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घर में ही पैसो का बैंक खुलवा देगा ये चीनी फ्रूट, अनमोल फायदे और खेती से आएगा पैसा ही पैसा 

घर में ही पैसो का बैंक खुलवा देगा ये चीनी फ्रूट, अनमोल फायदे और खेती से आएगा पैसा ही पैसा आज हम आपको एक अनोखे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे नीला सेब कहा जाता है. ये फल चीन में उगाया जाता है और वहां बिकता भी है. वहां इसकी कमाई बहुत ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि नीले सेब को बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसकी खेती करने वाले किसान काफी अमीर बन जाते हैं. नीला सेब का आयात और निर्यात भी कई देशों में किया जाता है. इसकी कीमत दूसरे देशों में काफी ज्यादा होती है. जिससे आपकी तिजोरी भी भर सकती है. आइए अब जानते हैं इसकी खेती कैसे शुरू की जा सकती है.

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नीला सेब आनुवंशिक बदलाव का नतीजा

नीला सेब की खेती ज्यादातर जापान में होती है. ये सेब प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते, बल्कि इन्हें जेनेटिक मॉडिफिकेशन के जरिए बनाया जाता है. जापान और चीन में कई सालों से नीले सेब उगाए जा रहे हैं ताकि ग्राहकों को एक अलग तरह का फल मिल सके. इस अनोखे फल को उगाने के लिए कई तरह की प्रक्रियाएं की जाती हैं. फिर जाकर ये खास सेब मिल पाता है. नीले सेब की खेती लाल सेब की तरह ही की जाती है, लेकिन इसमें कुछ जेनेटिक बदलाव करके इसका रंग बदल दिया जाता है.

नीला सेब की खेती कैसे करें?

इस सेब की खेती के लिए गहरी, उपजाऊ और दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. मिट्टी का पीएच मान कम से कम 5 से 7 के बीच होना चाहिए. इसके लिए खेत में अच्छी जल निकासी व्यवस्था भी होनी चाहिए. ताकि पानी इकट्ठा ना हो पाए. सेब के पौधे नवंबर से फरवरी के अंत तक लगाए जा सकते हैं. इसके लिए फरवरी का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. सेब की कई उन्नत किस्में भी हैं, जिन्हें लगाकर उनमें कुछ आनुवंशिक बदलाव करके नीले सेब में बदला जा सकता है.

खेत की तैयारी

नीला सेब की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत तैयार करना होगा. इसके लिए जहां सेब के बीज लगाने हैं, वहां खेत में रोपण से पहले दो-तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद, रोटावेटर की मदद से मिट्टी को भुरभुरी बनाना होता है. ताकि इसमें आसानी से खाद डाली जा सके. इसके बाद आपको इसमें कुछ जैविक खाद का इस्तेमाल करना होगा. आप चाहें तो गोबर की खाद भी ले सकते हैं. इसके बाद कुछ गड्ढे तैयार करें और पौधों को 15 से 20 फीट की दूरी पर लगाएं. आप सेब के पौधों को ड्रिप इरिगेशन के जरिए भी सींच सकते हैं. इसे महीने में सिर्फ दो-तीन बार ही सिंचाई की जरूरत होती है. गर्मियों में इन्हें हर हफ्ते और बरसात के मौसम में सिंचाई नहीं करनी चाहिए. पौधों में कीड़े लगने से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशकों का भी इस्तेमाल करना होता है.

नीले सेब के फायदे

नीला सेब को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है. ये हमारे पाचन को बहुत स्वस्थ बनाता है. हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है. फ्री रेडिकल्स को दूर करता है. वजन कम करने में भी सहायक होता है. यह हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसे मधुमेह को दूर करने में मददगार माना जाता है. यह त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. नीले सेब का इस्तेमाल कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी बहुत कारगर माना जाता है.

घर में ही पैसो का बैंक खुलवा देगा ये चीनी फ्रूट, अनमोल फायदे और खेती से आएगा पैसा ही पैसा 

घर में ही पैसो का बैंक खुलवा देगा ये चीनी फ्रूट, अनमोल फायदे और खेती से आएगा पैसा ही पैसा आज हम आपको एक अनोखे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे नीला सेब कहा जाता है. ये फल चीन में उगाया जाता है और वहां बिकता भी है. वहां इसकी कमाई बहुत ज्यादा होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि नीले सेब को बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसकी खेती करने वाले किसान काफी अमीर बन जाते हैं. नीला सेब का आयात और निर्यात भी कई देशों में किया जाता है. इसकी कीमत दूसरे देशों में काफी ज्यादा होती है. जिससे आपकी तिजोरी भी भर सकती है. आइए अब जानते हैं इसकी खेती कैसे शुरू की जा सकती है.

अंग्रेजो की गोरी जवानी का राज है ये अनोखा फल, पोषक तत्वों की है फैक्ट्री कमाई बना देगी अम्बानी

नीला सेब आनुवंशिक बदलाव का नतीजा

नीला सेब की खेती ज्यादातर जापान में होती है. ये सेब प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते, बल्कि इन्हें जेनेटिक मॉडिफिकेशन के जरिए बनाया जाता है. जापान और चीन में कई सालों से नीले सेब उगाए जा रहे हैं ताकि ग्राहकों को एक अलग तरह का फल मिल सके. इस अनोखे फल को उगाने के लिए कई तरह की प्रक्रियाएं की जाती हैं. फिर जाकर ये खास सेब मिल पाता है. नीले सेब की खेती लाल सेब की तरह ही की जाती है, लेकिन इसमें कुछ जेनेटिक बदलाव करके इसका रंग बदल दिया जाता है.

नीला सेब की खेती कैसे करें?

इस सेब की खेती के लिए गहरी, उपजाऊ और दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. मिट्टी का पीएच मान कम से कम 5 से 7 के बीच होना चाहिए. इसके लिए खेत में अच्छी जल निकासी व्यवस्था भी होनी चाहिए. ताकि पानी इकट्ठा ना हो पाए. सेब के पौधे नवंबर से फरवरी के अंत तक लगाए जा सकते हैं. इसके लिए फरवरी का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. सेब की कई उन्नत किस्में भी हैं, जिन्हें लगाकर उनमें कुछ आनुवंशिक बदलाव करके नीले सेब में बदला जा सकता है.

खेत की तैयारी

नीला सेब की खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत तैयार करना होगा. इसके लिए जहां सेब के बीज लगाने हैं, वहां खेत में रोपण से पहले दो-तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद, रोटावेटर की मदद से मिट्टी को भुरभुरी बनाना होता है. ताकि इसमें आसानी से खाद डाली जा सके. इसके बाद आपको इसमें कुछ जैविक खाद का इस्तेमाल करना होगा. आप चाहें तो गोबर की खाद भी ले सकते हैं. इसके बाद कुछ गड्ढे तैयार करें और पौधों को 15 से 20 फीट की दूरी पर लगाएं. आप सेब के पौधों को ड्रिप इरिगेशन के जरिए भी सींच सकते हैं. इसे महीने में सिर्फ दो-तीन बार ही सिंचाई की जरूरत होती है. गर्मियों में इन्हें हर हफ्ते और बरसात के मौसम में सिंचाई नहीं करनी चाहिए. पौधों में कीड़े लगने से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशकों का भी इस्तेमाल करना होता है.

नीले सेब के फायदे

नीला सेब को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा माना जाता है. ये हमारे पाचन को बहुत स्वस्थ बनाता है. हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है. फ्री रेडिकल्स को दूर करता है. वजन कम करने में भी सहायक होता है. यह हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इसे मधुमेह को दूर करने में मददगार माना जाता है. यह त्वचा के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. नीले सेब का इस्तेमाल कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में भी बहुत कारगर माना जाता है.

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