती कर रहे भोजपुर जिले के चार प्रखंड बड़हरा, बिहिया, कोईलवर व शाहपुर प्रखंड के 309 किसानों को अनुभव हो रहा है। अब इन अन्नदाताओं ने व्यावसायिक खेती की ओर कदम … Read more

फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए बडे काम का है कच्चा कोयला, जानिए बनाने और उपयोग की ​विधि 

बायोचार बनाने व प्रयोग करने की यह तकनीक लगभग 2,000 साल पुरानी है। इसके द्वारा कृषि अपशिष्ट पदार्थों को मृदा सुधारक के रूप में बदल दिया जाता है, जो कि कार्बन को मृदा में पकड़े रखता है। यह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देता है और मृदा की जैव विविधता में वृद्धि करता है। इस तकनीक द्वारा वनों की कटाई पर भी रोक लगती है।

किसानों का मित्र केंचुआ और किसानों का हमसफ़र केंचुआ खाद

लेखक1. घनश्याम बामनिया, सहायक प्राध्यापक   विभाग.  पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी, स्कूल आफ एग्रीकल्चर, सीहोर, मप्र 2 डॉ. धनेश कुमार रैदास, सहायक प्राध्यापक पादप कार्यकी विभाग, सीहोर, आरए कृषि महाविद्यालय, मप्र3  शेखर गोतम दोहरे, सहायक प्राध्यापक विभाग.  फूडटेक्नोलाजी, स्कूल आफ एग्रीकल्चर, सीहोर केंचुआ कृषकों का मित्र एवं भूमि की आंत कहा जाता है। यह सेन्द्रिय पदार्थ (ऑर्गनिक पदार्थ), हह्यूमस व … Read more

कृषकों ने सीखी दूधिया मशरूम उत्पादन तकनीक

ग्वालियर, कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्वालियर द्वारा मशरूम उत्पादन तकनीक पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । प्रशिक्षण में उदयपुर, अजयपुर, गिरवाई, तिघरा, चक्र केशवपुर आदि गांवों के 28 प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रशिक्षार्थियों को पावर पाइंट प्रेजेन्टशेन तथा भ्रमण द्वारा दूधिया मशरूम उत्पादन तकनीक, बटन मशरून उत्पादन तकनीक आदि की जानकारी … Read more

गेहूं की तीन नई किस्में, जो बढ़ते तापमान में भी देंगी बंपर पैदावार

आईसीएआर द्वारा गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई हैं, जिनपर बढ़ते तापमान का ज्यादा असर नहीं होगा और अच्छा उत्पादन देंगी। 

किसानों को सीखनी होगी कम पानी में फसल उगाने की तकनीकी: डॉ. एसपी सिंह

लहार (भिंड)। बदलते जलवायु परिवर्तन में खेती किसानी मैं तकनीकी को अपनाकर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं। कम पानी की दशा में भी किसान तकनीकी को अपनाकर फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। उक्त विचार कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा लहार क्षेत्र के गिरवासा गांव में आयोजित कृषक संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम के … Read more

किसानों के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है जल ब्राह्मी की खेती, जानिए इसके बारे में 

भोपाल, आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान पिछले कुछ सालों में काफ़ी बढ़ा है। बाज़ार में आयुर्वेदिक उत्पादों की भरमार हो गई है। आयुर्वेद में बहुत सी जड़ी-बूटियां है, जिनका इस्तेमाल रोज़मर्रा के जीवन में करने से कई बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है जल ब्राह्मी , जो एक … Read more

घाटमपुर का मॉनसून मंदिर: गुंबद से टपकने वाली बूंदे बताती है कैसा होगा मानसून?

कानपुर के घाटमपुर वाले मॉनसून मंदिर में गुंबद से टपकने वाली बूंदों ने तय कर दिया है इस बार का मानसून नॉर्मल रहेगा। इस मॉनसून मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की पूजा होती है। हजारों साल पुराने इस मॉनसून मंदिर के बारे में मान्यता है कि गर्मी में जब चारों तरफ पानी का सूखा रहता है, जेठ बैसख में धरती तपा करती है उस दौरान मॉनसून से पहले इस मंदिर के गुंबद से जो बूंदे टपकती हैं उनके आकार से अंदाजा लग जाता है कि मॉनसून कैसा होगा।