होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

मिलेट्स के उत्पादन एवं प्र-संस्करण से महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला

भोपाल, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज (मिलेट्स) वर्ष में जी-20 समूह देशों के सम्मेलन की अध्यक्षता भारत द्वारा की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में मिलेट्स के उत्पादन एवं प्र-संस्करण से महिला सशक्तिकरण पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में शुभारंभ हुआ। केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर कार्यशाला के आयोजन में सहभागी हैं। कार्यशाला के पहले दिन महिलाओं की सशक्त सहभागिता पर चर्चा हुई। विभिन्न मिलेट्स उत्पादन एवं प्र-संस्करण यंत्रों के साथ महिला कृषकों द्वारा विकसित और विपणन किये जा रहे उत्पादों की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रही। 

इसे भी देखें 

वैज्ञानिकों का कमाल, एक ही पौधे में हो रहा टमाटर और बैगन, साथ में आलू भी उगाने की तैयारी

शुभारंभ-सत्र में केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता ने बताया कि विकसित संस्करण यंत्रों एवं संस्थान के मूल्य संवर्धित उत्पादों में महिला कृषकों की मिलेट्स प्र-संस्करण में अधिक से अधिक सहभागिता बढ़ेगी। मुख्य अतिथि संचालक कृषि अभियांत्रिकी मध्यप्रदेश श्री ई. राजीव चौधरी ने शासन द्वारा कृषि एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में मिलेट्स प्र-संस्करण के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं एवं उनसे प्राप्त लाभों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शारीरिक क्षमता संवर्धन एवं रोग मुक्ति के लिये मिलेट्स जरूरी है। केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर की निदेशक डॉ. मृदुला देवी ने बताया कि मिलेट्स प्रौद्योगिकी पर शोध एवं इसके निरंतर प्रसार से महिला कृषकों की आय में सतत वृद्धि के साथ स्वास्थ्य लाभ भी होगा। प्रधान वैज्ञानिक केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान डॉ. दीपिका मुरुगकर ने कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

इसे भी देखें 

किसानों को ड्रोन खरीदने सस्ता लोन देगी SBI, बचत के साथ बढ़ेगा फसलों का उत्पादन

कार्यशाला में मिलेट्स की जैविक खेती, यंत्रीकरण, प्र-संस्करण में महिलाओं की अधिक से अधिक सहभागिता एवं महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। प्रगतिशील महिला कृषकों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों की 250 महिलाएँ सहभागिता कर रही हैं।

इसे भी देखें 

किसानों के लिए लागू होगी कृषक समाधान योजना, जानें क्या होगा लाभ

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

 देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

मिलेट्स के उत्पादन एवं प्र-संस्करण से महिला सशक्तिकरण पर कार्यशाला

भोपाल, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज (मिलेट्स) वर्ष में जी-20 समूह देशों के सम्मेलन की अध्यक्षता भारत द्वारा की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में मिलेट्स के उत्पादन एवं प्र-संस्करण से महिला सशक्तिकरण पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में शुभारंभ हुआ। केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर कार्यशाला के आयोजन में सहभागी हैं। कार्यशाला के पहले दिन महिलाओं की सशक्त सहभागिता पर चर्चा हुई। विभिन्न मिलेट्स उत्पादन एवं प्र-संस्करण यंत्रों के साथ महिला कृषकों द्वारा विकसित और विपणन किये जा रहे उत्पादों की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रही। 

इसे भी देखें 

वैज्ञानिकों का कमाल, एक ही पौधे में हो रहा टमाटर और बैगन, साथ में आलू भी उगाने की तैयारी

शुभारंभ-सत्र में केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता ने बताया कि विकसित संस्करण यंत्रों एवं संस्थान के मूल्य संवर्धित उत्पादों में महिला कृषकों की मिलेट्स प्र-संस्करण में अधिक से अधिक सहभागिता बढ़ेगी। मुख्य अतिथि संचालक कृषि अभियांत्रिकी मध्यप्रदेश श्री ई. राजीव चौधरी ने शासन द्वारा कृषि एवं खाद्य प्रौद्योगिकी में मिलेट्स प्र-संस्करण के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं एवं उनसे प्राप्त लाभों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शारीरिक क्षमता संवर्धन एवं रोग मुक्ति के लिये मिलेट्स जरूरी है। केन्द्रीय कृषि महिला संस्थान भुवनेश्वर की निदेशक डॉ. मृदुला देवी ने बताया कि मिलेट्स प्रौद्योगिकी पर शोध एवं इसके निरंतर प्रसार से महिला कृषकों की आय में सतत वृद्धि के साथ स्वास्थ्य लाभ भी होगा। प्रधान वैज्ञानिक केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान डॉ. दीपिका मुरुगकर ने कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

इसे भी देखें 

किसानों को ड्रोन खरीदने सस्ता लोन देगी SBI, बचत के साथ बढ़ेगा फसलों का उत्पादन

कार्यशाला में मिलेट्स की जैविक खेती, यंत्रीकरण, प्र-संस्करण में महिलाओं की अधिक से अधिक सहभागिता एवं महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। प्रगतिशील महिला कृषकों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। कार्यशाला में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों की 250 महिलाएँ सहभागिता कर रही हैं।

इसे भी देखें 

किसानों के लिए लागू होगी कृषक समाधान योजना, जानें क्या होगा लाभ

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

 देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment