होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

मधुमक्‍खी पालन से मालामाल होंगे किसान, दूध की तरह विकसित होगा शहद उद्योग

डेयरी नेटवर्क के प्रयोग करते हुए वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली, भारत में मौजूदा समय में भी देश के अंदर मधुमक्‍खी पालन बड़े स्‍तर पर शहद का न‍िर्यात भी क‍िया जा रहा है, लेक‍िन देश के शहद को एक सशक्‍त पहचान नहीं म‍िल पाई हैं। इससे शहद उत्‍पाद‍ित करने वाले क‍िसानों को भी फायदा नहीं म‍िल पाता है। हालांक‍ि अब इसके ल‍िए प्रयास शुरू होने लगे हैं। ज‍िसके तहत देश का डेयरी कॉपरेट‍िव नेटवर्क देश के शहद को नए ‘पंख’ लगाने जा रहा है। ज‍िसमें शहद को दूध की तरह ही स्‍वतंत्र उद्यम के तौर पर व‍िकस‍ित करने की योजना है। मधुमक्‍खी पालन का ज‍िक्र वेद और पुराणों में भी म‍िलता है।

आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था। इसके अलावा कई राज्यों द्वारा इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है। किसानों के लिए ये व्यापार फायदे का सौदा इसलिए भी है क्योंकि इसकी शुरूआत के लिए ज्यादा पैसे नहीं लगाने पड़ते हैं।

ऑनलाइन सेम‍िनार का आयाेजन क‍िया गया
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और नेशनल बी बोर्ड (एनबीबी) की तरफ से  बुधवार को राष्‍ट्रीय मधुमक्‍खी पालन और शहद म‍िशन के तहत एक ऑनलाइन सेम‍िनार का आयाेजन क‍िया गया। इस दौरान एनडीडीबी के अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन को देश में एक स्‍वतंत्र उद्यम के तौर पर व‍िकस‍ित क‍िया जा सकता है। उन्‍होंने कहा क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के डेयरी नेटवर्क को देखते शहद को स्‍वीट क्रांत‍ि के तौर पर बढ़ाने का आहृवान क‍िया था। उसी क्रम में हम डेयरी नेटवर्क के प्रयोग करते हुए वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

डेयरी कॉपरेट‍िव के पास एक स्‍थाप‍ित वैल्‍यू चैन : शाह
एनडीडीबी के अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि क‍िसानों तक पहुंच होने की वजह से देश के डेयरी कॉपरेट‍िव मधुमक्‍खी पालन को बढ़ावा देने में एक सक्षम माध्‍यम है। उन्‍होंने कहा क‍ि हम क‍िसान और मधुमक्‍खी पालकों को संगठ‍ित करके एक क‍िसान उत्‍पादक संगठन के ल‍िए भी काम कर रहे हैं।उन्‍होंने कहा क‍ि डेयरी कॉपरेट‍िव के पास एक स्‍थाप‍ित वैल्‍यू चैन है, ज‍िसमें दूध की खरीद, प्रंसस्‍करण और व‍िपणन  शाम‍िल है। यह चैन शहद के ल‍िए भी कामयाब हो सकती है। उन्‍होंने कहा क‍ि क‍िसान वैज्ञान‍िक तरीके से शहद का अध‍िक से अध‍िक उत्‍पादन कम से कम मूल्‍य में करें, इसके ल‍िए क‍िसानों को प्रोत्‍साह‍ित क‍िया करना जरूरी है। उन्‍होंने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन कृष‍ि और बागवानी फसलों का उत्‍पादन बढ़ाने में भी सहायक है।

क‍िसानों को अत‍िर‍िक्‍त आय देने की अच्‍छी संभावना
एनडीडीबी अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन में स्‍वरोजगार और क‍िसानों को अत‍िर‍िक्‍त आय देने की अच्‍छी संभावना है। उन्‍होंने कहा क‍ि एनडीडीबी ने वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन को बढ़ावा देने के ल‍िए देश भर में क‍िसानों को प्रश‍िक्षण देना शुरू कर द‍िया है, ज‍िसमें केवीके और डेयरी कॉपरेट‍िव नेटवर्क का सहयोग ल‍िया जा रहा है। शाह ने बताया क‍ि एनडीडीबी 40 प्रश‍िक्षण कार्यक्रम कर चुका हैं, ज‍िसमें 1100 क‍िसानों ने ह‍िस्‍सा ल‍िया था।

देशभर में बनाए जा चुके हैं 55 क‍िसान उत्‍पादक संगठन
सम्‍मेलन में नेशनल बी बोर्ड के कार्यकारी न‍िदेशक एनके पाटले ने बताया क‍ि यह सम्‍मेलन शहद के अलावा मधुमक्‍खी पालन के दौरान उत्‍पाद‍ित होने वाले अन्‍य उत्‍पादों के बारे में जानकारी देने के ल‍िए है, ज‍ि‍समें वैक्‍श प्रमुख है। उन्‍होंने कहा क‍ि मौजूद समय में मधुमक्‍खी के वैक्‍श की मांग फार्मा के साथ ही कॉस्‍मेट‍िक उद्योग में बढ़ी है। साथ ही उन्‍होंने कहा है क‍ि बोर्ड मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन को बढ़ावा देने के ल‍िए देशभर में 100 क‍िसान उत्‍पादक संगठन बना रहा है, ज‍िसमें से 55 बनाए जा चुके हैं।वहीं उन्‍होंने बताया क‍ि देशभर में 3 शहद परीक्षण केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही मधुमक्‍खी ब्रीड‍िंंग सेंटर भी बनाए जा रहे हैं।

मीठे की जरूरतों को पूरा करने के ल‍िए शहद का प्रयोग
दुन‍ियाभर में बढ़ती बीमार‍ियों के बाद से दुन‍िया के कई देशाें में कृत्र‍िम म‍िठास की जगह प्राकृत‍िक म‍िठास की चाहत बढ़ी है। इसके तहत ब्र‍िटेन समेत कई देशों के लोग अपनी शरीर के मीठे की जरूरतों को पूरा करने के ल‍िए शहद का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं कई कंपन‍ियां शहद से बने खाद्य प्रदार्थों को बढ़ावा दे रही हैं।

मधुमक्‍खी पालन से मालामाल होंगे किसान, दूध की तरह विकसित होगा शहद उद्योग

डेयरी नेटवर्क के प्रयोग करते हुए वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन बढ़ाने पर जोर

नई दिल्ली, भारत में मौजूदा समय में भी देश के अंदर मधुमक्‍खी पालन बड़े स्‍तर पर शहद का न‍िर्यात भी क‍िया जा रहा है, लेक‍िन देश के शहद को एक सशक्‍त पहचान नहीं म‍िल पाई हैं। इससे शहद उत्‍पाद‍ित करने वाले क‍िसानों को भी फायदा नहीं म‍िल पाता है। हालांक‍ि अब इसके ल‍िए प्रयास शुरू होने लगे हैं। ज‍िसके तहत देश का डेयरी कॉपरेट‍िव नेटवर्क देश के शहद को नए ‘पंख’ लगाने जा रहा है। ज‍िसमें शहद को दूध की तरह ही स्‍वतंत्र उद्यम के तौर पर व‍िकस‍ित करने की योजना है। मधुमक्‍खी पालन का ज‍िक्र वेद और पुराणों में भी म‍िलता है।

आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था। इसके अलावा कई राज्यों द्वारा इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है। किसानों के लिए ये व्यापार फायदे का सौदा इसलिए भी है क्योंकि इसकी शुरूआत के लिए ज्यादा पैसे नहीं लगाने पड़ते हैं।

ऑनलाइन सेम‍िनार का आयाेजन क‍िया गया
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और नेशनल बी बोर्ड (एनबीबी) की तरफ से  बुधवार को राष्‍ट्रीय मधुमक्‍खी पालन और शहद म‍िशन के तहत एक ऑनलाइन सेम‍िनार का आयाेजन क‍िया गया। इस दौरान एनडीडीबी के अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन को देश में एक स्‍वतंत्र उद्यम के तौर पर व‍िकस‍ित क‍िया जा सकता है। उन्‍होंने कहा क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के डेयरी नेटवर्क को देखते शहद को स्‍वीट क्रांत‍ि के तौर पर बढ़ाने का आहृवान क‍िया था। उसी क्रम में हम डेयरी नेटवर्क के प्रयोग करते हुए वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

डेयरी कॉपरेट‍िव के पास एक स्‍थाप‍ित वैल्‍यू चैन : शाह
एनडीडीबी के अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि क‍िसानों तक पहुंच होने की वजह से देश के डेयरी कॉपरेट‍िव मधुमक्‍खी पालन को बढ़ावा देने में एक सक्षम माध्‍यम है। उन्‍होंने कहा क‍ि हम क‍िसान और मधुमक्‍खी पालकों को संगठ‍ित करके एक क‍िसान उत्‍पादक संगठन के ल‍िए भी काम कर रहे हैं।उन्‍होंने कहा क‍ि डेयरी कॉपरेट‍िव के पास एक स्‍थाप‍ित वैल्‍यू चैन है, ज‍िसमें दूध की खरीद, प्रंसस्‍करण और व‍िपणन  शाम‍िल है। यह चैन शहद के ल‍िए भी कामयाब हो सकती है। उन्‍होंने कहा क‍ि क‍िसान वैज्ञान‍िक तरीके से शहद का अध‍िक से अध‍िक उत्‍पादन कम से कम मूल्‍य में करें, इसके ल‍िए क‍िसानों को प्रोत्‍साह‍ित क‍िया करना जरूरी है। उन्‍होंने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन कृष‍ि और बागवानी फसलों का उत्‍पादन बढ़ाने में भी सहायक है।

क‍िसानों को अत‍िर‍िक्‍त आय देने की अच्‍छी संभावना
एनडीडीबी अध्‍यक्ष मीनेश शाह ने कहा क‍ि मधुमक्‍खी पालन में स्‍वरोजगार और क‍िसानों को अत‍िर‍िक्‍त आय देने की अच्‍छी संभावना है। उन्‍होंने कहा क‍ि एनडीडीबी ने वैज्ञान‍िक तरीके से मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन को बढ़ावा देने के ल‍िए देश भर में क‍िसानों को प्रश‍िक्षण देना शुरू कर द‍िया है, ज‍िसमें केवीके और डेयरी कॉपरेट‍िव नेटवर्क का सहयोग ल‍िया जा रहा है। शाह ने बताया क‍ि एनडीडीबी 40 प्रश‍िक्षण कार्यक्रम कर चुका हैं, ज‍िसमें 1100 क‍िसानों ने ह‍िस्‍सा ल‍िया था।

देशभर में बनाए जा चुके हैं 55 क‍िसान उत्‍पादक संगठन
सम्‍मेलन में नेशनल बी बोर्ड के कार्यकारी न‍िदेशक एनके पाटले ने बताया क‍ि यह सम्‍मेलन शहद के अलावा मधुमक्‍खी पालन के दौरान उत्‍पाद‍ित होने वाले अन्‍य उत्‍पादों के बारे में जानकारी देने के ल‍िए है, ज‍ि‍समें वैक्‍श प्रमुख है। उन्‍होंने कहा क‍ि मौजूद समय में मधुमक्‍खी के वैक्‍श की मांग फार्मा के साथ ही कॉस्‍मेट‍िक उद्योग में बढ़ी है। साथ ही उन्‍होंने कहा है क‍ि बोर्ड मधुमक्‍खी पालन और शहद उत्‍पादन को बढ़ावा देने के ल‍िए देशभर में 100 क‍िसान उत्‍पादक संगठन बना रहा है, ज‍िसमें से 55 बनाए जा चुके हैं।वहीं उन्‍होंने बताया क‍ि देशभर में 3 शहद परीक्षण केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही मधुमक्‍खी ब्रीड‍िंंग सेंटर भी बनाए जा रहे हैं।

मीठे की जरूरतों को पूरा करने के ल‍िए शहद का प्रयोग
दुन‍ियाभर में बढ़ती बीमार‍ियों के बाद से दुन‍िया के कई देशाें में कृत्र‍िम म‍िठास की जगह प्राकृत‍िक म‍िठास की चाहत बढ़ी है। इसके तहत ब्र‍िटेन समेत कई देशों के लोग अपनी शरीर के मीठे की जरूरतों को पूरा करने के ल‍िए शहद का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं कई कंपन‍ियां शहद से बने खाद्य प्रदार्थों को बढ़ावा दे रही हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment