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धरती के अंदर उगने वाला ये फल 5 गुना ज्यादा ताकतवर ये लाल फल, इसका सेवन पतलू शरीर को बना देता है बलवान जाने खेती के फायदे

बीटरूट, जिसे चुकंदर भी कहा जाता है, एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद, स्वास्थ्य और मुनाफे के मामले में काफी फायदेमंद है। अगर आप किसान हैं या खेती में निवेश करना चाहते हैं, तो बीटरूट की खेती आपके लिए एक बेहतरीन धंधा हो सकता है। इसमें पोषण तत्वों की भरमार होती है और बाजार में इसकी भारी डिमांड है। आइए विस्तार से जानते हैं कि बीटरूट की खेती कैसे की जाती है और इससे होने वाली इनकम क्या है।

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बीटरूट क्या है?

बीटरूट एक लाल रंग की जड़ वाली सब्जी है जिसे फल के रूप में भी सेवन किया जाता है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह खून की कमी को पूरा करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा को भी निखारता है। डॉक्टर भी इसे नियमित रूप से खाने की परामर्श देते हैं।

बीटरूट की खेती कैसे करें?

बीटरूट की खेती मुख्य रूप से ठंडी जलवायु में की जाती है। इसके लिए मिट्टी अच्छी तरह तैयार की जाती है। खेत में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और जैविक उर्वरक मिलाकर भूमि को उपजाऊ बनने में सहायता मिलती है। इसके बाद बीज या कंद (ट्यूबर) की बुवाई की जाती है। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोया जाता है और फसल को नियमित रूप से पानी दिया जाता है।

फसल तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन (लगभग 3-4 महीने) का समय लगता है, यदि देखरेख सही से की जाए तो एक एकड़ जमीन में 250 से 300 क्विंटल बीटरूट की पैदावार आसानी से किया जा सकता है।

कमाई और लाभ

वर्तमान में बाजार में बीटरूट की कीमत ₹40 से ₹50 प्रति किलोग्राम तक होती है। अगर आप एक एकड़ में इसकी खेती करते हैं तो लगभग 10-12 टन (10000-12000 किग्रा) उत्पादन हो सकता है। यानी महीने का शुद्ध मुनाफा ₹40,000 से ₹50,000 तक आसानी से हो सकता है। यह मुनाफा मेहनत, सिंचाई, खाद प्रबंधन और सही बाजार रणनीति पर है।

लागत

बीटरूट की खेती में ज्यादा लागत की आवश्यकता नहीं होती। एक एकड़ खेत में खेती करने पर लगभग ₹35,000 से ₹40,000 का खर्च आता है, जिसमें बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी जैसी चीजे है। लेकिन यही खर्च कुछ महीनों में आपको लाखों की कमाई में बदल सकता है।

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बीटरूट, जिसे चुकंदर भी कहा जाता है, एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद, स्वास्थ्य और मुनाफे के मामले में काफी फायदेमंद है। अगर आप किसान हैं या खेती में निवेश करना चाहते हैं, तो बीटरूट की खेती आपके लिए एक बेहतरीन धंधा हो सकता है। इसमें पोषण तत्वों की भरमार होती है और बाजार में इसकी भारी डिमांड है। आइए विस्तार से जानते हैं कि बीटरूट की खेती कैसे की जाती है और इससे होने वाली इनकम क्या है।

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बीटरूट क्या है?

बीटरूट एक लाल रंग की जड़ वाली सब्जी है जिसे फल के रूप में भी सेवन किया जाता है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह खून की कमी को पूरा करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा को भी निखारता है। डॉक्टर भी इसे नियमित रूप से खाने की परामर्श देते हैं।

बीटरूट की खेती कैसे करें?

बीटरूट की खेती मुख्य रूप से ठंडी जलवायु में की जाती है। इसके लिए मिट्टी अच्छी तरह तैयार की जाती है। खेत में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और जैविक उर्वरक मिलाकर भूमि को उपजाऊ बनने में सहायता मिलती है। इसके बाद बीज या कंद (ट्यूबर) की बुवाई की जाती है। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोया जाता है और फसल को नियमित रूप से पानी दिया जाता है।

फसल तैयार होने में लगभग 90 से 100 दिन (लगभग 3-4 महीने) का समय लगता है, यदि देखरेख सही से की जाए तो एक एकड़ जमीन में 250 से 300 क्विंटल बीटरूट की पैदावार आसानी से किया जा सकता है।

कमाई और लाभ

वर्तमान में बाजार में बीटरूट की कीमत ₹40 से ₹50 प्रति किलोग्राम तक होती है। अगर आप एक एकड़ में इसकी खेती करते हैं तो लगभग 10-12 टन (10000-12000 किग्रा) उत्पादन हो सकता है। यानी महीने का शुद्ध मुनाफा ₹40,000 से ₹50,000 तक आसानी से हो सकता है। यह मुनाफा मेहनत, सिंचाई, खाद प्रबंधन और सही बाजार रणनीति पर है।

लागत

बीटरूट की खेती में ज्यादा लागत की आवश्यकता नहीं होती। एक एकड़ खेत में खेती करने पर लगभग ₹35,000 से ₹40,000 का खर्च आता है, जिसमें बीज, खाद, सिंचाई और मजदूरी जैसी चीजे है। लेकिन यही खर्च कुछ महीनों में आपको लाखों की कमाई में बदल सकता है।

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