होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

भारत के स्वेदशी व पारंपरिक बीजों की रक्षा करेगी बीबीएसएसएल: अमित शाह 

नई दिल्ली, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि नवगठित राष्ट्रीय स्तर की भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) भारत के स्वेदशी व पारंपरिक बीजों की रक्षा करेगी और इस दौरान उनकी जेनेटिक व शुद्धता भी सुनिश्चित करेगी।

भारत में प्रामाणिक बीजों का उत्पादन केवल 465 लाख टन 
शाह ने किसानों को गुणवत्तापरक प्रामाणिक बीज मुहैया कराने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बीबीएसएसएल की स्थापना प्रामाणिक बीजों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत में प्रामाणिक बीजों का उत्पादन केवल 465 लाख टन है। इसमें सहकारी क्षेत्र की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत के करीब है। प्रामाणिक बीजों की मांग तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है और इसमें सहकारी क्षेत्र को 33 फीसदी हिस्सेदारी का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। शाह ने नवगठित बीवीएसएसएल के सहकारी क्षेत्र के जरिये बेहतर और रंपरागत बीजों के उत्पादन’ की राष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘भारत उन गिने-चुने देशों में है जहां प्राचीन समय से खेती की जा रही है। लिहाजा हमारे पारंपरिक बीज प्रकृति के अनुकूल हैं और स्वास्थ्यवर्धक हैं। अभी ऐसे बीजों की विश्व में मांग बहुत ज्यादा है। हमें पारंपरिक बीजों का संरक्षण करने की जरूरत है और इससे स्वास्थ्यवर्धक भोजन तैयार होता है। इसे नए बीज सहकारी बीबीएसएलएल के जरिये किया जाएगा।”

बीबीएसएसएल भारत से प्रमाणित बीजों का निर्यात बढ़ाएगी
बीबीएसएसएल को भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लि. (इफको), कृषक भारती कोऑपरेटिव लि. (कृभको) भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने संयुक्त रूप से प्रवर्तित किया है। इस अवसर पर शाह ने लोगो, वेबसाइट और पुस्तिका का लोकार्पण भी किया। उन्होंने बीबीएसएसएल के सदस्यों को प्रमाणपत्र भी दिए। बीबीएसएसएल ने छोटे स्तर पर शुरुआत की है लेकिन यह सहकारी संस्था भारत के बीज उत्पादन में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली है। शाह ने कहा कि यह गवगठित सहकारी संस्था आने वाले वर्षों में बीजों के संरक्षण, संवर्द्धन और शोध कार्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देगी। किसानों को वैज्ञानिक रूप से तैयार प्रमाणित बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इससे न केवल किसान प्रभावित हो रहे हैं बल्कि देश का खाद्यान्न उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने वैश्विक बीज उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम होने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि बीबीएसएसएल भारत से प्रमाणित बीजों का निर्यात बढ़ाएगी। इस सहकारी का पूरा लाभ किसानों में बांटा जाएगा। शाह ने कहा कि बीबीएसएसएल बीजों के उत्पादन, परीक्षण, प्रमाणन, प्रसंस्करण, भंडारण, लेबलिंग, पैकेजिंग और निर्यात पर साथ- साथ काम करेगी।

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

– देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

भारत के स्वेदशी व पारंपरिक बीजों की रक्षा करेगी बीबीएसएसएल: अमित शाह 

नई दिल्ली, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि नवगठित राष्ट्रीय स्तर की भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) भारत के स्वेदशी व पारंपरिक बीजों की रक्षा करेगी और इस दौरान उनकी जेनेटिक व शुद्धता भी सुनिश्चित करेगी।

भारत में प्रामाणिक बीजों का उत्पादन केवल 465 लाख टन 
शाह ने किसानों को गुणवत्तापरक प्रामाणिक बीज मुहैया कराने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि बीबीएसएसएल की स्थापना प्रामाणिक बीजों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत में प्रामाणिक बीजों का उत्पादन केवल 465 लाख टन है। इसमें सहकारी क्षेत्र की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत के करीब है। प्रामाणिक बीजों की मांग तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है और इसमें सहकारी क्षेत्र को 33 फीसदी हिस्सेदारी का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। शाह ने नवगठित बीवीएसएसएल के सहकारी क्षेत्र के जरिये बेहतर और रंपरागत बीजों के उत्पादन’ की राष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘भारत उन गिने-चुने देशों में है जहां प्राचीन समय से खेती की जा रही है। लिहाजा हमारे पारंपरिक बीज प्रकृति के अनुकूल हैं और स्वास्थ्यवर्धक हैं। अभी ऐसे बीजों की विश्व में मांग बहुत ज्यादा है। हमें पारंपरिक बीजों का संरक्षण करने की जरूरत है और इससे स्वास्थ्यवर्धक भोजन तैयार होता है। इसे नए बीज सहकारी बीबीएसएलएल के जरिये किया जाएगा।”

बीबीएसएसएल भारत से प्रमाणित बीजों का निर्यात बढ़ाएगी
बीबीएसएसएल को भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लि. (इफको), कृषक भारती कोऑपरेटिव लि. (कृभको) भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड), राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने संयुक्त रूप से प्रवर्तित किया है। इस अवसर पर शाह ने लोगो, वेबसाइट और पुस्तिका का लोकार्पण भी किया। उन्होंने बीबीएसएसएल के सदस्यों को प्रमाणपत्र भी दिए। बीबीएसएसएल ने छोटे स्तर पर शुरुआत की है लेकिन यह सहकारी संस्था भारत के बीज उत्पादन में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाली है। शाह ने कहा कि यह गवगठित सहकारी संस्था आने वाले वर्षों में बीजों के संरक्षण, संवर्द्धन और शोध कार्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देगी। किसानों को वैज्ञानिक रूप से तैयार प्रमाणित बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इससे न केवल किसान प्रभावित हो रहे हैं बल्कि देश का खाद्यान्न उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने वैश्विक बीज उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम होने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि बीबीएसएसएल भारत से प्रमाणित बीजों का निर्यात बढ़ाएगी। इस सहकारी का पूरा लाभ किसानों में बांटा जाएगा। शाह ने कहा कि बीबीएसएसएल बीजों के उत्पादन, परीक्षण, प्रमाणन, प्रसंस्करण, भंडारण, लेबलिंग, पैकेजिंग और निर्यात पर साथ- साथ काम करेगी।

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

– देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment