छह राज्यों में जल्द लगेगी प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट
भोपाल/नई दिल्ली। गाय से मिलने वाला घी-दूध ही नहीं, बल्कि गोबर भी आमदनी का जरिया बन गया है। पारंपरिक रूप से खाद के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे गोबर को बेचकर भी पैसा कमाया जा सकता है। गाय के गोबर को कोई और नहीं, बल्कि खुद सरकार खरीदेगी। साथ ही लोगों को आमतौर पर मिलने वाली गोबर की कीमत के मुकाबले चार गुना मोटा पैसा भी देगी। हालांकि अभी इसके लिए मप्र में गौपालकों और गौशाला संचालकों को इंतजार करना पड़ेगा। यह व्यवस्था अभी मप्र में लागू नहीं हो रही है। अभी खादी ग्रामोद्योग आयोग छह राज्यों में जल्द ही गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट डालने जा रहा है। गौरतलब है कि जनवरी में ही राजस्थान के जयपुर में पहली बार खादी ग्रामोद्योग आयोग की ओर से गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाकर लांच किया गया था। हालांकि अब देश के छह बड़े शहरों में भी गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी की जा रही है। इनमें देश की राजधानी दिल्ली सहित अहमदाबाद, बंगलुरू, यूपी के वाराणसी, नासिक और ओडीसा के चौद्वार शहर शामिल हैं।
छह राज्यों का चुनाव
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार केवीआईसी की ओर से छह राज्यों को चुना गया है। यहां के बड़े और प्रमुख शहर में एक-एक यूनिट लगाकर गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा। वहीं जो सबसे खास बात होगी वह यह होगी कि इन्हीं शहरों के आसपास के लोगों से इसके लिए गाय का गोबर खरीदा जाएगा।
एक गाय से मिलेगा चार हजार महीना
केवीआईसी के अधिकारियों का कहना है कि पांच रुपए प्रति किलोग्राम गोबर बेचकर लोगों को काफी मुनाफा हो सकता है। आमतौर पर एक स्वस्थ गाय दिन में 20 से 25 किलोग्राम तक गोबर करती है। ऐसे में पांच रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से देखें तो एक गाय के गोबर को बेचने से ही रोजाना 100 से 125 रुपए तक की कमाई की जा सकती है। साथ ही महीने का तीन हजार से चार हजार रुपए तक एक गाय से कमाया जा सकता है। जबकि गाय का दूध और घी आदि अलग चीजें हैं।
ईको फ्रेंडली पेंट की बढ़ी मांग
छह महीने पहले लांच हुए प्राकृतिक पेंट की मांग लगातार बढ़ रही है। लोग अपने घरों को इससे रंग रहे हैं। कुछ दिन पहले ही खादी ग्रामोद्योग आयोग के वरिष्ठ अधिकारी की ओर से बताया गया था कि इसकी सेल काफी बेहतर है। महज 12 दिन के अंदर गोबर से बना साढ़े तीन हजार लीटर पेंट अभी तक बिक गया था। यह भी तब हुआ जबकि पेंट की बिक्री सिर्फ दिल्ली और जयपुर के दो स्टोर से ही की गई थी। हालांकि अब खादी ग्रामोद्योग ने इसकी ऑनलाइन बिक्री भी शुरू कर दी है।
गडकरी भी करा चुके पेंट
गाय के गोबर से बना प्राकृतिक पेंट को 12 जनवरी को एमएसएमई देख रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लांच किया था। इतना ही नहीं, इस पेंट को लांच करने से पहले नितिन गडकरी ने भी इसका इस्तेमाल अपने आवास की दीवारों पर किया है। वहीं खादी ग्रामोद्योग की कई इमारतों में इसको पेंट किया गया है। इसे बनाने का काम खासतौर पर गौशालाओं में शुरू किया गया है।
इनका कहना है
आम लोगों, गौशालाओं से पांच रुपए किलो गाय का गोबर खरीदा जाएगा। अभी तक लोग एक से डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर पर खाद या परंपरागत चीजों के लिए गाय के गोबर को बेचते रहे हैं। या फिर इसके उपले बनाकर बेचते हैं। जिसमें लागत और श्रम भी लगता है लेकिन अब केवीआईसी इसके करीब चार से पांच गुना ज्यादा दाम देकर गोबर को खरीदेगा।
विनय कुमार सक्सेना, चेयरमैन, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग