होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ ने लगाया कृमिनाशक शिविर, किया 112 पशुओं का उपचार

टीकमगढ, कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ द्वारा  ग्राम  पुरैनिया पलेरा, मे दिनांक 17 अगस्त 2021 को कृमिनाषक शिविर का आयोजन किया गया । शिविर मे 112 पशु जिनमे बकरी, बछड़े एवं बड़े पशुओं को कृमिनाषक दवाई देकर निःषुल्क उपचार किया गया शिविर में 44 कृषक लाभन्वित हुये।

कृमिनाषक शिविर मे अध्यक्ष जिला पंचायत पर्वतालाल अहिरवार के मुख्य आतिथ्य में कृषको को कृमियों द्वारा पशुओं को होने वाली हानि के बारे में बताया एवं पशुओ की रोगप्रतिरोधक क्षमता एव  उनका उत्पादन पर कुप्रभाव को भी बताया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डा. बी. एस. किरार द्वारा पशुओं को कृमियों  से बचाने के बारे में जानकारी दी गई । पशु वैज्ञानिक डा संदीप खरें द्वारा षिविर का आयोजन एवं पशुओं का उपचार किया गया । षिविर में  डा यू. एस. धाकड़ ने बताया कि पौषक तत्वो से भरपुर हरे चारे का उपयोग कर पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।  हरे चार हेतु नेपियर हाइब्रिड बाजरा, गनी घास, मक्का, ज्वार$लोविया का चारे की उन्नत तकनीक से अवगत कराया गया । 

कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ ने लगाया कृमिनाशक शिविर, किया 112 पशुओं का उपचार

टीकमगढ, कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ द्वारा  ग्राम  पुरैनिया पलेरा, मे दिनांक 17 अगस्त 2021 को कृमिनाषक शिविर का आयोजन किया गया । शिविर मे 112 पशु जिनमे बकरी, बछड़े एवं बड़े पशुओं को कृमिनाषक दवाई देकर निःषुल्क उपचार किया गया शिविर में 44 कृषक लाभन्वित हुये।

कृमिनाषक शिविर मे अध्यक्ष जिला पंचायत पर्वतालाल अहिरवार के मुख्य आतिथ्य में कृषको को कृमियों द्वारा पशुओं को होने वाली हानि के बारे में बताया एवं पशुओ की रोगप्रतिरोधक क्षमता एव  उनका उत्पादन पर कुप्रभाव को भी बताया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख डा. बी. एस. किरार द्वारा पशुओं को कृमियों  से बचाने के बारे में जानकारी दी गई । पशु वैज्ञानिक डा संदीप खरें द्वारा षिविर का आयोजन एवं पशुओं का उपचार किया गया । षिविर में  डा यू. एस. धाकड़ ने बताया कि पौषक तत्वो से भरपुर हरे चारे का उपयोग कर पशुओं का दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।  हरे चार हेतु नेपियर हाइब्रिड बाजरा, गनी घास, मक्का, ज्वार$लोविया का चारे की उन्नत तकनीक से अवगत कराया गया । 

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment