अगर आप किसान हैं और कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो PG-1 किस्म की मूंगफली की खेती आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। यह किस्म कम समय में तैयार होती है और बाजार में इसकी जबरदस्त डिमांड रहती है। चलिए जानते हैं इस किस्म की खेती कैसे की जाती है।
PG-1 मूंगफली की खासियत क्या है?
PG-1 मूंगफली को “बोल्ड” या “रनर” मूंगफली भी कहा जाता है। इसकी मिठास, कुरकुरापन और अच्छी स्टोरेज क्षमता इसे खास बनाती है। इसमें तेल की मात्रा भी अच्छी होती है, जिससे इसका तेल निकालने में भी बढ़िया मुनाफा होता है। यह किस्म बरसाती इलाकों में भी अच्छे से उग जाती है।
खेत की तैयारी और बुवाई कैसे करें?
इस किस्म की खेती के लिए रेतीली-दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें पानी निकासी की सुविधा हो। खेत की गहरी जुताई करें और उसमें गोबर की खाद अच्छी मात्रा में मिलाएं। बुवाई के लिए जून महीना सबसे उपयुक्त रहता है।
बुवाई के लिए आपको एक हेक्टेयर खेत में 60 से 70 किलो बीज की जरूरत पड़ेगी। कतारों के बीच 45 सेमी और पौधों के बीच 15 सेमी की दूरी रखें ताकि पौधे अच्छे से फैल सकें।
फसल कब तैयार होती है?
PG-1 मूंगफली की फसल लगभग 130 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है। यानी जून में बुवाई करने पर अक्टूबर तक आप फसल काट सकते हैं।
कमाई कितनी होगी?
एक हेक्टेयर में PG-1 मूंगफली की खेती से लगभग 20 से 25 क्विंटल तक उपज मिल जाती है। बाजार में इसकी मांग ज्यादा होने के कारण अच्छे दाम भी मिलते हैं। अगर सही देखभाल की जाए, तो किसान इस फसल से लाखों रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं।
PG-1 मूंगफली की खेती मेहनत तो मांगती है, लेकिन बदले में मुनाफा भी खूब देती है। अगर आप भी खेती में नया प्रयोग करना चाहते हैं, तो इस बार PG-1 को जरूर आजमाएं।