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किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकता है कैक्टस की खेती

भोपाल। बहुउपयोगी पौधा कैक्टस, जिसको लोग बेकार सममझते थे अब किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन रहा है। कम लागत में अच्छी कमाई के लिए काफी किसान अब कैक्टस की खेती करने लगे हैं। अगर कैक्टस की खेती व्यावसायिक तौर पर करते हैं, तो यह आपके लिए अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकता है। क्योंकि इसके पौधे से बाजार में कई तरह के उत्पादों को तैयार किया जाता है और साथ ही कैक्टस से पशु चारे, चमड़ा बनाने, दवाइयां और ईंधन में भी इस्तेमाल किया जाता है।

कम पानी में होता है अपुंशिया फिकस-इंडिया
अगर कैक्टस की व्यवसायिक खेती की बात करें तो इसमें अपुंशिया फिकस-इंडिया सबसे अधिक लोकप्रिय है। क्योंकि इस पौधे में कांटे नहीं पाए जाते हैं और साथ ही किसानों को इसे उगाने के लिए अधिक पानी की भी जरूरत नहीं होती है। इस पौधे को आप बिना सिंचाई करें भी सरलता से उगा सकते हैं। इसलिए कैक्टस की खेती में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।

जून से लेकर नवंबर तक की जाती है कैक्टस की खेती
कैक्टस का पौधा 5 से 6 महीने में पूरी तरह से विकसित हो जाता है। देखा जाए तो इसकी खेती जून-जुलाई से लेकर नवंबर के महीने तक की जाती है। अगर आप अपने खेत में इसकी खेती करना शुरू करते हैं, तो इसके लिए आपके खेत की मिट्टी खारी होनी चाहिए। 
पौधा सही से तैयार होने के बाद किसान इसकी कटाई तब करें जब इसका पौधा 1 मीटर ऊंचा हो जाए और पौधे को 5 से 6 महीने पूरे हो चुके हो। ऐसी स्थिति में आप कैक्टस की कटाई कर सकते हैं।

किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकता है कैक्टस की खेती

भोपाल। बहुउपयोगी पौधा कैक्टस, जिसको लोग बेकार सममझते थे अब किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन रहा है। कम लागत में अच्छी कमाई के लिए काफी किसान अब कैक्टस की खेती करने लगे हैं। अगर कैक्टस की खेती व्यावसायिक तौर पर करते हैं, तो यह आपके लिए अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकता है। क्योंकि इसके पौधे से बाजार में कई तरह के उत्पादों को तैयार किया जाता है और साथ ही कैक्टस से पशु चारे, चमड़ा बनाने, दवाइयां और ईंधन में भी इस्तेमाल किया जाता है।

कम पानी में होता है अपुंशिया फिकस-इंडिया
अगर कैक्टस की व्यवसायिक खेती की बात करें तो इसमें अपुंशिया फिकस-इंडिया सबसे अधिक लोकप्रिय है। क्योंकि इस पौधे में कांटे नहीं पाए जाते हैं और साथ ही किसानों को इसे उगाने के लिए अधिक पानी की भी जरूरत नहीं होती है। इस पौधे को आप बिना सिंचाई करें भी सरलता से उगा सकते हैं। इसलिए कैक्टस की खेती में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।

जून से लेकर नवंबर तक की जाती है कैक्टस की खेती
कैक्टस का पौधा 5 से 6 महीने में पूरी तरह से विकसित हो जाता है। देखा जाए तो इसकी खेती जून-जुलाई से लेकर नवंबर के महीने तक की जाती है। अगर आप अपने खेत में इसकी खेती करना शुरू करते हैं, तो इसके लिए आपके खेत की मिट्टी खारी होनी चाहिए। 
पौधा सही से तैयार होने के बाद किसान इसकी कटाई तब करें जब इसका पौधा 1 मीटर ऊंचा हो जाए और पौधे को 5 से 6 महीने पूरे हो चुके हो। ऐसी स्थिति में आप कैक्टस की कटाई कर सकते हैं।

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