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35 लाख किसानों का 84.17 करोड़ का सिंचाई जलकर ब्याज माफ करेगी सरकार

लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार करने के लिए प्रयास किया जाएगा

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति

कैम्पा निधि के अंतर्गत 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य आयोजना में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख में से 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति दी गयी। इस राशि का 80 प्रतिशत वन एवं वन्यप्राणी प्रबंधन एवं 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय किया जाता है।
स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश में विगत वर्षों के कार्यों के रख-रखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए उनके जलग्रहण क्षेत्र के वनीकरण, मृदा एव जल संरक्षण के कार्य, ग्रामीणों की आजीविका के लिए ग्रामों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किये जायेंगे।

66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी।

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है।

कृषकों के सिंचाई जलकर में से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जायेगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रूपये की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जायेगी। 31.3.2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रूपए बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपए एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रूपए है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रूपए, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रूपए और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व मिला है।

35 लाख किसानों का 84.17 करोड़ का सिंचाई जलकर ब्याज माफ करेगी सरकार

लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार करने के लिए प्रयास किया जाएगा

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति

कैम्पा निधि के अंतर्गत 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य आयोजना में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख में से 1038 करोड़ रूपये के उपयोग की स्वीकृति दी गयी। इस राशि का 80 प्रतिशत वन एवं वन्यप्राणी प्रबंधन एवं 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर व्यय किया जाता है।
स्वीकृति अनुसार मध्यप्रदेश में विगत वर्षों के कार्यों के रख-रखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन के लिए उनके जलग्रहण क्षेत्र के वनीकरण, मृदा एव जल संरक्षण के कार्य, ग्रामीणों की आजीविका के लिए ग्रामों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किये जायेंगे।

66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना और 134 पदों के सृजन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत 66 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना, संचालन तथा भवन निर्माण की स्वीकृति दी गयी। स्वीकृति अनुसार 66 आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद (मानसेवी), आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद (मानसेवी) तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षक के 02 पद नियमित शासकीय सेवक पद वेतनमान 25,300-80,500 के सृजन की स्वीकृति दी गयी।

ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिए नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति एवं रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्म मूंग की स्वीकृति प्रदाय की गई है। साथ ही ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है।

कृषकों के सिंचाई जलकर में से ब्याज राशि माफ किए जाने का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि मे से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ किए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय-अनुसार यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि की मूल राशि 31 मार्च 2026 तक एक साथ जमा करते है तो ब्याज की राशि माफ कर दी जायेगी। इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रूपये की ब्याज राशि शासन द्वारा माफ कर दी जायेगी। 31.3.2025 की स्थिति में कृषकों पर सिंचाई जलकर की अवशेष राशि 647 करोड़ 67 लाख रूपए बकाया है। जिसमे मूल राशि 563 करोड़ 29 लाख रूपए एवं ब्याज राशि 84 करोड़ 17 लाख रूपए है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में 45 करोड़ 58 लाख रूपए, वर्ष 2023-34 में 36 करोड़ 98 लाख रूपए और वर्ष 2024-25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व मिला है।

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