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कम समय में नोटों की गड्डियों से ठसाठस जेब भर देगी इस किस्म के अदरक की खेती मिट जायेगा गरीबी का नामोनिशान

अदरक की खेती में उच्च गुणवत्ता वाली किस्म का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आज हम आपको अदरक की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे हैं जो न केवल अधिक उत्पादन देती है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी रखती है। इस किस्म की बाजार में जबरदस्त मांग है और इसकी खेती से आप लाखों रुपये कमा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं — वरदा किस्म की अदरक की।

यह भी पढ़िए :- बकरियों के लिए वरदान से कम नहीं ये हरा चारा कम खुराक में देगी गाय के बराबर दूध

वरदा अदरक की खासियतें

वरदा अदरक एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय किस्म है जो ताज़ी और सूखी अदरक दोनों के उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस किस्म की अदरक में गूदा भरपूर होता है और इसका स्वाद तीखा होता है। यह किस्म अनेक बीमारियों के प्रति सहनशील होती है, जिससे किसानों को फसल नुकसान का खतरा कम रहता है।

उपयुक्त मिट्टी और खेत की तैयारी

वरदा किस्म की अदरक की अच्छी उपज के लिए मिट्टी का चयन बहुत जरूरी होता है। इसके लिए ढीली, बलुई दोमट (loamy) मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खेती शुरू करने से पहले खेत को तीन बार गहराई से जुताई करना चाहिए। साथ ही, प्रति एकड़ 20-25 टन गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद मिलाना चाहिए ताकि मिट्टी की उर्वरता बढ़े।

बीज की मात्रा और बुवाई विधि

इस किस्म की खेती राइजोम (अदरक की गांठ) के माध्यम से की जाती है। एक हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 2 से 3 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई करते समय पौधों के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर और कतारों के बीच की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। यह उचित दूरी पौधों के उचित विकास और रोग नियंत्रण में सहायक होती है।

सिंचाई और देखभाल

बुवाई के बाद खेत में नमी बनाए रखना जरूरी होता है। शुरुआत में हल्की सिंचाई करें और जरूरत के अनुसार समय-समय पर सिंचाई करते रहें। बरसात के मौसम में जल जमाव से बचना आवश्यक है क्योंकि अदरक की फसल इससे खराब हो सकती है। खरपतवार नियंत्रण और रोग-कीट प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दें।

फसल की अवधि और कटाई

वरदा किस्म की अदरक की फसल सामान्यतः 200 दिनों में परिपक्व हो जाती है। जब पत्तियाँ पीली पड़ने लगें और सूखने लगें, तब फसल की खुदाई करनी चाहिए। खुदाई के बाद अदरक को अच्छी तरह से साफ कर धूप में सुखाया जाना चाहिए यदि आप सूखी अदरक बेचना चाहते हैं।

उत्पादन और कमाई

वरदा किस्म की अदरक से प्रति एकड़ लगभग 90 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यदि आप बाजार की मांग और मूल्य को ध्यान में रखते हुए बिक्री करते हैं तो इससे लाखों रुपये तक की कमाई संभव है। यह किस्म किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकती है।

यह भी पढ़िए :-सिर्फ 10 पौधों से होगी लाखों की कमाई, ये खास घास बना देगी दूध की नदियाँ

अगर आप अदरक की खेती से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो वरदा किस्म एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल अधिक उत्पादन देती है, बल्कि रोगों से भी काफी हद तक सुरक्षित रहती है। उचित देखभाल और खेती की वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर आप इस किस्म की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

कम समय में नोटों की गड्डियों से ठसाठस जेब भर देगी इस किस्म के अदरक की खेती मिट जायेगा गरीबी का नामोनिशान

अदरक की खेती में उच्च गुणवत्ता वाली किस्म का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आज हम आपको अदरक की एक ऐसी किस्म के बारे में बता रहे हैं जो न केवल अधिक उत्पादन देती है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी रखती है। इस किस्म की बाजार में जबरदस्त मांग है और इसकी खेती से आप लाखों रुपये कमा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं — वरदा किस्म की अदरक की।

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वरदा अदरक की खासियतें

वरदा अदरक एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय किस्म है जो ताज़ी और सूखी अदरक दोनों के उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस किस्म की अदरक में गूदा भरपूर होता है और इसका स्वाद तीखा होता है। यह किस्म अनेक बीमारियों के प्रति सहनशील होती है, जिससे किसानों को फसल नुकसान का खतरा कम रहता है।

उपयुक्त मिट्टी और खेत की तैयारी

वरदा किस्म की अदरक की अच्छी उपज के लिए मिट्टी का चयन बहुत जरूरी होता है। इसके लिए ढीली, बलुई दोमट (loamy) मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खेती शुरू करने से पहले खेत को तीन बार गहराई से जुताई करना चाहिए। साथ ही, प्रति एकड़ 20-25 टन गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद मिलाना चाहिए ताकि मिट्टी की उर्वरता बढ़े।

बीज की मात्रा और बुवाई विधि

इस किस्म की खेती राइजोम (अदरक की गांठ) के माध्यम से की जाती है। एक हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 2 से 3 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई करते समय पौधों के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर और कतारों के बीच की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। यह उचित दूरी पौधों के उचित विकास और रोग नियंत्रण में सहायक होती है।

सिंचाई और देखभाल

बुवाई के बाद खेत में नमी बनाए रखना जरूरी होता है। शुरुआत में हल्की सिंचाई करें और जरूरत के अनुसार समय-समय पर सिंचाई करते रहें। बरसात के मौसम में जल जमाव से बचना आवश्यक है क्योंकि अदरक की फसल इससे खराब हो सकती है। खरपतवार नियंत्रण और रोग-कीट प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दें।

फसल की अवधि और कटाई

वरदा किस्म की अदरक की फसल सामान्यतः 200 दिनों में परिपक्व हो जाती है। जब पत्तियाँ पीली पड़ने लगें और सूखने लगें, तब फसल की खुदाई करनी चाहिए। खुदाई के बाद अदरक को अच्छी तरह से साफ कर धूप में सुखाया जाना चाहिए यदि आप सूखी अदरक बेचना चाहते हैं।

उत्पादन और कमाई

वरदा किस्म की अदरक से प्रति एकड़ लगभग 90 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यदि आप बाजार की मांग और मूल्य को ध्यान में रखते हुए बिक्री करते हैं तो इससे लाखों रुपये तक की कमाई संभव है। यह किस्म किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकती है।

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अगर आप अदरक की खेती से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं तो वरदा किस्म एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल अधिक उत्पादन देती है, बल्कि रोगों से भी काफी हद तक सुरक्षित रहती है। उचित देखभाल और खेती की वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर आप इस किस्म की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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