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सब्जी देखते ही मचल जाएगा मन, महाराजाओ का शाही पनीर कर लो खेती आराम से कमाओ हर महीने 50-60 हज़ार रुपए

राजस्थान की मिट्टी में उपजने वाली कई विशेष सब्जियाँ हैं, लेकिन “कै़र” (जिसे करीर, कीर, कीरड़, टिंट आदि नामों से भी जाना जाता है) एक ऐसी सब्जी है जिसे न केवल आम लोग बल्कि राजाओं-महाराजाओं ने भी अपने भोजन में शामिल किया। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है और यह लम्बे जीवन और युवा दिखने में मददगार मानी गई है। आइए जानें इसके खेती से होने वाले फायदे, लागत और कमाई के बारे में विस्तार से।

संजीवनी बूटी से भी आगे काम करती है ये बूटी, सैकड़ों बीमारियों का करती है खात्मा खेती कर बन जायेगे सेठ जी

कै़र एक अनोखी शाही सब्जी

कै़र एक झाड़ीदार पौधा होता है, जो मुख्यतः राजस्थान, गुजरात और दक्षिण एशिया के शुष्क और गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी पहचान इसकी खट्टी और तीखी फलों से होती है जो खासतौर पर राजस्थान की प्रसिद्ध सब्जी “पंचकूट” (कै़र-सांगरी) में इस्तेमाल होती है।

इस सब्जी में मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन-C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यही कारण है कि पुराने समय में राजघरानों में इसका नियमित सेवन होता था।

कै़र की खेती कैसे करें?

कै़र की खेती बेहद आसान है। इसे बीजों से उगाया जाता है जो खेतों में सीधे छिड़काव के माध्यम से लगाए जाते हैं। यह फसल बहुत कम पानी में भी अच्छी तरह पनपती है, जिससे यह सूखे और गर्म इलाकों के किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाती है।

पौधे एक बार लगाने पर कई वर्षों तक फल देना जारी रखते हैं। एक बार अच्छी तरह तैयार हो जाने पर कै़र की झाड़ियाँ हर सीज़न में भरपूर उत्पादन देती हैं।

लागत और मुनाफा: एक लाभदायक व्यवसाय

यदि आप कै़र की खेती 1 से 2 एकड़ ज़मीन में करते हैं, तो लगभग ₹30,000 की लागत में आप इसकी पूरी खेती कर सकते हैं। इसके बदले में आप हर महीने ₹50,000 से ₹60,000 तक की कमाई कर सकते हैं। बाजार में कै़र की कीमत लगभग ₹200 प्रति किलो होती है, जिससे इसका लाभ प्रतिशत बहुत अधिक हो जाता है।

यह खेती खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो कम पानी वाले इलाकों में रहते हैं और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

कै़र के उपयोग

  • कै़र-सांगरी की सब्जी में इसका उपयोग विशेष रूप से होता है।
  • अचार बनाने में भी कै़र खूब इस्तेमाल की जाती है।
  • यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर मानी जाती है और पेट से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होती है।

सब्जी देखते ही मचल जाएगा मन, महाराजाओ का शाही पनीर कर लो खेती आराम से कमाओ हर महीने 50-60 हज़ार रुपए

राजस्थान की मिट्टी में उपजने वाली कई विशेष सब्जियाँ हैं, लेकिन “कै़र” (जिसे करीर, कीर, कीरड़, टिंट आदि नामों से भी जाना जाता है) एक ऐसी सब्जी है जिसे न केवल आम लोग बल्कि राजाओं-महाराजाओं ने भी अपने भोजन में शामिल किया। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है और यह लम्बे जीवन और युवा दिखने में मददगार मानी गई है। आइए जानें इसके खेती से होने वाले फायदे, लागत और कमाई के बारे में विस्तार से।

संजीवनी बूटी से भी आगे काम करती है ये बूटी, सैकड़ों बीमारियों का करती है खात्मा खेती कर बन जायेगे सेठ जी

कै़र एक अनोखी शाही सब्जी

कै़र एक झाड़ीदार पौधा होता है, जो मुख्यतः राजस्थान, गुजरात और दक्षिण एशिया के शुष्क और गर्म क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी पहचान इसकी खट्टी और तीखी फलों से होती है जो खासतौर पर राजस्थान की प्रसिद्ध सब्जी “पंचकूट” (कै़र-सांगरी) में इस्तेमाल होती है।

इस सब्जी में मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन-C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यही कारण है कि पुराने समय में राजघरानों में इसका नियमित सेवन होता था।

कै़र की खेती कैसे करें?

कै़र की खेती बेहद आसान है। इसे बीजों से उगाया जाता है जो खेतों में सीधे छिड़काव के माध्यम से लगाए जाते हैं। यह फसल बहुत कम पानी में भी अच्छी तरह पनपती है, जिससे यह सूखे और गर्म इलाकों के किसानों के लिए एक आदर्श विकल्प बन जाती है।

पौधे एक बार लगाने पर कई वर्षों तक फल देना जारी रखते हैं। एक बार अच्छी तरह तैयार हो जाने पर कै़र की झाड़ियाँ हर सीज़न में भरपूर उत्पादन देती हैं।

लागत और मुनाफा: एक लाभदायक व्यवसाय

यदि आप कै़र की खेती 1 से 2 एकड़ ज़मीन में करते हैं, तो लगभग ₹30,000 की लागत में आप इसकी पूरी खेती कर सकते हैं। इसके बदले में आप हर महीने ₹50,000 से ₹60,000 तक की कमाई कर सकते हैं। बाजार में कै़र की कीमत लगभग ₹200 प्रति किलो होती है, जिससे इसका लाभ प्रतिशत बहुत अधिक हो जाता है।

यह खेती खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है जो कम पानी वाले इलाकों में रहते हैं और कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं।

कै़र के उपयोग

  • कै़र-सांगरी की सब्जी में इसका उपयोग विशेष रूप से होता है।
  • अचार बनाने में भी कै़र खूब इस्तेमाल की जाती है।
  • यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर मानी जाती है और पेट से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होती है।

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