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खरगोन के किसानों ने 500 हेक्टेयर में की खास किस्म की मूंगफली की बुआई, होगी बंपर कमाई

sanjay sharma
खरगोन, मौसम में खाली रहने वाले खरगोन के खेतों में किसानों ने गुजरात, बेंगलुरु जैसे राज्यों में पैदा होने वाली मूंगफली की नई किस्में लगाई है। ड्रिप पद्धति के जरिए किसान पौधों को पानी दे रहे है। इससे आने वाले समय में किसान कम पानी में भी बंपर पैदावार के साथ बेहतर मुनाफा कमाएंगे। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 90 फीसदी तक की सब्सिडी भी दी जा रही है।

यहां के कपास को सफेद सोना भी कहते है

भारत एक खेती प्रधान देश है। जलवायु और मिट्टी के आधार अलग-अलग राज्यों में फसलों की पैदावार होती है। मध्य प्रदेश के खरगोन की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा कपास और मिर्च का उत्पादन होता है। प्रदेश में यहां के कपास को सफेद सोना भी कहते है। गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, मूंग, सोयाबीन भी यहां की मुख्य फसलें है।

कम पानी में भी उच्च क्वालिटी के मूंग और मूंगफली की खेती कर रहे हैं किसान

खरगोन की जलवायु उष्णकटिबंधीय एवं शुष्क होने से गर्मी के दिनों में खेतो में नमी कम हो जाती है। पानी पर्याप्त नहीं मिलता है। इसलिए गर्मी के दिनों में किसानों के खेत खाली रहते है। लेकिन इस साल किसानों के खेत खाली नहीं है। कम पानी में भी किसान उच्च क्वालिटी के मूंग और मूंगफली की खेती कर रहे है।

कर्नाटक बेंगलुरु से मंगवाए 400 क्विंटल बीज

किसान कल्याण तथा विकास विभाग खरगोन के उप संचालक एमएल चौहान ने कहा कि गर्मी के मौसम में अतिरिक्त आय के लिए किसान खाली खेतों में मूंग, मक्का और सोयाबीन लगाते है। इस साल किसानों को विभाग ने सब्सिडी पर उच्च क्वालिटी के मूंगफली की वैरायटी – कादरी लेपास्ट के 400 क्विंटल बीज उपलब्ध कराए है। यें बीज कर्नाटक बेंगलुरु से मंगवाए है। जिले में 500 हेक्टेयर में किसानों ने मूंगफली की इस वैरायटी की बुआई की है।

मूंग की तीन वैरायटी मूंग, शिखा और विराट किस्म के भी 400 क्विंटल बीज उपलब्ध कराए  

इसी प्रकार खरगोन की सहकारी संस्थाओं से मूंग की तीन वैरायटी मूंग, शिखा और विराट किस्म के भी 400 क्विंटल बीज 500 हेक्टेयर में किसानों को उपलब्ध कराए है। मूंग और मूंगफली दोनों ही फसलों में किसान ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर रहे है। यें किस्में उष्णकटिबंधीय जलवायु में कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।

1200 हेक्टेयर में मूंगफली लगा है

उप संचालक एमएल चौहान ने बताया कि गर्मी के सीजन में इस साल खरगोन में लगभग 10,000 हेक्टेयर खेती का रकबा है। लगभग 7000 हेक्टेयर में मूंग, 2000 हेक्टेयर में मक्का, 1200 हेक्टेयर में मूंगफली, 300 हेक्टेयर में सोयाबीन लगा है। इसमें बाहर से बुलाई नई वैरायटी की मूंगफली 500 हेक्टेयर में किसानों ने लगाई है।

90 फीसदी सब्सिडी पर मूंगफली के बीज दिए 

एमएल चौहान ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सौ फीसदी सब्सिडी पर मूंग के बीज उपलब्ध कराए है। जबकि 90 फीसदी सब्सिडी पर मूंगफली के बीज दिए है। सिर्फ 10 प्रतिशत राशि का किसानों को करना है। नया किसान भी सब्सिडी के तरह लाभ लेना चाहते है तो अपने नजदीकी विकासखंड में वरिष्ठ कृषि अधिकारी से संपर्क करके बीज प्राप्त कर सकते है।

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– देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

खरगोन के किसानों ने 500 हेक्टेयर में की खास किस्म की मूंगफली की बुआई, होगी बंपर कमाई

sanjay sharma
खरगोन, मौसम में खाली रहने वाले खरगोन के खेतों में किसानों ने गुजरात, बेंगलुरु जैसे राज्यों में पैदा होने वाली मूंगफली की नई किस्में लगाई है। ड्रिप पद्धति के जरिए किसान पौधों को पानी दे रहे है। इससे आने वाले समय में किसान कम पानी में भी बंपर पैदावार के साथ बेहतर मुनाफा कमाएंगे। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 90 फीसदी तक की सब्सिडी भी दी जा रही है।

यहां के कपास को सफेद सोना भी कहते है

भारत एक खेती प्रधान देश है। जलवायु और मिट्टी के आधार अलग-अलग राज्यों में फसलों की पैदावार होती है। मध्य प्रदेश के खरगोन की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा कपास और मिर्च का उत्पादन होता है। प्रदेश में यहां के कपास को सफेद सोना भी कहते है। गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, मूंग, सोयाबीन भी यहां की मुख्य फसलें है।

कम पानी में भी उच्च क्वालिटी के मूंग और मूंगफली की खेती कर रहे हैं किसान

खरगोन की जलवायु उष्णकटिबंधीय एवं शुष्क होने से गर्मी के दिनों में खेतो में नमी कम हो जाती है। पानी पर्याप्त नहीं मिलता है। इसलिए गर्मी के दिनों में किसानों के खेत खाली रहते है। लेकिन इस साल किसानों के खेत खाली नहीं है। कम पानी में भी किसान उच्च क्वालिटी के मूंग और मूंगफली की खेती कर रहे है।

कर्नाटक बेंगलुरु से मंगवाए 400 क्विंटल बीज

किसान कल्याण तथा विकास विभाग खरगोन के उप संचालक एमएल चौहान ने कहा कि गर्मी के मौसम में अतिरिक्त आय के लिए किसान खाली खेतों में मूंग, मक्का और सोयाबीन लगाते है। इस साल किसानों को विभाग ने सब्सिडी पर उच्च क्वालिटी के मूंगफली की वैरायटी – कादरी लेपास्ट के 400 क्विंटल बीज उपलब्ध कराए है। यें बीज कर्नाटक बेंगलुरु से मंगवाए है। जिले में 500 हेक्टेयर में किसानों ने मूंगफली की इस वैरायटी की बुआई की है।

मूंग की तीन वैरायटी मूंग, शिखा और विराट किस्म के भी 400 क्विंटल बीज उपलब्ध कराए  

इसी प्रकार खरगोन की सहकारी संस्थाओं से मूंग की तीन वैरायटी मूंग, शिखा और विराट किस्म के भी 400 क्विंटल बीज 500 हेक्टेयर में किसानों को उपलब्ध कराए है। मूंग और मूंगफली दोनों ही फसलों में किसान ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर रहे है। यें किस्में उष्णकटिबंधीय जलवायु में कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।

1200 हेक्टेयर में मूंगफली लगा है

उप संचालक एमएल चौहान ने बताया कि गर्मी के सीजन में इस साल खरगोन में लगभग 10,000 हेक्टेयर खेती का रकबा है। लगभग 7000 हेक्टेयर में मूंग, 2000 हेक्टेयर में मक्का, 1200 हेक्टेयर में मूंगफली, 300 हेक्टेयर में सोयाबीन लगा है। इसमें बाहर से बुलाई नई वैरायटी की मूंगफली 500 हेक्टेयर में किसानों ने लगाई है।

90 फीसदी सब्सिडी पर मूंगफली के बीज दिए 

एमएल चौहान ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सौ फीसदी सब्सिडी पर मूंग के बीज उपलब्ध कराए है। जबकि 90 फीसदी सब्सिडी पर मूंगफली के बीज दिए है। सिर्फ 10 प्रतिशत राशि का किसानों को करना है। नया किसान भी सब्सिडी के तरह लाभ लेना चाहते है तो अपने नजदीकी विकासखंड में वरिष्ठ कृषि अधिकारी से संपर्क करके बीज प्राप्त कर सकते है।

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