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बहुत हो गया टाइम पास आज से ही शुरू करो नीली हल्दी की खेती, भक्कम होगी झमाझम कमाई

आज हम आपको एक ऐसी हल्दी के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ आपकी सेहत को मजबूत बनाएगी, बल्कि अगर किसान भाई इसकी खेती करते हैं, तो वे भी मुनाफे के मामले में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को टक्कर दे सकते हैं। हम बात कर रहे हैं नीली हल्दी (Blue Turmeric) की, जिसकी मांग देश ही नहीं विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है।

इस लेख में आप जानेंगे कि नीली हल्दी की खेती कैसे की जाती है, इसके क्या-क्या फायदे हैं, और कैसे इसकी मदद से आप जबरदस्त कमाई कर सकते हैं।

यह भी पढ़िए :- इसके सेवन से बीमारियां होगी भाग जा सिम- सिम और जवानी का दरवाजा खुल जा सिम-सिम फायदे भी लपक्के, जाने नाम

नीली हल्दी क्या है?

नीली हल्दी को वैज्ञानिक भाषा में Curcuma Caesia कहा जाता है। यह सामान्य पीली हल्दी से बिल्कुल अलग होती है और इसका रंग हल्का नीला होता है। इसमें औषधीय गुणों की भरमार होती है और यह खासतौर पर आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग की जाती है। इसका उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर हृदय रोग, गठिया और अन्य कई समस्याओं में किया जाता है।

नीली हल्दी की खेती कैसे करें?

नीली हल्दी की खेती करना अपेक्षाकृत आसान है लेकिन इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

भूमि का चयन

नीली हल्दी के लिए दोमट मिट्टी (loamy soil) सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जो नरम और जलनिकासी वाली हो। इसकी खेती के लिए पानी का अधिक प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि अधिक नमी से फसल सड़ सकती है।

खेती का समय

इसकी बुआई का सही समय जून से जुलाई का महीना होता है। इस समय में रोपाई करने पर फसल अच्छी होती है और पैदावार भी अधिक मिलती है।

पैदावार और कमाई

एक एकड़ में नीली हल्दी की खेती करने पर करीब 10 से 12 क्विंटल तक उत्पादन संभव है। इसका बाजार मूल्य पीली हल्दी की तुलना में कई गुना अधिक होता है, जिससे किसान को भारी मुनाफा हो सकता है।

यह भी पढ़िए :- पपीता की खेती में मुनाफा ही मुनाफा, कम लागत में होती है ज्यादा कमाई, देखे पूरी डिटेल

नीली हल्दी के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर नीली हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर तत्व पाए जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: नियमित सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। कैंसर से बचाव शोध के अनुसार, यह हल्दी कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक होती है। हृदय रोगों में लाभदायक यह हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है।आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग नीली हल्दी का प्रयोग कई तरह की जड़ी-बूटियों और औषधियों में किया जाता है।

बहुत हो गया टाइम पास आज से ही शुरू करो नीली हल्दी की खेती, भक्कम होगी झमाझम कमाई

आज हम आपको एक ऐसी हल्दी के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ आपकी सेहत को मजबूत बनाएगी, बल्कि अगर किसान भाई इसकी खेती करते हैं, तो वे भी मुनाफे के मामले में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को टक्कर दे सकते हैं। हम बात कर रहे हैं नीली हल्दी (Blue Turmeric) की, जिसकी मांग देश ही नहीं विदेशों में भी तेजी से बढ़ रही है।

इस लेख में आप जानेंगे कि नीली हल्दी की खेती कैसे की जाती है, इसके क्या-क्या फायदे हैं, और कैसे इसकी मदद से आप जबरदस्त कमाई कर सकते हैं।

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नीली हल्दी क्या है?

नीली हल्दी को वैज्ञानिक भाषा में Curcuma Caesia कहा जाता है। यह सामान्य पीली हल्दी से बिल्कुल अलग होती है और इसका रंग हल्का नीला होता है। इसमें औषधीय गुणों की भरमार होती है और यह खासतौर पर आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग की जाती है। इसका उपयोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर हृदय रोग, गठिया और अन्य कई समस्याओं में किया जाता है।

नीली हल्दी की खेती कैसे करें?

नीली हल्दी की खेती करना अपेक्षाकृत आसान है लेकिन इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

भूमि का चयन

नीली हल्दी के लिए दोमट मिट्टी (loamy soil) सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जो नरम और जलनिकासी वाली हो। इसकी खेती के लिए पानी का अधिक प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि अधिक नमी से फसल सड़ सकती है।

खेती का समय

इसकी बुआई का सही समय जून से जुलाई का महीना होता है। इस समय में रोपाई करने पर फसल अच्छी होती है और पैदावार भी अधिक मिलती है।

पैदावार और कमाई

एक एकड़ में नीली हल्दी की खेती करने पर करीब 10 से 12 क्विंटल तक उत्पादन संभव है। इसका बाजार मूल्य पीली हल्दी की तुलना में कई गुना अधिक होता है, जिससे किसान को भारी मुनाफा हो सकता है।

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नीली हल्दी के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर नीली हल्दी में एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कैंसर तत्व पाए जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: नियमित सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। कैंसर से बचाव शोध के अनुसार, यह हल्दी कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक होती है। हृदय रोगों में लाभदायक यह हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है।आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग नीली हल्दी का प्रयोग कई तरह की जड़ी-बूटियों और औषधियों में किया जाता है।

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