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प्रदेश में पौधरोपण को मिलेगा फसल का दर्जा

मध्य प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में बड़ा कदम

विधेयक का मसौदा तैयार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लेंगे अंतिम निर्णय

भोपाल, मध्य प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने और पौधारोपण को प्रोत्साहित करने की दिशा में नवाचार किए जा रहे हैं। ताजा मामला खेतों में पौधे लगाने और उन्हें काटने का कानूनी अधिकार देने को लेकर है। सरकार मध्य प्रदेश पौधरोपण प्रोत्साहन विधेयक ला रही है। विधेयक पौधारोपण को फसल (लगाने एवं काटने) जैसे अधिकार देने से संबंधित है। आधा दर्जन राज्यों की योजनाओं का अध्ययन कर इसका खाका तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही प्रारूप को देखकर अंतिम रूप देंगे। वन अधिकारियों का दावा है कि देश में ऐसा करने वाला मप्र पहला राज्य है। इस नए अधिकार से किसानों को आमदनी बढ़ाने का अतिरिक्त माध्यम मिलेगा। किसान अपनी निजी भूमि पर पौधे लगा सकेंगे और जब वे पेड़ बन जाएंगे, तो उन्हें बगैर किसी अनुमति काटकर बेच सकेंगे। वर्तमान में निजी भूमि पर खड़े पेड़ को काटने के लिए अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लेना पड़ती है।

सवालों के मिल गए जवाब

विधेयक का मकसद निजी क्षेत्र को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही पेड़ लगाकर अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाना भी है। इस कानून के बाद किसान बेझिझक अपने खेत, खलिहान या मकान के आसपास निजी भूमि पर पेड़ लगा सकेंगे और उसे काटकर बेच भी सकेंगे। कानून के प्रारूप में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। शासन स्तर से इसमें कुछ सवाल उठाए गए थे। वन विभाग ने उनका जवाब दे दिया है। अब यह कानून बनने की अंतिम स्थिति में है। 

किसान रहेंगे स्वतंत्र

किसान अपने खेत-खलिहान में खड़े पुराने पेड़ों को भी काट सकेंगे। अपने घर से ही लकड़ी बेच सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस, उन्हें इमारती लकड़ी का परिवहन करने के लिए उस सूरत में परिवहन अनुज्ञा पत्र लेना पड़ेगा।

प्रदेश में पौधरोपण को मिलेगा फसल का दर्जा

मध्य प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में बड़ा कदम

विधेयक का मसौदा तैयार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लेंगे अंतिम निर्णय

भोपाल, मध्य प्रदेश में कृषि को लाभ का धंधा बनाने और पौधारोपण को प्रोत्साहित करने की दिशा में नवाचार किए जा रहे हैं। ताजा मामला खेतों में पौधे लगाने और उन्हें काटने का कानूनी अधिकार देने को लेकर है। सरकार मध्य प्रदेश पौधरोपण प्रोत्साहन विधेयक ला रही है। विधेयक पौधारोपण को फसल (लगाने एवं काटने) जैसे अधिकार देने से संबंधित है। आधा दर्जन राज्यों की योजनाओं का अध्ययन कर इसका खाका तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही प्रारूप को देखकर अंतिम रूप देंगे। वन अधिकारियों का दावा है कि देश में ऐसा करने वाला मप्र पहला राज्य है। इस नए अधिकार से किसानों को आमदनी बढ़ाने का अतिरिक्त माध्यम मिलेगा। किसान अपनी निजी भूमि पर पौधे लगा सकेंगे और जब वे पेड़ बन जाएंगे, तो उन्हें बगैर किसी अनुमति काटकर बेच सकेंगे। वर्तमान में निजी भूमि पर खड़े पेड़ को काटने के लिए अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति लेना पड़ती है।

सवालों के मिल गए जवाब

विधेयक का मकसद निजी क्षेत्र को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही पेड़ लगाकर अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाना भी है। इस कानून के बाद किसान बेझिझक अपने खेत, खलिहान या मकान के आसपास निजी भूमि पर पेड़ लगा सकेंगे और उसे काटकर बेच भी सकेंगे। कानून के प्रारूप में विस्तार से चर्चा हो चुकी है। शासन स्तर से इसमें कुछ सवाल उठाए गए थे। वन विभाग ने उनका जवाब दे दिया है। अब यह कानून बनने की अंतिम स्थिति में है। 

किसान रहेंगे स्वतंत्र

किसान अपने खेत-खलिहान में खड़े पुराने पेड़ों को भी काट सकेंगे। अपने घर से ही लकड़ी बेच सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस, उन्हें इमारती लकड़ी का परिवहन करने के लिए उस सूरत में परिवहन अनुज्ञा पत्र लेना पड़ेगा।

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