भारत में मिर्च की मांग हमेशा से ही ऊँची रही है। चाहे हरी मिर्च हो या लाल सूखी मिर्च, इसका उपयोग हर घर में मसाले के रूप में किया जाता है। ऐसे में अगर आप खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो काशी सुरख (Kashi Surkh) मिर्च की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
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काशी सुरख मिर्च की खासियत
काशी सुरख मिर्च एक हाईब्रिड किस्म है जिसे हरित और लाल दोनों प्रकार की मिर्च के लिए उगाया जा सकता है। इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह चूषण कीटों और वायरस ‘गुर्चा’ के प्रति काफी हद तक सहनशील है। इसके पौधे लगातार 4 से 6 महीने तक फल देते हैं, जिससे लंबे समय तक कमाई होती रहती है।
कौन सी मिट्टी है उपयुक्त?
इस किस्म की खेती के लिए दोमट (sandy loam) या मध्यम काली मिट्टी (medium black loam) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का पीएच (pH) स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए और जल निकासी की सुविधा अच्छी होनी चाहिए। खेत की जुताई गहराई से करें और गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी को उपजाऊ बनाएं।
नर्सरी से रोपाई का तरीका
पहले काशी सुरख के पौधों को नर्सरी में तैयार करें। लगभग 25-30 दिन में जब पौधे 4-6 पत्तों वाले हो जाएँ, तब इन्हें खेत में ट्रांसप्लांट करें। पौधों की रोपाई के लिए 45×45 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखें। सिंचाई समय-समय पर करें, विशेष रूप से सूखे मौसम में।
कब होती है पहली तुड़ाई?
सामान्यतः काशी सुरख मिर्च की पहली तुड़ाई 60 से 90 दिनों के बीच में हो जाती है। इसके बाद 140 से 180 दिनों तक मिर्च की तुड़ाई की जा सकती है।
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उत्पादन और कमाई
यदि आप काशी सुरख मिर्च की खेती एक हेक्टेयर भूमि पर करते हैं, तो आपको लगभग 240 क्विंटल हरी मिर्च और 40 क्विंटल सूखी लाल मिर्च प्राप्त हो सकती है। वर्तमान बाजार दरों के अनुसार, इससे आप लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। यह खेती उन किसानों के लिए वरदान है जो कम समय में अधिक मुनाफा चाहते हैं।