होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

करोना की तीसरी लहर से बचने अपनाएं ये देशी उपाय 

भोपाल, कोरोना की दो बार आई महामारी ने पूरी दुनिया को तबार करके रख दिया और अब तीसरी लहर की चर्चा जोरों पर है सरकारें तैयारी में जुटीं हैं, लेकिन भारत की इतनी बड़ी आबादी को एक साथ सुरक्षा प्रदान करना सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में यदि हम अपने पारंपरिक और देशी उपचार का सहारा लें और पहले से सावधान हो जाएं तो हमारे साथ-साथ देश का भी भला हो जाएगा और हम इस संकट से बच सकते हैं। 

रिटायर्ड वनसेवा के अधिकारी और आयुर्वेद के जानकार डा. रामगोपाल सोनी के अनुसार कोरोना की आने वाली संभावित कहर से बचने का सीधा सरल उपाय है देशी और पारंपरिक उपचार। उनके अनुसार निम्र उपचार आपको दिला सकता है कोरोना की तीसरी लहर के कहर से बचा सकती है।

1. इस समय नीम की निबोली पकी हुई है, पांच पकी निबोली बीज सहित सुबह 15 दिन खा लें यह वायरस और बुखार से मिलेगी सुरक्षा।

2. वर्षांत में कडू चिरायता का काढ़ा सुबह खाली पेट आधा कप पीने से आपको वायरस करोना के संक्रमण से बचाएगा, लेकिन आपको कोविड़ प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। जैसे मास्क लगाना भीड़ में न जाना और वैक्सीन लगवाना ।

3. सरसों का तेल नाक के दोनों छिद्रों में लगा कर चलो तो यह सुपर मास्क का काम करता है और इसके उपर फिर मास्क भी लगाएं। 

4. कड़ू चिरायता और गिलोय या दोनों में से कोई एक जो मिल जाए उसका काढ़ा जरूर पिएं। कालमेघ या कड़ू चिरायता एंटी वायरल, खून शुद्ध करने वाला, एंटी ऑक्सीडेंट, सुगर कम करने वाला और इम्यूनिटी बूस्टर है। तथा एंटी पायरेटिक भी है अर्थात बुखार तत्काल उतार देता है। गिलोय  इम्यूनिटी बूस्टर है और बुखार उतारता है। कालमेघ श्रेष्ठ है, अकेले कालमेघ भी पर्याप्त है। 

5. करोना नाक से, मुंह से घुस सकता है, इसलिए काढ़ा पीने वालों को भी माइल्ड असर कर सकता हैं इसलिए नाक में सरसों का तेल लगाकर चले। हल्के बुखार के लक्षण होने या कफ होने पर जांच कराने का इंतजार किए बगैर तत्काल कालमेघ और गिलोय का काढ़ा सुबह शाम पीने लगे। 

6. खांसी होने या न होने पर भी करोना के गुण धर्म देखते हुए त्रिकुट पाउडर शहद के साथ सुबह शाम चाटें।

7. यदि कफ ज्यादा जम गया हो और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो बरगद का दूध एक चम्मच, दो चम्मच सादे दूध के साथ सुबह शाम सात दिन तक लें। 

8. बरगद का दूध न मिलने पर फिटकिरी की भस्म आयुर्वेद की दुकान से ले आवे और एक चुटकी फिटकिरी की भस्म सुबह शाम खाकर थोड़ा एक घूंट पानी पी लें। फिटकिरी भस्म को शहद के साथ भी ले सकते हैं। 

इस तरह का उपाय यदि जानते हैं और इसे अनुसार उपचार करते हैं तो कोरोना कोई भी रूप धारण कर ले आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।  

करोना की तीसरी लहर से बचने अपनाएं ये देशी उपाय 

भोपाल, कोरोना की दो बार आई महामारी ने पूरी दुनिया को तबार करके रख दिया और अब तीसरी लहर की चर्चा जोरों पर है सरकारें तैयारी में जुटीं हैं, लेकिन भारत की इतनी बड़ी आबादी को एक साथ सुरक्षा प्रदान करना सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में यदि हम अपने पारंपरिक और देशी उपचार का सहारा लें और पहले से सावधान हो जाएं तो हमारे साथ-साथ देश का भी भला हो जाएगा और हम इस संकट से बच सकते हैं। 

रिटायर्ड वनसेवा के अधिकारी और आयुर्वेद के जानकार डा. रामगोपाल सोनी के अनुसार कोरोना की आने वाली संभावित कहर से बचने का सीधा सरल उपाय है देशी और पारंपरिक उपचार। उनके अनुसार निम्र उपचार आपको दिला सकता है कोरोना की तीसरी लहर के कहर से बचा सकती है।

1. इस समय नीम की निबोली पकी हुई है, पांच पकी निबोली बीज सहित सुबह 15 दिन खा लें यह वायरस और बुखार से मिलेगी सुरक्षा।

2. वर्षांत में कडू चिरायता का काढ़ा सुबह खाली पेट आधा कप पीने से आपको वायरस करोना के संक्रमण से बचाएगा, लेकिन आपको कोविड़ प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। जैसे मास्क लगाना भीड़ में न जाना और वैक्सीन लगवाना ।

3. सरसों का तेल नाक के दोनों छिद्रों में लगा कर चलो तो यह सुपर मास्क का काम करता है और इसके उपर फिर मास्क भी लगाएं। 

4. कड़ू चिरायता और गिलोय या दोनों में से कोई एक जो मिल जाए उसका काढ़ा जरूर पिएं। कालमेघ या कड़ू चिरायता एंटी वायरल, खून शुद्ध करने वाला, एंटी ऑक्सीडेंट, सुगर कम करने वाला और इम्यूनिटी बूस्टर है। तथा एंटी पायरेटिक भी है अर्थात बुखार तत्काल उतार देता है। गिलोय  इम्यूनिटी बूस्टर है और बुखार उतारता है। कालमेघ श्रेष्ठ है, अकेले कालमेघ भी पर्याप्त है। 

5. करोना नाक से, मुंह से घुस सकता है, इसलिए काढ़ा पीने वालों को भी माइल्ड असर कर सकता हैं इसलिए नाक में सरसों का तेल लगाकर चले। हल्के बुखार के लक्षण होने या कफ होने पर जांच कराने का इंतजार किए बगैर तत्काल कालमेघ और गिलोय का काढ़ा सुबह शाम पीने लगे। 

6. खांसी होने या न होने पर भी करोना के गुण धर्म देखते हुए त्रिकुट पाउडर शहद के साथ सुबह शाम चाटें।

7. यदि कफ ज्यादा जम गया हो और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो बरगद का दूध एक चम्मच, दो चम्मच सादे दूध के साथ सुबह शाम सात दिन तक लें। 

8. बरगद का दूध न मिलने पर फिटकिरी की भस्म आयुर्वेद की दुकान से ले आवे और एक चुटकी फिटकिरी की भस्म सुबह शाम खाकर थोड़ा एक घूंट पानी पी लें। फिटकिरी भस्म को शहद के साथ भी ले सकते हैं। 

इस तरह का उपाय यदि जानते हैं और इसे अनुसार उपचार करते हैं तो कोरोना कोई भी रूप धारण कर ले आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।  

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment