होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

खेती, किसानी, किसान

अरहर, मूंग एवं उड़द की इन किस्मों की करें खेती, होगा फायदा ही फायदा

किसान अरहर की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है। अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का ध्यान रखें। बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें। अच्छे अंकुरण के लिए खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है।

कृषि वैज्ञानिकों बताया अच्छे उत्पादन के लिए धान की उन्नत किस्में और खेती की विधि

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने खरीफ फसलों की बुआई को लेकर सलाह जारी की है। कृषि अनुसंधान संस्थान ने अभी किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने की सलाह दी है। इसके अतिरिक्त अधिक उपज देने वाली किस्मों के चयन, बीजों के उपचार को लेकर आवश्यक सलाह दी है।

किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है मटर की नई किस्म ‘काशी पूर्वी’, जानें इसकी खासियत

वाराणसी, मटर की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने मटर की एक ऐसी किस्म को विकसित ...

अधिक उत्पादन के लिए उन्नत बीजों का चयन जरूरी, जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक

कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ बी.एस. किरार साथ ही केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार जाटव, डॉ. आर के प्रजापति, डॉ. आई.डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा किसानों को बताया गया कि खरीफ में फसलों के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत किस्मों के चयन एवं व्यवस्था बुबाई से 15 से 20 दिन पूर्व कर लेना चाहिए अधिकांशत: किसान मानसून आने पर खरीफ की बुवाई शुरू होने पर बीज की व्यवस्था करने के लिए किसान दौड़-धूप करता है उस समय तत्काल अच्छा बीज उपलब्ध नहीं हो पाता है और मिलता भी है तो महंगा मिलता है I

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया गन्ने को कंडुआ रोग से कैसे बचाएं

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, नानपारा, बहराइच-।। के वैज्ञानिकों ने कृषकों के प्रक्षेत्र पर गन्ने में आ रही समस्या का निदान किया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. के. एम. सिंह ने बताया कि पेड़ी गन्ने में हो रहा कंडुआ रोग कैंसर के समान है। अगर समय से इसकी रोकथाम नहीं की गई तो यह हवा के साथ अन्य पौधों में भी फैल जाता है। जिससे अगली पीढ़ी की फसल भी बर्बाद होने की आंशका होती है।

फसलों का कीटों से बचाव हेतु बेहतर विकल्प है जैव रसायन

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और कीटों, बीमारियों से पौधों को होने वाले नुकसान से बचाने का एकमात्र तत्काल व प्रभावी उपाय केवल रासायनिक खाद और दवाएं है, लेकिन इन जहरीले रसायनों का प्रभाव से फसल को मिलने वाली राहत से कहीं अधिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि केवल लाभ पाने की लालसा से संतुलित रासायनिक खादों व कीटनाशकों की संस्तुत मात्रा का प्रयोग न करके अविवेक पूर्ण तरीके से किया जा रहा है। जिससे मिट्टी और उपज की गुणवत्ता के साथ ही पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।

फलों के फटने का कारण एवं निदान, जानिए डॉ कुकसाल से

फलों का फटना एक गंभीर व सामान्य समस्या है। फलों का फटना, फलों की गुणवत्ता को कम करने के साथ ही उनमें रोग व कीट आक्रमण की संभावना को भी बढ़ा देता है। आम, लीची, अनार, अंगूर, सेब, चेरी, नीम्बू आदि फलों में फल फटने की समस्या अधिक देखने को मिलती है।  फल फटने के कई कारण हो सकते हैं

किसानों को मालामाल कर सकती है धान की नई प्रजाति मालवीय मनीला

वाराणसी के इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित धान की नई किस्म को पूरे भारत में लॉन्च कर दिया गया है। इस धान के बीज को तैयार करने में बीएचयू के वैज्ञानिकों को 15 साल लगा है।

किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है बेल की बागवानी: प्रो डी के सिंह

डॉ शशिकान्त सिंहकृषि संवाददाता आजमगढ़। बेल एक ऐसा फल है जो अपने में लाखों फायदे छुपाए हुए है। बेल का सभी भाग छाल, पत्ती और ...

देश में बढी रीवा-सतना के गेहूं की मांग

पिछले सीजन में रीवा से कर्नाटक राज्य को 26सौ क्विंटल गेहूं भेजा गया था। जबकि हाल ही में तेलंगाना, कर्नाटक, बिहार एवं उड़ीसा से डिमांड आई है। जिसके बाद रीवा एवं सतना जिले से प्रतिदिन साढ़े 12 हजार एमटी गेहूं भेजा जा रहा है। इसके अलावा उत्तरप्रदेश के बनारस से भी रीवा के गेहूं की डिमांड आई है जिसे भेजा जा रहा है।