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पशुधन

डेयरी सेक्टर में 70% से अधिक  महिलाओं की भागीदारी, खुशी की बात: राष्ट्रपति मुर्मु  

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत में डेयरी उद्योग के प्रबंधन में नारी-शक्ति अहम भूमिका निभा रही हैं। डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत से अधिक भागीदारी महिलाओं की है। बहुत खुशी की बात है कि आज डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एक-तिहाई से अधिक लड़कियां हैं

प्रदेश के सभी जिलों में मिलेगा बकरी का दूध

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार सभी जिलों में ‘बकरी का दूध’ उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। मध्यप्रदेश में गोट मिल्क प्रोजेक्ट को पूरे प्रदेश ...

गर्मी  में  मुर्गी  के दाने  का  प्रबंधन   

डॉ. याशिर आमीन राथेरडॉ. शानू देवी सिंगौरडॉ. शाहबाज हारुन खानडॉ. ब्रजमोहन सिंह धाकड़ कुक्कुट विज्ञान विभाग, पशुचिकत्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, ना.दे.प.वि.वि. जबलपुर (म. प्र.)पशुचिकत्सा जनस्वास्थय ...

बकरी पालन में कौशल विकास प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ

डॉ शशिकान्त सिंहमीरजापुर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-कृषि विज्ञान केन्द्र, बरकछा-मीरजापुर मे दिनांक 6 अप्रैल 2023 को कौशल विकास प्रशिक्षण-बकरी पालन का शुभारंभ केन्द्र के अध्यक्ष ...

गांव में खास परंपरा: जानवरों को मिलता है साप्ताहिक अवकाश, जानिए कहां हैं ये गांव

भोपाल, झारखंडके लातेहार जिले में इंसान ही नहीं जनवरों को भी हफ्ते में एक दिन यानी रविवार को छुट्टी दी जाती है। इस दिन ...

एक फोन पर घर पहुंचेगी पशु एंबुलेंस, घर पर ही हो जाएगा बीमार पशुओं का इलाज 

भोपाल, ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की बीमार पडने पर किसानों काफी समस्याओं का समाना करना पडता है। इस समस्या के समाधान के लिए मध्य ...

मुर्गीपालकों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है इस नस्ल की मुर्गी, जानिए इसकी विशेषता

भोपाल, मुर्गी पालन किसानों की आय बढ़ाने का मुख्य साधन है। अगर किसान अच्छी नस्ल की मुर्गियों का चुनाव करने में सतर्कता बरते तो ...

घर बैठे होगा पशुओं का उपचार, एक फोन पर पहुंचेगा अस्पताल 

बीमार पशुओं तक चिकित्सा सुविधा पहुँचाने के लिए भोपाल में 406 पशु चिकित्सा इकाई (पशु एंबुलेंस) तैयार करने की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। इन पशु ऐंबुलेंस में पशुओं के उपचार के लिए सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि अप्रैल से यह व्यवस्था शुरू करने के प्रयास किये जा रहे है।

पालतू कुत्ते, बिल्ली, गाय, भैंस का कराना होगा रजिस्ट्रेशन, लगेगा सालाना शुल्क

नगरीय विकास और आवास विभाग ने यह व्यवस्था मध्यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 में की है। नियमों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर पशु को माइक्रो चिप, टैग अथवा किसी अन्य संसाधन से एक ब्रांडिंग कोड दिया जाएगा। इसमें पशुओं की श्रेणी में श्वान, बैल, घोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ या अन्य पशु शामिल हो सकते हैं। नियम के अनुसार एक साल बाद रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन रजिस्ट्रेशन शुल्क के 10 प्रतिशत की दर से पैनाल्टी लगेगी।

किसानों लिए खास है धारवाड़ी भैंस, जानिए इसकी खासियत और फायदे

धारवाड़ी भैंस, जीआई टैग मिठाई: पशुपालन के क्षेत्र में भैंस का पालन काफी फायदेमंद माना जाता है। भैंस कम देखभाल में ज्यादा फायदा देने वाली पशु है। सरकार अब देसी नश्लों के पालन को बढावा देने के प्रयास में लगी है। राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो ने कई देसी नस्लों को मान्यता दी है, जो दूध उत्पादन के मामले में सर्वश्रेष्ट हैं। इन प्रजातियों में शामिल है कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस, जिसके दूध से धारवाड़ी पेड़ा बनाया जाता है।