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पपीता की खेती में मुनाफा ही मुनाफा, कम लागत में होती है ज्यादा कमाई, देखे पूरी डिटेल

किसानो के लिए मुनाफे का सौदा है पपीता की खेती, कम लागत में होती है ज्यादा कमाई, देखे पूरी डिटेल पारंपरिक खेती के साथ-साथ कई फल और सब्जियों की खेती से किसानों को अच्छी कमाई हो रही है. बड़े पैमाने पर और बहुत कम समय में पपीता की खेती अधिक मुनाफा देती है. पपीता कई बीमारियों के लिए रामबाण है, इसलिए इसकी मांग बाजार में सबसे ज्यादा रहती है. पपीता हर मौसम में बाजार में उपलब्ध रहता है. ऐसे में आप भी अगर पपीता की खेती करते हैं तो इससे लाखों रुपये कमा सकते हैं. पपीते का अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेती में अच्छी किस्म का इस्तेमाल करना होगा. आइए जानते हैं पपीता की उन्नत किस्मों और इसकी खेती के बारे में.

नौकरी का टेंशन छोडो, आज ही कर लो दो महीने में लाखों की कमाई वाली खेती, कम खर्चे में अंधा पैसा

पपीता की खास उन्नतशील किस्में

  • पूसा नाना – यह पपीता की बहुत ही बौनी किस्म है, जिसमें फल जमीन की सतह से 15 से 20 सेमी ऊपर उगना शुरू हो जाते हैं. इसका पौधा गमले में भी लगाया जा सकता है. यह एक द्विलिंगी (dioecious) किस्म है, जो 3 साल तक फल दे सकती है.
  • रेड लेडी – यह काफी लोकप्रिय किस्म है. इसका फल 2 किलो तक वजनी होता है. यह रिंग स्पोट वायरस के प्रति सहनशील होती है.
  • पूसा डेलीशियस – इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और अच्छी पैदावार देते हैं. यह एक ऐसी किस्म है जो अच्छा स्वाद, सुगंध और गहरे नारंगी रंग के फल देती है.
  • पूसा ड्वार्फ – यह पपीता की द्विलिंगी किस्म है, इसके पौधे छोटे होते हैं और अधिक फल देते हैं.
  • पूसा जायंट – इस किस्म का पौधा मजबूत होता है, अच्छी तरह बढ़ता है और तेज हवाओं को सहने की क्षमता रखता है. यह भी एक द्विलिंगी किस्म है.
  • पूसा मैजेस्टी – यह किस्म पपेन देती है. यह नि nematod (नेमाटोड) के प्रति सहनशील होती है.
  • अर्का सूर्या – यह पपीता की जाइنوडायसीस (gynodioecious) किस्म है. यह सोलो और पिंक फ्लेश स्वीट द्वारा विकसित एक संकर किस्म है.

खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

हल्की दोमट या दोमट मिट्टी जिसमे जल निकास अच्छा हो, पपीता की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इस मिट्टी में खेती करने से सबसे ज्यादा पैदावार होती है.

जलवायु

पपीते के बीजों के अंकुरण के लिए सबसे अच्छा तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है. अगर सर्दियों में रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो पौधों की वृद्धि और फल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. बीज बोने का समय जुलाई से सितंबर और फरवरी से मार्च तक का होता है.

पपीता की खेती से मुनाफा

अगर आपने 2 एकड़ जमीन में 2100 पपीता के पौधे लगाए हैं, तो इसकी खेती में साल भर में आपका 1 लाख रुपये खर्च होंगे. वहीं इसकी खेती से किसान 10 लाख रुपये से भी ज्यादा की कमाई कर लेता है. मौसम के हिसाब से इस फल की कीमत 40 रुपये प्रति किलो हो जाती है. इसके अलावा सरकार भी पपीता की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दे रही है. इस तरह किसान पपीता की खेती से लाखों रुपये कमा सकते हैं.

पपीता की खेती में मुनाफा ही मुनाफा, कम लागत में होती है ज्यादा कमाई, देखे पूरी डिटेल

किसानो के लिए मुनाफे का सौदा है पपीता की खेती, कम लागत में होती है ज्यादा कमाई, देखे पूरी डिटेल पारंपरिक खेती के साथ-साथ कई फल और सब्जियों की खेती से किसानों को अच्छी कमाई हो रही है. बड़े पैमाने पर और बहुत कम समय में पपीता की खेती अधिक मुनाफा देती है. पपीता कई बीमारियों के लिए रामबाण है, इसलिए इसकी मांग बाजार में सबसे ज्यादा रहती है. पपीता हर मौसम में बाजार में उपलब्ध रहता है. ऐसे में आप भी अगर पपीता की खेती करते हैं तो इससे लाखों रुपये कमा सकते हैं. पपीते का अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेती में अच्छी किस्म का इस्तेमाल करना होगा. आइए जानते हैं पपीता की उन्नत किस्मों और इसकी खेती के बारे में.

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पपीता की खास उन्नतशील किस्में

  • पूसा नाना – यह पपीता की बहुत ही बौनी किस्म है, जिसमें फल जमीन की सतह से 15 से 20 सेमी ऊपर उगना शुरू हो जाते हैं. इसका पौधा गमले में भी लगाया जा सकता है. यह एक द्विलिंगी (dioecious) किस्म है, जो 3 साल तक फल दे सकती है.
  • रेड लेडी – यह काफी लोकप्रिय किस्म है. इसका फल 2 किलो तक वजनी होता है. यह रिंग स्पोट वायरस के प्रति सहनशील होती है.
  • पूसा डेलीशियस – इसके पौधे मध्यम ऊंचाई के होते हैं और अच्छी पैदावार देते हैं. यह एक ऐसी किस्म है जो अच्छा स्वाद, सुगंध और गहरे नारंगी रंग के फल देती है.
  • पूसा ड्वार्फ – यह पपीता की द्विलिंगी किस्म है, इसके पौधे छोटे होते हैं और अधिक फल देते हैं.
  • पूसा जायंट – इस किस्म का पौधा मजबूत होता है, अच्छी तरह बढ़ता है और तेज हवाओं को सहने की क्षमता रखता है. यह भी एक द्विलिंगी किस्म है.
  • पूसा मैजेस्टी – यह किस्म पपेन देती है. यह नि nematod (नेमाटोड) के प्रति सहनशील होती है.
  • अर्का सूर्या – यह पपीता की जाइنوडायसीस (gynodioecious) किस्म है. यह सोलो और पिंक फ्लेश स्वीट द्वारा विकसित एक संकर किस्म है.

खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

हल्की दोमट या दोमट मिट्टी जिसमे जल निकास अच्छा हो, पपीता की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इस मिट्टी में खेती करने से सबसे ज्यादा पैदावार होती है.

जलवायु

पपीते के बीजों के अंकुरण के लिए सबसे अच्छा तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है. अगर सर्दियों में रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तो पौधों की वृद्धि और फल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. बीज बोने का समय जुलाई से सितंबर और फरवरी से मार्च तक का होता है.

पपीता की खेती से मुनाफा

अगर आपने 2 एकड़ जमीन में 2100 पपीता के पौधे लगाए हैं, तो इसकी खेती में साल भर में आपका 1 लाख रुपये खर्च होंगे. वहीं इसकी खेती से किसान 10 लाख रुपये से भी ज्यादा की कमाई कर लेता है. मौसम के हिसाब से इस फल की कीमत 40 रुपये प्रति किलो हो जाती है. इसके अलावा सरकार भी पपीता की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दे रही है. इस तरह किसान पपीता की खेती से लाखों रुपये कमा सकते हैं.

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