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बकरियों के लिए वरदान से कम नहीं ये हरा चारा कम खुराक में देगी गाय के बराबर दूध

बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है – अच्छे और सस्ते चारे की उपलब्धता। ऐसे में अजोला (Azolla) एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। यह एक हरा जलीय पौधा है, जो बकरियों को न सिर्फ जरूरी पोषण देता है, बल्कि दूध उत्पादन को भी बढ़ाता है। आज़ोला को कहीं भी, कभी भी बहुत ही कम लागत में उगाया जा सकता है।

यह भी पढ़िए :- गर्मी के दिनों में नोटों का ढेर जमा कर देगी यह खेती, कम दिनों में होगा ताबड़तोड़ उत्पादन

अगर आप बकरी पालन करते हैं और अपने जानवरों के लिए सस्ता, पौष्टिक और आसानी से तैयार होने वाला चारा ढूंढ रहे हैं, तो आज़ोला आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

अजोला क्या है?

अजोला एक प्रकार की जलीय फर्न (फर्न जैसा पौधा) है, जो पानी की सतह पर तैरता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसके पत्ते छोटे होते हैं और यह दिखने में एल्गी (काई) जैसा लगता है। यह खास तौर पर उन किसानों के लिए उपयोगी है जिनके पास हरे चारे की कमी होती है या जो वर्ष भर हरित चारा उपलब्ध नहीं करवा सकते।

बकरियों को अजोला कैसे और कितना खिलाएं?

पशु विशेषज्ञों के अनुसार, एक डेयरी बकरी को प्रतिदिन 500 ग्राम अजोला खिलाने से दूध उत्पादन में 15% से 20% तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। यही नहीं, इससे अन्य चारे की खपत में भी लगभग 30% से 35% तक की बचत होती है।

अजोला उगाना भी बेहद आसान और सस्ता है। 1 किलो आज़ोला तैयार करने की लागत मात्र ₹2 आती है। इसे मिट्टी, प्लास्टिक शीट और थोड़े से पानी की मदद से आप अपने खेत, छत या घर के पास कहीं भी उगा सकते हैं।

क्यों जरूरी है अजोला बकरी पालन में?

भारत के अधिकांश छोटे किसान बकरी पालन करते हैं, लेकिन उनके पास चराई के लिए पर्याप्त जमीन या महंगा चारा खरीदने की क्षमता नहीं होती। ऐसे में अजोला एक सस्ता, पौष्टिक और टिकाऊ विकल्प बनकर उभरता है।

अजोला में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, बीटा-कैरोटीन, विटामिन A और B, और जरूरी एमिनो एसिड पाए जाते हैं – जो बकरियों की सेहत और दूध उत्पादन दोनों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

यह भी पढ़िए :- यह सब्ज़ी गर्मियों में करें तैयार, बारिश और सर्दियों में देगी बंपर मुनाफ़ा बाज़ार में है जबरदस्त मांग, जानिए कौनसी है ये फसल

अजोला के अन्य फायदे

  • यह प्राकृतिक और रासायनिक मुक्त चारा है।
  • कम जगह और कम पानी में उगाया जा सकता है।
  • बकरियों के अलावा गाय, भैंस, मुर्गियों और सूअरों को भी खिलाया जा सकता है।
  • इससे जानवरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

अगर आप कम लागत में बकरी पालन को लाभदायक बनाना चाहते हैं, तो अजोला एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल आपके चारे का खर्च कम करता है, बल्कि बकरियों की सेहत और दूध उत्पादन को भी बेहतर बनाता है। अजोला को अपनाकर आप अपने पशुपालन व्यवसाय को एक नई दिशा दे सकते हैं।

बकरियों के लिए वरदान से कम नहीं ये हरा चारा कम खुराक में देगी गाय के बराबर दूध

बकरी पालन करने वाले किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है – अच्छे और सस्ते चारे की उपलब्धता। ऐसे में अजोला (Azolla) एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। यह एक हरा जलीय पौधा है, जो बकरियों को न सिर्फ जरूरी पोषण देता है, बल्कि दूध उत्पादन को भी बढ़ाता है। आज़ोला को कहीं भी, कभी भी बहुत ही कम लागत में उगाया जा सकता है।

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अगर आप बकरी पालन करते हैं और अपने जानवरों के लिए सस्ता, पौष्टिक और आसानी से तैयार होने वाला चारा ढूंढ रहे हैं, तो आज़ोला आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

अजोला क्या है?

अजोला एक प्रकार की जलीय फर्न (फर्न जैसा पौधा) है, जो पानी की सतह पर तैरता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसके पत्ते छोटे होते हैं और यह दिखने में एल्गी (काई) जैसा लगता है। यह खास तौर पर उन किसानों के लिए उपयोगी है जिनके पास हरे चारे की कमी होती है या जो वर्ष भर हरित चारा उपलब्ध नहीं करवा सकते।

बकरियों को अजोला कैसे और कितना खिलाएं?

पशु विशेषज्ञों के अनुसार, एक डेयरी बकरी को प्रतिदिन 500 ग्राम अजोला खिलाने से दूध उत्पादन में 15% से 20% तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। यही नहीं, इससे अन्य चारे की खपत में भी लगभग 30% से 35% तक की बचत होती है।

अजोला उगाना भी बेहद आसान और सस्ता है। 1 किलो आज़ोला तैयार करने की लागत मात्र ₹2 आती है। इसे मिट्टी, प्लास्टिक शीट और थोड़े से पानी की मदद से आप अपने खेत, छत या घर के पास कहीं भी उगा सकते हैं।

क्यों जरूरी है अजोला बकरी पालन में?

भारत के अधिकांश छोटे किसान बकरी पालन करते हैं, लेकिन उनके पास चराई के लिए पर्याप्त जमीन या महंगा चारा खरीदने की क्षमता नहीं होती। ऐसे में अजोला एक सस्ता, पौष्टिक और टिकाऊ विकल्प बनकर उभरता है।

अजोला में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, बीटा-कैरोटीन, विटामिन A और B, और जरूरी एमिनो एसिड पाए जाते हैं – जो बकरियों की सेहत और दूध उत्पादन दोनों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।

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अजोला के अन्य फायदे

  • यह प्राकृतिक और रासायनिक मुक्त चारा है।
  • कम जगह और कम पानी में उगाया जा सकता है।
  • बकरियों के अलावा गाय, भैंस, मुर्गियों और सूअरों को भी खिलाया जा सकता है।
  • इससे जानवरों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

अगर आप कम लागत में बकरी पालन को लाभदायक बनाना चाहते हैं, तो अजोला एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल आपके चारे का खर्च कम करता है, बल्कि बकरियों की सेहत और दूध उत्पादन को भी बेहतर बनाता है। अजोला को अपनाकर आप अपने पशुपालन व्यवसाय को एक नई दिशा दे सकते हैं।

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