होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले साल में किसानों की होगी डेढ़ लाख तक की बचत

भोपाल/दिल्ली। भारत में अपनी तरह का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च हो गया है। सरकार के दावे के मुताबिक इस ट्रैक्टर से प्रदूषण कम होगा और खेती की लागत भी कम आएगी। एक डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले किसान इस ट्रैक्टर से साल में एक लाख रुपए बचा सकेंगे। ये ट्रैक्टर जल्द बाजार में उपलब्ध होगा। इस ट्रैक्टर को डीजल से सीएनजी से परिवर्तित किया गया है। ट्रैक्टर को रावमट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किए गए बनाया गया है। सरकार और कंपनी का दावा है कि डीजल ट्रैक्टर के इस नए रूप से किसान कम लागत में खेती कर सकेंगे। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार एनर्जी ट्रांजेक्शन में लो-कार्बन पाथ-वे बनाने का प्रयास कर रही है। नवीकरणीय और जैव ऊर्जा पर जोर के साथ एक नया वैकल्पिक ऊर्जा मॉडल बनाया जा रहा है। हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो हमारी भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करेगा।

सीएनजी ट्रैक्टर की खूबियां

सीएनजी न सिर्फ डीजल के मुकाबले सस्ती है, बल्कि इसमें माइलेज अच्छी मिलता है। यानि डीजल के मुकाबले प्रति घंटे की खपत कम होगी और आउटकम ज्यादा मिलेगा।

सीएनजी स्वच्छ ईंधन है, इसलिए इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा सबसे कम है।

सीएनजी में शीशे की मात्रा शून्य होती है, प्रदूषण कम होता है, इससे ट्रैक्टर के रखरखाव में आसानी होगी और मेंटेनेंस खर्च कम होगा।

भविष्य का ट्रैक्टर क्योंकि पूरी दुनिया में एक करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

यह वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है, क्योंकि सल की पराली का उपयोग बायो-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है,

किसानों को उनके अपने इलाके में बायो-सीएनजी उत्पादन इकाइयों को बेचकर पैसा कमाने में मदद करेगा।

परीक्षण रिपोर्ट यह बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर उससे अधिक/बराबर शक्ति का उत्पादन करता है।

इससे डीजल की तुलना में कुल कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कमी आई है।

यह किसानों को ईंधन की लागत पर 50 प्रतिशत तक की बचत करने में मदद करेगा, क्योंकि वर्तमान में डीजल की कीमत 80 रुपए प्रति लीटर है, जबकि सीएनजी केवल 42 रुपए प्रति किलोग्राम है।

डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले साल में किसानों की होगी डेढ़ लाख तक की बचत

भोपाल/दिल्ली। भारत में अपनी तरह का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च हो गया है। सरकार के दावे के मुताबिक इस ट्रैक्टर से प्रदूषण कम होगा और खेती की लागत भी कम आएगी। एक डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले किसान इस ट्रैक्टर से साल में एक लाख रुपए बचा सकेंगे। ये ट्रैक्टर जल्द बाजार में उपलब्ध होगा। इस ट्रैक्टर को डीजल से सीएनजी से परिवर्तित किया गया है। ट्रैक्टर को रावमट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किए गए बनाया गया है। सरकार और कंपनी का दावा है कि डीजल ट्रैक्टर के इस नए रूप से किसान कम लागत में खेती कर सकेंगे। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार एनर्जी ट्रांजेक्शन में लो-कार्बन पाथ-वे बनाने का प्रयास कर रही है। नवीकरणीय और जैव ऊर्जा पर जोर के साथ एक नया वैकल्पिक ऊर्जा मॉडल बनाया जा रहा है। हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो हमारी भविष्य की ऊर्जा मांग को पूरा करेगा।

सीएनजी ट्रैक्टर की खूबियां

सीएनजी न सिर्फ डीजल के मुकाबले सस्ती है, बल्कि इसमें माइलेज अच्छी मिलता है। यानि डीजल के मुकाबले प्रति घंटे की खपत कम होगी और आउटकम ज्यादा मिलेगा।

सीएनजी स्वच्छ ईंधन है, इसलिए इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा सबसे कम है।

सीएनजी में शीशे की मात्रा शून्य होती है, प्रदूषण कम होता है, इससे ट्रैक्टर के रखरखाव में आसानी होगी और मेंटेनेंस खर्च कम होगा।

भविष्य का ट्रैक्टर क्योंकि पूरी दुनिया में एक करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

यह वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है, क्योंकि सल की पराली का उपयोग बायो-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है,

किसानों को उनके अपने इलाके में बायो-सीएनजी उत्पादन इकाइयों को बेचकर पैसा कमाने में मदद करेगा।

परीक्षण रिपोर्ट यह बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर उससे अधिक/बराबर शक्ति का उत्पादन करता है।

इससे डीजल की तुलना में कुल कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत की कमी आई है।

यह किसानों को ईंधन की लागत पर 50 प्रतिशत तक की बचत करने में मदद करेगा, क्योंकि वर्तमान में डीजल की कीमत 80 रुपए प्रति लीटर है, जबकि सीएनजी केवल 42 रुपए प्रति किलोग्राम है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment