अगर आप ऐसे धान की तलाश में हैं जो ऊंची ज़मीन में भी उग जाए, कम पानी में तैयार हो जाए और खर्चा भी ज़्यादा न हो – तो आपका इंतज़ार अब खत्म हो गया है। हम बात कर रहे हैं लाल धान (Red Rice) की, जिसे किसान “लाल सोना” भी कहते हैं।
झारखंड के पलामू जिले के कई किसान इस धान की खेती कर रहे हैं। वहां पानी की बहुत कमी है और ज़मीन भी ज़्यादातर ऊँची है, लेकिन फिर भी ये धान बहुत अच्छी पैदावार दे रहा है। एक एकड़ खेत में सिर्फ 2 किलो बीज डालने पर करीब 12 क्विंटल तक उपज मिल रही है। और सबसे खास बात, ये फसल सिर्फ 100 दिनों में तैयार हो जाती है।
लाल धान खाने के फायदे
लाल चावल खाने में सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आजकल डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं। इसमें फाइबर, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। साथ ही इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये शुगर कंट्रोल में मदद करता है।
ये चावल मोटे अनाज की तरह सेहतमंद होता है और रोज़ाना खाने वालों को लंबी बीमारी से दूर रखता है। यही वजह है कि इसकी मांग शहरों में भी तेज़ी से बढ़ रही है।
बीज की कीमत और खरीददारी
अब बात करते हैं इसकी लागत की। लाल धान का बीज अगर आप सीधे किसी किसान से खरीदते हैं तो आपको ₹100 प्रति किलो की दर से मिल जाएगा। लेकिन अगर आप इसे मार्केट या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदते हैं तो इसकी कीमत ₹250 से ₹300 प्रति किलो तक हो सकती है।
हालाँकि, कई भरोसेमंद किसान आज भी इसे ₹100 प्रति किलो पर दे रहे हैं। ध्यान रहे कि बीज हमेशा किसी भरोसेमंद स्रोत से ही लें। कृषि विभाग भी यही सलाह देता है कि बीज को बोने से पहले अंकुरित करके देखें – अगर 70% बीज अंकुरित हो जाते हैं तभी उसे खेत में लगाएं।
किसान भाइयों, ये लाल धान आपके लिए कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का मौका है। साथ ही, लोगों की सेहत का भी ख्याल रखता है। अगर आप अब तक इसकी खेती से दूर हैं, तो एक बार ज़रूर आज़माइए – हो सकता है ये आपकी खेती का भविष्य बदल दे।