मिर्च की खेती किसान भाइयों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकती है। इसकी डिमांड पूरे साल बनी रहती है, और इसे साल में तीन बार उगाया जा सकता है। हरी और सूखी (लाल) दोनों मिर्चें बाजार में अच्छे दामों में बिकती हैं। कुछ सीजन में हरी मिर्च की कीमत बहुत ज्यादा हो जाती है, जिससे रोज़ाना की कमाई भी बढ़ जाती है।
खेत और नर्सरी की तैयारी
मिर्च की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार करनी होती है। नर्सरी आपको मुख्य खेत में रोपाई से 30-35 दिन पहले बना लेनी चाहिए। नर्सरी में बीज बोने के बाद, खेत की तैयारी करें। खेत में अच्छी तरह से जुताई करके उसमें सड़ी-गली गोबर की खाद डालें। खेत में 1 मीटर चौड़ी क्यारी बनाएं और उसमें लाइन से पौधे लगाएं। पौधों के बीच और लाइनों के बीच 50-50 से.मी. की दूरी रखें।
मिर्च बोने का सही समय
मिर्च को साल में तीन बार लगाया जा सकता है – जनवरी-फरवरी, मई-जून और जून-जुलाई में। अगर किसान भाई मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करें, तो पैदावार और आमदनी दोनों में इज़ाफा होगा। साथ ही समय-समय पर निराई-गुड़ाई और बेकार की घास की सफाई भी ज़रूरी है।
ज्यादा मुनाफा देने वाली किस्में
अगर सही बीज और ज़मीन का चुनाव किया जाए तो मिर्च की खेती से अच्छी आमदनी होती है। मिर्च की खेती उस ज़मीन में करें जहाँ पानी जमा न हो। बीजों की बात करें तो कुछ हाइब्रिड किस्में जैसे – Pusa Sadabahar, Pusa Jwala, KNT 46, K2, KAKA 2, NSC Selection, और Andhra Jyoti अच्छी पैदावार देती हैं। इसके साथ-साथ खाद और कीट नियंत्रण पर भी ध्यान देना जरूरी है। समय-समय पर पोषक तत्वों की पूर्ति करते रहें।