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प्रदेश की 22 हजार पंचायतों में सरकार तैनात करेगी पटवारी

भोपाल। यदि बेरोजगार युवा पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं और चार साल से कोई पटवारी भर्ती परीक्षा नहीं निकलने से उदास हैं तो उनके लिए अच्छी खबर है। वापस पूरी मेहनत और लगन से पटवारी बनने के लिए तैयारी शुरू कर दें। प्रदेश में एक बार फिर बड़ी संख्या में पटवारियों की भर्ती की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए लैंड रिकॉर्ड विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें रिक्त पदों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार किए जाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में यह भी उल्लेखित किया गया है कि यह पांच हजार पद एक साथ न भरकर टुकड़ों में भरे जाएं। इससे शासन के वित्त विभाग पर भी आर्थिक भार नहीं बढ़ेगा। यदि प्रस्ताव पास हो जाता है तो अगले 5 साल तक लगातार हर वर्ष पटवारी भर्ती परीक्षा होगी। ऐसे युवा जो पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं। उनके लिए आगामी 5 साल काफी अहम रहेंगे।

गौरतलब है कि मप्र में लगभग 22 हजार पंचायतें हैं। इनके मुकाबले पटवारियों की संख्या सिर्फ 19 हजार है। वहीं तेजी से बढ़ते शहरीकरण की वजह से भी शहरी इलाकों में भी विभिन्न दायित्वों के लिए पटवारियों की जरूरत है। लैंड रिकॉर्ड विभाग का डाटा बताता है कि अधिकतर जिलों में दो से तीन पंचायत पर एक पटवारी है, जबकि लैंड रिकॉर्ड विभाग, राजस्व रिकॉर्ड के अपडेशन, बंदोबस्त का आधुनिकीकरण करने पंचायत स्तर पर राजस्व के कार्यों को क्वालिटी बढ़ाने के लिए एक पंचायत एक पटवारी की अवधारणा को लाना होगा। जिसके लिए ही लैंड रिकॉर्ड विभागों ने रिक्त पदों को बढ़ाने का फैसला लिया है। पटवारियों के रिक्त पदों की संख्या एक हजार है जिसमें चार हजार नए पद सृजित कर कुल रिक्त पद पांच हजार करने का प्रस्ताव है।

राजस्व के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए हमें पटवारियों के नए पद सृजित करना पड़ेंगे। वर्तमान में रिक्त पद एक हजार हैं और उन्हें बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए तैयार कर लिया गया है। एक पंचायत पर एक पटवारी पदस्थ करने के लिए हमें चार हजार नए पद सृजित करना होंगे। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के लिए भी प्रक्रिया जारी है।
-ज्ञानेश्वर बी.पाटिल, कमिश्नर, लैंड रिकॉर्ड विभाग, मप्र

प्रदेश की 22 हजार पंचायतों में सरकार तैनात करेगी पटवारी

भोपाल। यदि बेरोजगार युवा पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं और चार साल से कोई पटवारी भर्ती परीक्षा नहीं निकलने से उदास हैं तो उनके लिए अच्छी खबर है। वापस पूरी मेहनत और लगन से पटवारी बनने के लिए तैयारी शुरू कर दें। प्रदेश में एक बार फिर बड़ी संख्या में पटवारियों की भर्ती की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए लैंड रिकॉर्ड विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें रिक्त पदों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पांच हजार किए जाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में यह भी उल्लेखित किया गया है कि यह पांच हजार पद एक साथ न भरकर टुकड़ों में भरे जाएं। इससे शासन के वित्त विभाग पर भी आर्थिक भार नहीं बढ़ेगा। यदि प्रस्ताव पास हो जाता है तो अगले 5 साल तक लगातार हर वर्ष पटवारी भर्ती परीक्षा होगी। ऐसे युवा जो पटवारी बनने का सपना देख रहे हैं। उनके लिए आगामी 5 साल काफी अहम रहेंगे।

गौरतलब है कि मप्र में लगभग 22 हजार पंचायतें हैं। इनके मुकाबले पटवारियों की संख्या सिर्फ 19 हजार है। वहीं तेजी से बढ़ते शहरीकरण की वजह से भी शहरी इलाकों में भी विभिन्न दायित्वों के लिए पटवारियों की जरूरत है। लैंड रिकॉर्ड विभाग का डाटा बताता है कि अधिकतर जिलों में दो से तीन पंचायत पर एक पटवारी है, जबकि लैंड रिकॉर्ड विभाग, राजस्व रिकॉर्ड के अपडेशन, बंदोबस्त का आधुनिकीकरण करने पंचायत स्तर पर राजस्व के कार्यों को क्वालिटी बढ़ाने के लिए एक पंचायत एक पटवारी की अवधारणा को लाना होगा। जिसके लिए ही लैंड रिकॉर्ड विभागों ने रिक्त पदों को बढ़ाने का फैसला लिया है। पटवारियों के रिक्त पदों की संख्या एक हजार है जिसमें चार हजार नए पद सृजित कर कुल रिक्त पद पांच हजार करने का प्रस्ताव है।

राजस्व के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए हमें पटवारियों के नए पद सृजित करना पड़ेंगे। वर्तमान में रिक्त पद एक हजार हैं और उन्हें बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजने के लिए तैयार कर लिया गया है। एक पंचायत पर एक पटवारी पदस्थ करने के लिए हमें चार हजार नए पद सृजित करना होंगे। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के लिए भी प्रक्रिया जारी है।
-ज्ञानेश्वर बी.पाटिल, कमिश्नर, लैंड रिकॉर्ड विभाग, मप्र

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