इंदौर, किसानों को सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी उपलब्ध कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भावांतर योजना शुरू की गई है। योजना के तहत मंडी प्रांगण में सोयाबीन की उपज बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य एवं मॉडल रेट के अंतर की राशि सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 26 नवंबर 2025 के दिन इंदौर जिले के गौतमपुरा में आयोजित एक कार्यक्रम से 1.34 लाख पात्र किसानों के बैंक खातों में भावांतर राशि अंतरित की।
1.34 लाख किसानों के बैंक खातों में डाली राशि
मुख्यमंत्री ने सोयाबीन की फसल पर भावान्तर भुगतान योजना के तहत प्रदेश के 1.34 लाख पात्र किसानों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक से 249 करोड़ रुपये अंतरित कर दी है। अब तक प्रदेश के 4.39 लाख से अधिक किसानों द्वारा 7.85 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन फसल का विक्रय किया जा चुका है।
किसानों को समुचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध सरकार: मुख्यमंत्री
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर किसान को उसकी मेहनत और उसके समर्पण का समुचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भावान्तर भुगतान योजना के जरिए किसानों को बाजार भाव में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति हर हाल में बेहतर एवं मजबूत हो सके और खेती-किसानी लाभ का व्यवसाय बने।
किसानों के लिये धन की कोई कमी नहीं: मुख्यमंत्री
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में किसान हितैषी नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे हमारा प्रदेश कृषि के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी बना रहे। किसानों के लिये धन की कोई कमी नहीं है। हमारी सरकार भावांतर की राशि दे रही है, वहीं केन्द्र सरकार से किसानों को सम्मान निधि भी मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का कोई भी खेत सिंचाई सुविधा से वंचित नहीं रहेगा। हम एक-एक खेत तक पानी पहुंचाएंगे। देपालपुर विधानसभा क्षेत्र में 1538 करोड़ रूपए की लागत से 27 हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचित करने के लिए चंबल नदी पर एक बैराज बनाया जा रहा है। इससे विधानसभा क्षेत्र के 75 गांव लाभान्वित होंगे।




