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महीने के आएंगे 1 लाख से भी ज्यादा पैसे, बस करे इस फसल की खेती, जाने इस फसल का नाम

महीने के आएंगे 1 लाख से भी ज्यादा पैसे, बस करे इस फसल की खेती, जाने इस फसल का नाम अश्वगंधा एक ऐसा बहुचर्चित पौधा है जिसके बारे में आपने जरूर सुना होगा. यह आयुर्वेदिक औषधि कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि इसके पत्तों का सेवन करने से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं .

गमलें में ऐसे लगाए सफ़ेद बैगन का पौधा, बाजार से खरीदने की झंझट खत्म

आइए जानते हैं अश्वगंधा के फायदे

  • कैंसर से लड़ने में सहायक: अश्वगंधा हमारे शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) का निर्माण करती है। यह रसायन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों से भी बचाता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का काम करते हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।

अश्वगंधा की खेती कैसे करें?

अश्वगंधा की खेती के लिए सबसे पहले इसके बीजों की आवश्यकता होती है। बीजों को तैयार करने के बाद खेतों की साफ-सफाई करके पौधे लगाए जाते हैं। इसकी नर्सरी जून-जुलाई के महीने में तैयार की जाती है। अश्वगंधा की फसल को पकने में कम से कम 3 से 4 साल का समय लगता है। ध्यान दें कि इसकी खेती हल्की और उपजाऊ मिट्टी में की जाती है। बीज बोने के तुरंत बाद हल्का स्प्रिंकलर से सिंचाई करें।

महीने के आएंगे 1 लाख से भी ज्यादा पैसे, बस करे इस फसल की खेती, जाने इस फसल का नाम

महीने के आएंगे 1 लाख से भी ज्यादा पैसे, बस करे इस फसल की खेती, जाने इस फसल का नाम अश्वगंधा एक ऐसा बहुचर्चित पौधा है जिसके बारे में आपने जरूर सुना होगा. यह आयुर्वेदिक औषधि कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि इसके पत्तों का सेवन करने से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं .

गमलें में ऐसे लगाए सफ़ेद बैगन का पौधा, बाजार से खरीदने की झंझट खत्म

आइए जानते हैं अश्वगंधा के फायदे

  • कैंसर से लड़ने में सहायक: अश्वगंधा हमारे शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (ROS) का निर्माण करती है। यह रसायन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करता है और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों से भी बचाता है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने का काम करते हैं। जिससे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।

अश्वगंधा की खेती कैसे करें?

अश्वगंधा की खेती के लिए सबसे पहले इसके बीजों की आवश्यकता होती है। बीजों को तैयार करने के बाद खेतों की साफ-सफाई करके पौधे लगाए जाते हैं। इसकी नर्सरी जून-जुलाई के महीने में तैयार की जाती है। अश्वगंधा की फसल को पकने में कम से कम 3 से 4 साल का समय लगता है। ध्यान दें कि इसकी खेती हल्की और उपजाऊ मिट्टी में की जाती है। बीज बोने के तुरंत बाद हल्का स्प्रिंकलर से सिंचाई करें।

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