विदिशा, विदिशा में गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र के माध्यम से 20 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर गैस से निकली स्लरी से जैविक खाद तैयार की जा रही है जिसे किसान स्वयं अपने खेतों में ले जाकर फसल और सब्जी उत्पादन में उपयोग कर रहे हैं। बायोगैस संयंत्र के माध्यम से 85 क्यूबिक घन मीटर गैस प्राप्त हो रही है जिसे हितग्राही अपने घरेलू और गौशालाओं में उपयोग कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र का निर्माण ग्राम पंचायत सुनपुरा में दयोदय गौशाला में किया जा रहा है।
दयोदय गौशाला में लगभग 1100 गौवंश हैं। जिनसे 6000 किलो गोबर प्रतिदिन प्राप्त होता है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र कुल 85 घन मीटर का है, जिसमें कुल 4 टन की फिडिंग प्रतिदिन की जाती है। संयंत्र से 600 किलो प्रॉम जैविक खाद गोरी रत्न के नाम से प्रतिदिन निर्माण की जा रही है। बायोगैस संयंत्र से तरल अपशिष्ट अपनी स्लरी के रूप में प्राप्त होता है, जिसे किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र के माध्यम से कुल 20 हितग्राहियों द्वारा मीथेन गोबर गैस का उपयोग किया जा रहा है।
गौशाला द्वारा संचालित बायोगैस संयंत्र से भविष्य में जैविक खाद को व्यावसायिक स्तर पर विक्रय किए जाने की रणनीति है और जैविक खाद को लैब में प्रशिक्षण हेतु भी भेजा जा रहा है जिससे उसमें पाए जाने वाले माइक्रो एवं मैक्रो न्यूट्रियेंट कंपोजिशन की जानकारी के साथ टैग मार्क के साथ कृषकों को उपलब्ध कराई जा रही है।
गोवर्धन बायोगैस संयंत्र से प्रतिदिन 400 किलो ठोस अपशिष्ट गोबर में 400 किलो रॉक फॉस्फेट कुल 800 किलो में से 20 प्रतिशत नमी को घटाने के बाद 600 किलो प्रॉम जैविक खाद गौरी रत्न के नाम से प्रतिदिन निर्माण की जा रही है। जिसको 10 रुपये प्रति किलो के मान से कृषकों को विक्रय किया जा रहा है।
बायोगैस संयंत्र से 3600 लीटर तरल अपशिष्ट (पानी) स्लरी के रूप में प्राप्त होता है, जिसे लगभग 1-2 टैंकरों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र के माध्यम से कुल 42 किलो गैस लगभग तीन सिलेंडर के बराबर मीथेन गैस हितग्राहियों को कनेक्शन के माध्यम से भोजन पकाने के लिए उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें सुनपुरा ग्राम की भैरोपुरा बस्ती एवं दयोदय गौशाला अंतर्गत 15 कनेक्शन व्यक्तिगत और पांच कनेक्शन गौशाला में दिए जा चुके हैं। सभी हितग्राहियों द्वारा एवं गौशाला में गोबर गैस का उपयोग किया जा रहा है। बायोगैस से निकली हुई स्लरी को सीधे ही कृषकों द्वारा संयंत्र से टैंकर में भरकर ले जा रहे हैं। प्रति टैंकर लगभग 2000 की आय प्राप्त हो रही है। गौशाला प्रांगण में 52 यूनिट वर्मी कंपोस्ट लगाई गई है जिसे लगभग दो लाख रुपये प्रति वर्ष आय प्राप्त हो रही है।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता के द्वारा भी गौशाला का भ्रमण किया गया था बायोगैस संयंत्र का निरीक्षण कर उन्होंने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए थे। बायोगैस से 20 घरों में भोजन पकाने के लिए बायोगैस से निर्मित गैस का उपयोग किया जा रहा है। उक्त बायोगैस संयंत्र का समय-समय पर राज्य स्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण भी किया जाता है।
क्षमता 85 घन मीटर, और लागत 45.48 लाख
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला पंचायत विदिशा के द्वारा गौशाला उदयगिरि ग्राम सुनपुरा में बायोगैस प्लांट का निर्माण का कार्य गोपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड पशुपालन एवं डेयरी विभाग भोपाल के द्वारा किया गया है। जिसकी क्षमता 85 घन मीटर है और लागत 45.48 लाख है। बायोगैस संयंत्र से 85 क्यूविक घन मीटर गैस प्राप्त हो रही है। सुनपुरा की भैरोपुर बस्ती एवं दयोदय गौशाला में कुल 20 कनेक्शन दिए गए हैं। सभी वर्ग के हितग्राहियों एवं गौशाला में गोबर गैस का उपयोग भोजन पकाने में किया जा रहा है। गोबर गैस से निकली स्लरी से जैविक खाद तैयार की जा रही है एवं लिक्विड को किसान स्वयं अपने खेतों में ले जाकर फसल एवं सब्जी उत्पादन में उपयोग कर रहे हैं।
ये हैं योजना से लाभान्वित हितग्राही
गोवर्धन प्लांट की बायोगैस का जिन हितग्राहियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है उनमें भैरोपुर की श्रीमती रेखा बाई यादव, श्रीमती सुनीता बाई , श्रीमती आशाबाई, प्रीतम सिंह, श्रीमती ज्योति बाई जाटव, श्रीमती लक्ष्मी बाई, श्रीमती शारदाबाई, श्रीमती शीला बाई, श्रीमती शीलाबाई पाल, श्रीमती सविता बाई, श्रीमती भगवती बाई, श्रीमती राजबाई, श्रीमती सरस्वती बाई, श्रीमती लक्ष्मीबाई अहिरवार, श्रीमती गरजाबाई चिढ़ार, श्रीमती रीना बाई, श्रीमती राजबाई और राजेन्द्र जैन द्वारा गौशाला में, एक मंदिर की गौशाला में तथा एक भोजन शाला की गौशाला में बायोगैस संयंत्र का उपयोग किया जा रहा है, इस प्रकार कुल स्थलों पर गोवर्धन प्लांट की बायोगैस योजना का लाभ लिया जा रहा है।
गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र से विदिशा के 15 हितग्राहियों और 5 गौशालाओं को मिल रहा लाभ
विदिशा, विदिशा में गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र के माध्यम से 20 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर गैस से निकली स्लरी से जैविक खाद तैयार की जा रही है जिसे किसान स्वयं अपने खेतों में ले जाकर फसल और सब्जी उत्पादन में उपयोग कर रहे हैं। बायोगैस संयंत्र के माध्यम से 85 क्यूबिक घन मीटर गैस प्राप्त हो रही है जिसे हितग्राही अपने घरेलू और गौशालाओं में उपयोग कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र का निर्माण ग्राम पंचायत सुनपुरा में दयोदय गौशाला में किया जा रहा है।
दयोदय गौशाला में लगभग 1100 गौवंश हैं। जिनसे 6000 किलो गोबर प्रतिदिन प्राप्त होता है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र कुल 85 घन मीटर का है, जिसमें कुल 4 टन की फिडिंग प्रतिदिन की जाती है। संयंत्र से 600 किलो प्रॉम जैविक खाद गोरी रत्न के नाम से प्रतिदिन निर्माण की जा रही है। बायोगैस संयंत्र से तरल अपशिष्ट अपनी स्लरी के रूप में प्राप्त होता है, जिसे किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र के माध्यम से कुल 20 हितग्राहियों द्वारा मीथेन गोबर गैस का उपयोग किया जा रहा है।
गौशाला द्वारा संचालित बायोगैस संयंत्र से भविष्य में जैविक खाद को व्यावसायिक स्तर पर विक्रय किए जाने की रणनीति है और जैविक खाद को लैब में प्रशिक्षण हेतु भी भेजा जा रहा है जिससे उसमें पाए जाने वाले माइक्रो एवं मैक्रो न्यूट्रियेंट कंपोजिशन की जानकारी के साथ टैग मार्क के साथ कृषकों को उपलब्ध कराई जा रही है।
गोवर्धन बायोगैस संयंत्र से प्रतिदिन 400 किलो ठोस अपशिष्ट गोबर में 400 किलो रॉक फॉस्फेट कुल 800 किलो में से 20 प्रतिशत नमी को घटाने के बाद 600 किलो प्रॉम जैविक खाद गौरी रत्न के नाम से प्रतिदिन निर्माण की जा रही है। जिसको 10 रुपये प्रति किलो के मान से कृषकों को विक्रय किया जा रहा है।
बायोगैस संयंत्र से 3600 लीटर तरल अपशिष्ट (पानी) स्लरी के रूप में प्राप्त होता है, जिसे लगभग 1-2 टैंकरों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। गोवर्धन बायोगैस संयंत्र के माध्यम से कुल 42 किलो गैस लगभग तीन सिलेंडर के बराबर मीथेन गैस हितग्राहियों को कनेक्शन के माध्यम से भोजन पकाने के लिए उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें सुनपुरा ग्राम की भैरोपुरा बस्ती एवं दयोदय गौशाला अंतर्गत 15 कनेक्शन व्यक्तिगत और पांच कनेक्शन गौशाला में दिए जा चुके हैं। सभी हितग्राहियों द्वारा एवं गौशाला में गोबर गैस का उपयोग किया जा रहा है। बायोगैस से निकली हुई स्लरी को सीधे ही कृषकों द्वारा संयंत्र से टैंकर में भरकर ले जा रहे हैं। प्रति टैंकर लगभग 2000 की आय प्राप्त हो रही है। गौशाला प्रांगण में 52 यूनिट वर्मी कंपोस्ट लगाई गई है जिसे लगभग दो लाख रुपये प्रति वर्ष आय प्राप्त हो रही है।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता के द्वारा भी गौशाला का भ्रमण किया गया था बायोगैस संयंत्र का निरीक्षण कर उन्होंने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए थे। बायोगैस से 20 घरों में भोजन पकाने के लिए बायोगैस से निर्मित गैस का उपयोग किया जा रहा है। उक्त बायोगैस संयंत्र का समय-समय पर राज्य स्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण भी किया जाता है।
क्षमता 85 घन मीटर, और लागत 45.48 लाख
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला पंचायत विदिशा के द्वारा गौशाला उदयगिरि ग्राम सुनपुरा में बायोगैस प्लांट का निर्माण का कार्य गोपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड पशुपालन एवं डेयरी विभाग भोपाल के द्वारा किया गया है। जिसकी क्षमता 85 घन मीटर है और लागत 45.48 लाख है। बायोगैस संयंत्र से 85 क्यूविक घन मीटर गैस प्राप्त हो रही है। सुनपुरा की भैरोपुर बस्ती एवं दयोदय गौशाला में कुल 20 कनेक्शन दिए गए हैं। सभी वर्ग के हितग्राहियों एवं गौशाला में गोबर गैस का उपयोग भोजन पकाने में किया जा रहा है। गोबर गैस से निकली स्लरी से जैविक खाद तैयार की जा रही है एवं लिक्विड को किसान स्वयं अपने खेतों में ले जाकर फसल एवं सब्जी उत्पादन में उपयोग कर रहे हैं।
ये हैं योजना से लाभान्वित हितग्राही
गोवर्धन प्लांट की बायोगैस का जिन हितग्राहियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है उनमें भैरोपुर की श्रीमती रेखा बाई यादव, श्रीमती सुनीता बाई , श्रीमती आशाबाई, प्रीतम सिंह, श्रीमती ज्योति बाई जाटव, श्रीमती लक्ष्मी बाई, श्रीमती शारदाबाई, श्रीमती शीला बाई, श्रीमती शीलाबाई पाल, श्रीमती सविता बाई, श्रीमती भगवती बाई, श्रीमती राजबाई, श्रीमती सरस्वती बाई, श्रीमती लक्ष्मीबाई अहिरवार, श्रीमती गरजाबाई चिढ़ार, श्रीमती रीना बाई, श्रीमती राजबाई और राजेन्द्र जैन द्वारा गौशाला में, एक मंदिर की गौशाला में तथा एक भोजन शाला की गौशाला में बायोगैस संयंत्र का उपयोग किया जा रहा है, इस प्रकार कुल स्थलों पर गोवर्धन प्लांट की बायोगैस योजना का लाभ लिया जा रहा है।
गोवर्धन योजना बायोगैस संयंत्र से विदिशा के 15 हितग्राहियों और 5 गौशालाओं को मिल रहा लाभ




