कम समय में होना है खेती से मालामाल तो करे काले आलू की खेती कम लागत में होगा मोटा मुनाफा, देखे पूरी डिटेल हमारे देश में कृषि कार्य बहुत बड़े पैमाने पर किया जाता है. भारत के हर क्षेत्र में खेती की जाती है, लेकिन अलग-अलग इलाकों की जलवायु और मिट्टी के हिसाब से फसलों का चयन किया जाता है. सरकार भी उन्नत खेती को बढ़ावा दे रही है. गेहूं, चना, अरहर आदि कुछ प्रमुख फसलें तो लगभग हर जगह देखने को मिल जाती हैं. हरी सब्जियों का उत्पादन भी किया जाता है. लेकिन इन सब के साथ साथ काले आलू की खेती किसानों के लिए आय का अच्छा जरिया बन सकती है. आइए जानते हैं काले आलू की खेती के बारे में.
कम समय में कमाना है 2.5 लाख रुपये तो करे यह खेती, होगा रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन
काले आलू के फायदे
काले आलू आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं. विभिन्न विटामिनों की मौजूदगी के कारण इसे सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है. इन्हें मटर, गाजर, मेथी, गोभी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. इनसे पकौड़े और समोसे भी बनाए जा सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संतरे में पाए जाने वाले सभी विटामिन काले आलू में भी पाए जाते हैं. इसलिए इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है.
काले आलू की खेती कहां होती है
कब, कहां और कैसे काले आलू उगाए जाते हैं, वो आपको बताते हैं. पहले किसानों के पास सिर्फ गुलाबी और सफेद आलू की ही किस्में होती थीं, लेकिन अब देश में बड़े पैमाने पर काले आलू की खेती की जा रही है. जो किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है. पहले अमेरिका में इसकी खेती होती थी, लेकिन अब मध्य प्रदेश, ओडिशा, असम, बिहार, उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इसकी खेती की जा रही है. इसकी खेती करके किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं.
काले आलू की खेती कैसे करें
काले आलू सबसे अच्छे उत्पादन के लिए ठंडी जलवायु में उगाए जाते हैं. अगर आप भी इसे इस रबी सीजन में उगाना चाहते हैं, तो समय के अनुसार नवंबर का महीना उपयुक्त रहता है. इसे इस महीने में बोने से आपको अच्छी पैदावार मिल सकती है. इसके अलावा, अगर आप इसे रेतीली-दोमट मिट्टी में उगाते हैं तो आपको अच्छी पैदावार मिल सकती है.
बंपर पैदावार के लिए खेत की मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए और बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद खेत में रोटावेटर का इस्तेमाल करना चाहिए. जुताई के बाद मिट्टी को पूरा भर देना चाहिए ताकि अब आप आलू लगा सकें. इसके लिए कतार से कतार में डेढ़ फीट की दूरी रखनी चाहिए और पौधों के बीच 6 इंच की दूरी होनी चाहिए. इसके बाद समय-समय पर सिंचाई और निराई गुड़ाई करने के बाद फसल के फूल आने से पहले पौधों के चारों ओर मिट्टी को ढीला कर देना चाहिए.