Celery Farming : तगड़ी कमाई के लिए करे अजवाइन की खेती, कम लागत में होंगा मोटा मुनाफा, देखे पूरी जानकारी अजवाइन एक मसाले की फसल है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए भी जानी जाती है. इसकी खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक हो सकती है. दुनिया भर में अजवाइन को पसंद किया जाता है. किसी भी खाने में इसे डालने से उसके स्वाद में चार चांद लग जाते हैं. इसकी लगातार मांग को देखते हुए इसकी खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
अजवाइन की खेती कैसे करें?
- खाद और उर्वरक का प्रयोग: अजवाइन की खेती में खेत में बुवाई से एक महीना पहले 8-10 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालना चाहिए. इसके अलावा 90 किलो नाइट्रोजन, 40 किलो फॉस्फेट और 30 किलो पोटाश की भी जरूरत होती है. आधी मात्रा में नाइट्रोजन और पूरी मात्रा में फॉस्फेट और पोटाश को आखिरी जुताई के समय खेत में डालना चाहिए. वहीं बची हुई मात्रा को बुवाई के 30 से 60 दिन बाद सिंचाई के साथ खेत में डालें.
- मौसम और जलवायु: अजवाइन की खेती के लिए मध्यम शुष्क जलवायु उपयुक्त मानी जाती है. ठंडे वातावरण में इसकी खेती करना ज्यादा फायदेमंद होता है. हल्की दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है.
अजवाइन की खेती से मुनाफा: अजवाइन की उन्नत किस्मों से प्रति एकड़ 10 क्विंटल तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. अजवाइन की बाजार दर हमेशा 12 हजार रुपये से 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहती है. इस हिसाब से एक एकड़ में किसान करीब 2 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है.
अजवाइन की उन्नत किस्में: अधिक पैदावार के लिए अजवाइन की उन्नत किस्मों का चुनाव किया जा सकता है. अजवाइन की कुछ उन्नत किस्में हैं – गुजरात अजवाइन-1, अजमेर अजवाइन-1, अजमेर अजवाइन-2, प्रताप अजवाइन-1. रबी फसल के लिए सितम्बर से अक्टूबर और खरीफ फसल के लिए जुलाई से अगस्त बुवाई का उपयुक्त समय माना जाता है.