बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से चमक विहीन हो गया गेहूं
भोपाल, इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा सहित मध्य प्रदेश के 24 जिलों में गेहूं की फसल बारिश और ओलावृष्टि से चमकविहीन हो गई है। समर्थन मूल्य पर यदि राज्य सरकार इसे खरीद भी लेती है तो भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) सेंट्रल पूल में तब तक इसका उठाव नहीं करेगा, जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं दे देती है। प्रदेश के बड़े हिस्से में गेहूं प्रभावित होने की स्थिति को देख शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार से चमकविहीन गेहूं खरीद की अनुमति मांगी है। वहीं उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है केंद्र सरकार भी किसानों के प्रति संवेदनशील है और चमकविहीन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनुमति जल्द मिल जाएगी।
पिछले साल भी प्रदेश को इस तरह की विशेष अनुमति दी गई थी, जिसके बाद एफसीआई सेंट्रल पूल में गेहूं लेने के लिए राजी हुआ था। प्रदेश में पिछले साल अच्छी बारिश हुई और गेहूं का रकबा 98 लाख हेक्टेयर हो गया। अनुकूल मौसम के चलते बंपर पैदावार होने का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया। इसी आधार पर खाद्य विभाग ने समर्थन मूल्य पर 135 लाख टन खरीदी की तैयारी शुरू की। इसी दौरान जब फसल खेतों में पककर खड़ी थी, तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। इससे फसल को काफी नुकसान पहुंचा। सरकार ने क्षति का आकलन कराने के लिए राजस्व और कृषि विभाग के अमले से सर्वे कराया है। इसके आधार पर राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधानों के तहत आर्थिक सहायता भी दी जाएगी, पर जो गेहूं बच गया है, उसे समर्थन मूल्य पर खरीदने में समस्या आने की संभावना है।
केंद्र को भेजा प्रस्ताव
पानी लगने की वजह से गेहूं की चमक प्रभावित हो गई है। एफसीआई के प्रविधानों के अनुसार चमक विहीन गेहूं समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जा सकता। राज्य खरीद भी लेता है तो एफसीआई इसे सेंट्रल पूल में तब तक नहीं लेगा, जब तक केंद्र सरकार विशेष अनुमति नहीं देती है। इसको लेकर राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने खाद्य विभाग के माध्यम से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
इन जिलों में प्रभावित हुआ गेहूं
इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा, सिवनी, रीवा, टीकमगढ़, मंडला, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, अशोकनगर, भिंड, शाजापुर, आगर मालवा, सागर, छिंदवाड़ा, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर और विदिशा।
सप्ताह में पांच दिन होगी खरीदी दो दिन होगा पैसों का हिसाब
इधर, गुरुवार से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद पूरे मध्य प्रदेश में शुरू हो गई। हालांकि पहले दिन बहुत कम संख्या में किसान खरीदी केंद्र पहुंचे। कोरोना संक्रमण की स्थितियों को देखते हुए किसी भी केंद्र पर 20 से ज्यादा किसानों की एक समय में मौजूदगी पर रोक लगाई गई है। वहीं, भुगतान में किसी प्रकार की समस्या न हो, इसलिए खरीद सप्ताह में पांच दिन होगी। दो दिन हिसाब-किताब होगा और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। गर्मी को देखते हुए उपार्जन केंद्रों में किसानों के बैठने के लिए छांव और पानी का इंतजाम रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान का कहना है कि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न आए, यह जरूर सुनिश्चित कर लें। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 24 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान जल्दबाजी न करें। एक-एक किसान से गेहूं खरीदा जाएगा। किसानों को फसल बेचने से लेकर भुगतान तक में कोई समस्या न हो, इसका इंतजाम सरकार ने किया। इसके बाद भी यदि कोई समस्या आती है तो उस संबंध में किसान टोल फ्री सीएम हेल्प लाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
जिलावार खरीदी का लक्ष्य
मंदसौर: जिले में 2.25 लाख टन उपज की खरीदी होगी। 146 गोदामों में भंडारण होगा। पिछले साल जिले में गेहूं की 2.80 लाख टन खरीदी हुई थी। गोदामों में एक लाख मीट्रिक टन गेहूं भरा है।
खंडवा: जिले में 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का लक्ष्य है। भंडारण के लिए 65 गोदाम हैं। इनकी क्षमता साढ़े तीन लाख टन गेहूं की है।
आलीराजपुर: जिले में 3200 टन गेहूं उपार्जन का लक्ष्य है। यहां भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है।
खरगोन: जिले में दो लाख टन खरीदी का लक्ष्य है। 61 गोदामों में 1 लाख 63 हजार टन गेहूं भंडारण की क्षमता है, वहीं करीब 28 हजार टन गेहूं को जरूरत पडऩे पर ओपन कैप में रखा जाएगा।
शाजापुर: जिले में चार लाख 80 हजार उपज की खरीदी की संभावना है। चार लाख 30 हजार टन उपज गोदामों में रखेंगे। शेष सायलो सेंटर में भंडारण होगा।
धार: जिले में गेहूं की खरीदी का लक्ष्य तीन लाख 75 हजार टन है। जिले के 98 गोदामों की क्षमता 3 लाख 66 हजार है।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री की पहल पर पिछले साल भी केंद्र सरकार ने चमकविहीन गेहूं खरीदने की अनुमति दी थी। इसी वजह से मप्र गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड बना सका था। इस बार भी 24 जिले बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित रहे हैं। यदि केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती है तो किसानों को औने-पौने दाम पर गेहूं बेचना होगा।
अभिजीत अग्रवाल, प्रबंध संचालक, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम