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भारत में 48 वर्ष बाद विश्व डेयरी सम्मेलन, पीएम मोदी ने किया उद्धाटन

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित हो रहा है

नोएडा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में पहुंच कर विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत में 48 वर्ष बाद किया जा रहा है। इससे पहले इस तरह का सम्मेलन 1974 में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में दुनियाभर के कई डेयरी व्यवसायी हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित हो रहा है, जो 12 से 15 सितंबर तक चलेगा।

भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान: पीएम मोदी 
चार दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन पहुंचे पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान है। इन किसानों ने भारत की डेयरी को सशक्त कर दिया है। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘mass production’ से ज़्यादा ‘production by masses’ की है। भारत आज विश्व में दुग्ध उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है। भारत के 8 करोड़ परिवार से ज़्यादा लोगों को ये सेक्टर रोज़गार मुहैया करा रहा है।

भारत में डेयरी सेक्टर में कॉपरेटिव और महिलाओं अहम योगदान 
पीएम मोदी ने डेयरी सेक्टर में मुख्य भूमिका निभाने वाले भारत के डेयरी को-ऑपरेटिव का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 2 लाख गाँवों के 2 करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध एकत्रित किया जाता है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। इस बीच कोई बिचौलिया नहीं होता। दूध से कमाई का 70 फ़ीसदी हिस्सा किसान के खाते में जाता है। भारत में डेयरी सेक्टर सिस्टम में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने डेयरी सेक्टर में महिला सशक्तिकरण का भी ज़िक्र किया। डेयरी को-ऑपरेटिव सेक्टर में महिलाओं की अधिकता है। महिलाओं की भागीदारी 70 प्रतिशत है।

भारत में पशुओं की देसी नस्लें मौजूद
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत के पास गाय और भैंसो की देसी नस्लें हैं। पीएम मोदी ने गुजरात की बन्नी भैंस का उदाहरण दिया। इसके साथ ही अन्य गाय और भैंसों की नस्लों का ज़िक्र किया।  इसके साथ ही बन्नी भैंस की ख़ासियत के बारे में बताया।

दूध उत्पादन में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने आगे कहा कि पशुधन और दूध से जुड़े व्यवसाय भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारी इस विरासत ने भारत के डेयरी सेक्टर को कुछ विशेषताओं से सशक्त कर दिया है। पीएम ने दूध उत्पादन का ज़िक्र करते हुए कहा कि 2014 के बाद से दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। विश्व में दूध उत्पादन 2 प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ रहा है और भारत में इसकी रफ़्तार 6 प्रतिशत है।

गांव और पशुओं की ग्रोथ का किया ज़िक्र
पीएम मोदी ने आगे जिक्र किया कि हम ग्रीन ग्रोथ गाँवों की ओर बढ़ रहे हैं। उनमें से कुछ योजनाओं का ज़िक्र किया जैसे कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गोवर्धन योजना आदि। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा- “हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”
भारत, डेयरी का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आगे उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान हो रही है।

भारत में डेयरी सहकारी एक विशाल नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। आज भारत में डेयरी सहकारी का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। पीएम ने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है।

मौके पर गृह मंत्री भी मौजूद
पीएम के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 50 देशों के मेहमान और 800 किसानों समेत 1500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। “वर्ल्ड डेयरी समिट” का आयोजन आज यानी 12 सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाना है। इसकी थीम “पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” विषय पर केंद्रित है।

12 से 15 सितंबर तक चलेंगे कार्यक्रम
इंडिया एक्सपो मार्ट में होने वाले कार्यक्रम में देसी गाय-भैंस के पुतले लगाए गए हैं। यह देखने में हूबहू गाय-भैंस ही लगते हैं। नोएडा में 12 से 15 सितंबर तक होने वाले सम्मेलन में 50 देशों के 1433 प्रतिभागियों ने नामांकन किया है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम से बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए हैं। ये समिट ‘पोषण और आजीविका’ के लिए डेयरी’ विषय पर केंद्रित है।

इंडिया में दूसरी बार हो रही समिट
1903 में इस समिट की परंपरा शुरू हुई थी। इसके 71 साल बाद 1974 में भारत को मेजबानी करने का मौका मिला था। इस बार यह समिट दूसरी बार इंडिया में होने जा रही है।  यह आयोजन दुनिया भर के डेयरी उद्योगों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ा है। यहां भविष्य की रणनीति और योजनाओं पर बातचीत के जरिए कई बेहतर हल निकलने की संभावना है।इस आय़ोजन में भारत के 700-800 किसान भी शामिल होने वाले हैं। इस एग्जीबिशन में अमूल, मदर डेयरी, नंदिनी जैसी प्रमुख दूध उत्पादक कंपनियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। वर्ल्ड डेयरी समिट को कुल 41 दूध कंपनियां स्पांसर कर रही हैं।

कार्बन न्यूट्रल होगी समिट
इस समिट कार्बन न्यूट्रल होगी। यहां किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा।
पूरे कार्यक्रम स्थल की पावर सप्लाई सोलर एनर्जी से होगी।
कॉफी, चाय, पानी समेत किसी भी खान-पान की चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा।
अतिथियों और डेलिगेट्स को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल लगाए गए हैं।

ड्रोन से हो रही निगरानी
पीएम मोदी के दौरे को लेकर 12 सितंबर को एक्सपो मार्ट पूरी तरह से छावनी में बदल गया है। ड्रोन  से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जा रही है। परी चौक और आसपास के इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा को लेकर तैयारियां सख्त हैं।

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भारत में 48 वर्ष बाद विश्व डेयरी सम्मेलन, पीएम मोदी ने किया उद्धाटन

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित हो रहा है

नोएडा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में पहुंच कर विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत में 48 वर्ष बाद किया जा रहा है। इससे पहले इस तरह का सम्मेलन 1974 में आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में दुनियाभर के कई डेयरी व्यवसायी हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित हो रहा है, जो 12 से 15 सितंबर तक चलेगा।

भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान: पीएम मोदी 
चार दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन पहुंचे पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान है। इन किसानों ने भारत की डेयरी को सशक्त कर दिया है। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘mass production’ से ज़्यादा ‘production by masses’ की है। भारत आज विश्व में दुग्ध उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है। भारत के 8 करोड़ परिवार से ज़्यादा लोगों को ये सेक्टर रोज़गार मुहैया करा रहा है।

भारत में डेयरी सेक्टर में कॉपरेटिव और महिलाओं अहम योगदान 
पीएम मोदी ने डेयरी सेक्टर में मुख्य भूमिका निभाने वाले भारत के डेयरी को-ऑपरेटिव का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसके माध्यम से 2 लाख गाँवों के 2 करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध एकत्रित किया जाता है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। इस बीच कोई बिचौलिया नहीं होता। दूध से कमाई का 70 फ़ीसदी हिस्सा किसान के खाते में जाता है। भारत में डेयरी सेक्टर सिस्टम में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने डेयरी सेक्टर में महिला सशक्तिकरण का भी ज़िक्र किया। डेयरी को-ऑपरेटिव सेक्टर में महिलाओं की अधिकता है। महिलाओं की भागीदारी 70 प्रतिशत है।

भारत में पशुओं की देसी नस्लें मौजूद
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत के पास गाय और भैंसो की देसी नस्लें हैं। पीएम मोदी ने गुजरात की बन्नी भैंस का उदाहरण दिया। इसके साथ ही अन्य गाय और भैंसों की नस्लों का ज़िक्र किया।  इसके साथ ही बन्नी भैंस की ख़ासियत के बारे में बताया।

दूध उत्पादन में हुई बढ़ोतरी
उन्होंने आगे कहा कि पशुधन और दूध से जुड़े व्यवसाय भारत की हज़ारों वर्ष पुरानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। हमारी इस विरासत ने भारत के डेयरी सेक्टर को कुछ विशेषताओं से सशक्त कर दिया है। पीएम ने दूध उत्पादन का ज़िक्र करते हुए कहा कि 2014 के बाद से दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। विश्व में दूध उत्पादन 2 प्रतिशत की रफ़्तार से बढ़ रहा है और भारत में इसकी रफ़्तार 6 प्रतिशत है।

गांव और पशुओं की ग्रोथ का किया ज़िक्र
पीएम मोदी ने आगे जिक्र किया कि हम ग्रीन ग्रोथ गाँवों की ओर बढ़ रहे हैं। उनमें से कुछ योजनाओं का ज़िक्र किया जैसे कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, गोवर्धन योजना आदि। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा- “हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।”
भारत, डेयरी का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आगे उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान हो रही है।

भारत में डेयरी सहकारी एक विशाल नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये सम्मेलन विचार, तकनीक, विशेषज्ञता और डेयरी क्षेत्र से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। आज भारत में डेयरी सहकारी का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। पीएम ने कहा कि ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती है और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती है।

मौके पर गृह मंत्री भी मौजूद
पीएम के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 50 देशों के मेहमान और 800 किसानों समेत 1500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। “वर्ल्ड डेयरी समिट” का आयोजन आज यानी 12 सितंबर से 15 सितंबर तक किया जाना है। इसकी थीम “पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” विषय पर केंद्रित है।

12 से 15 सितंबर तक चलेंगे कार्यक्रम
इंडिया एक्सपो मार्ट में होने वाले कार्यक्रम में देसी गाय-भैंस के पुतले लगाए गए हैं। यह देखने में हूबहू गाय-भैंस ही लगते हैं। नोएडा में 12 से 15 सितंबर तक होने वाले सम्मेलन में 50 देशों के 1433 प्रतिभागियों ने नामांकन किया है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम से बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए हैं। ये समिट ‘पोषण और आजीविका’ के लिए डेयरी’ विषय पर केंद्रित है।

इंडिया में दूसरी बार हो रही समिट
1903 में इस समिट की परंपरा शुरू हुई थी। इसके 71 साल बाद 1974 में भारत को मेजबानी करने का मौका मिला था। इस बार यह समिट दूसरी बार इंडिया में होने जा रही है।  यह आयोजन दुनिया भर के डेयरी उद्योगों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ा है। यहां भविष्य की रणनीति और योजनाओं पर बातचीत के जरिए कई बेहतर हल निकलने की संभावना है।इस आय़ोजन में भारत के 700-800 किसान भी शामिल होने वाले हैं। इस एग्जीबिशन में अमूल, मदर डेयरी, नंदिनी जैसी प्रमुख दूध उत्पादक कंपनियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। वर्ल्ड डेयरी समिट को कुल 41 दूध कंपनियां स्पांसर कर रही हैं।

कार्बन न्यूट्रल होगी समिट
इस समिट कार्बन न्यूट्रल होगी। यहां किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा।
पूरे कार्यक्रम स्थल की पावर सप्लाई सोलर एनर्जी से होगी।
कॉफी, चाय, पानी समेत किसी भी खान-पान की चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा।
अतिथियों और डेलिगेट्स को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल लगाए गए हैं।

ड्रोन से हो रही निगरानी
पीएम मोदी के दौरे को लेकर 12 सितंबर को एक्सपो मार्ट पूरी तरह से छावनी में बदल गया है। ड्रोन  से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जा रही है। परी चौक और आसपास के इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा को लेकर तैयारियां सख्त हैं।

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