होम किसानों के अनुभव कृषि यंत्र कृषि योजनाएं खेती किसानी पंचायत की योजनाएं पशुधन
मेन्यू
Jagatgaon Logo
Home Videos Web Stories
E Paper
पंचायत की योजनाएं खेती किसानी कृषि योजनाएं कृषि यंत्र किसानों के अनुभव पशुधन मप्र/छत्तीसगढ़ वैज्ञानिकों के विचार सक्सेस स्टोरी लाइफस्टाइल

इस फल की खेती से होगी पैसों की बारिश, जानिए कैसे करें खेती

इस फल की खेती से भर जाएंगी तिजोरियां, खेती कर होगी झमाझम पैसों की बारिश। नमस्ते दोस्तों हम आज फिर आप बात करने जा रहे हैं ऐसे फल के बारे में जो कि आपने कभी नहीं देखा होगा। शायद ही आपने खाया होगा। यह फल अधिकांशत: विदेशों में पाया जाता है, इस फल का नाम है मांगूस्टान फल।

इसे खाने के कई फायदे

मैंगोस्टीन फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन में सहायता करता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है। यह कब्ज को रोकने में मदद करता है, सूजन को कम करता है, और लाभकारी आंत बैक्टीरिया को पोषण देकर स्वस्थ आंत का समर्थन करता है। यह फल पोषक तत्वों से भरा होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल गुण होते हैं। यह कई बीमारियों में लाभकारी है। स्तन कैंसर, लीवर कैंसर और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों से बचाव में काम आता है।

कैसे करें खेती

इस फल की खेती करने के लिए गर्म, नमी युक्त और भूमध्यरेखीय जलवायु जरूरी होती है। इस फल को न अधिक पानी, न अधिक गर्मी और न ही अधिक सर्दी की जरूरत होती है। तापमान की बात करें तो इसके लिए 5 से 35 डिग्री सेल्सियस ठीक रहता है। इसके उत्पादन के लिए अधिक बारिश की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि सूखे की स्थिति रहती है तो इससे फसल उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मैंगोस्टीन पौधों के लिए सीधे सूरज की रोशनी की जरूरत नहीं होती है। इससे इसकी ग्रोथ पर प्रभाव पड़ सकता है। खेतों को तैयार करने के लिए गोबर की खाद आपको लगेगी और साथ ही साथ आप जब गोबर के खाद मिट्टी में मिल लेंगे तो उसके बाद आपकी मिट्टी उपजाऊ बन जाएगी और तैयार किए गए पौधों को आपको एक-एक फिट की दूरी पर गड्ढे करके 1 फीट की दूरी पर पौधे लगा दिए जाएंगे उसका पानी से सच्चाई करने का देख हफ्ते तक छोड़ दिया जाएगा उसके बाद आपको तीन से चार महीने बाद पौधे उठाते नजर आएंगे और करीबन इस फल को पकाने में चार से पांच साल का समय लगेगा ।

कैसी हो मिट्टी

मैंगोस्टीन पौधों की उपज के लिए सही मिट्टी का चयन करना बेहद जरूरी है। रेतीली, दोमट मिट्टी मैंगस्टीन की उपज के लिए बेहतर होती है। ध्यान रखें कि इस तरह की मिटटी में कार्बनिक पदार्थां का अधिक होना जरूरी होता है। अच्छी उपज के लिए मिटटी के पीएच मान का भी ध्यान रखना चाहिए।

कमाई

इस फल से कमाई की बात की जाए तो इस फल की कीमत बाजार में ₹2000 प्रति किलो है और आप अगर एक किसान है और इस फल की खेती करने का सोच रहे तो इस फल की खेती करके काफी अच्छा तगड़ा मुनाफा कमा सकते तो शुरू कीजिए इस फल की खेती।

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

– देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

इस फल की खेती से होगी पैसों की बारिश, जानिए कैसे करें खेती

इस फल की खेती से भर जाएंगी तिजोरियां, खेती कर होगी झमाझम पैसों की बारिश। नमस्ते दोस्तों हम आज फिर आप बात करने जा रहे हैं ऐसे फल के बारे में जो कि आपने कभी नहीं देखा होगा। शायद ही आपने खाया होगा। यह फल अधिकांशत: विदेशों में पाया जाता है, इस फल का नाम है मांगूस्टान फल।

इसे खाने के कई फायदे

मैंगोस्टीन फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन में सहायता करता है और नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है। यह कब्ज को रोकने में मदद करता है, सूजन को कम करता है, और लाभकारी आंत बैक्टीरिया को पोषण देकर स्वस्थ आंत का समर्थन करता है। यह फल पोषक तत्वों से भरा होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल गुण होते हैं। यह कई बीमारियों में लाभकारी है। स्तन कैंसर, लीवर कैंसर और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों से बचाव में काम आता है।

कैसे करें खेती

इस फल की खेती करने के लिए गर्म, नमी युक्त और भूमध्यरेखीय जलवायु जरूरी होती है। इस फल को न अधिक पानी, न अधिक गर्मी और न ही अधिक सर्दी की जरूरत होती है। तापमान की बात करें तो इसके लिए 5 से 35 डिग्री सेल्सियस ठीक रहता है। इसके उत्पादन के लिए अधिक बारिश की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि सूखे की स्थिति रहती है तो इससे फसल उत्पादन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मैंगोस्टीन पौधों के लिए सीधे सूरज की रोशनी की जरूरत नहीं होती है। इससे इसकी ग्रोथ पर प्रभाव पड़ सकता है। खेतों को तैयार करने के लिए गोबर की खाद आपको लगेगी और साथ ही साथ आप जब गोबर के खाद मिट्टी में मिल लेंगे तो उसके बाद आपकी मिट्टी उपजाऊ बन जाएगी और तैयार किए गए पौधों को आपको एक-एक फिट की दूरी पर गड्ढे करके 1 फीट की दूरी पर पौधे लगा दिए जाएंगे उसका पानी से सच्चाई करने का देख हफ्ते तक छोड़ दिया जाएगा उसके बाद आपको तीन से चार महीने बाद पौधे उठाते नजर आएंगे और करीबन इस फल को पकाने में चार से पांच साल का समय लगेगा ।

कैसी हो मिट्टी

मैंगोस्टीन पौधों की उपज के लिए सही मिट्टी का चयन करना बेहद जरूरी है। रेतीली, दोमट मिट्टी मैंगस्टीन की उपज के लिए बेहतर होती है। ध्यान रखें कि इस तरह की मिटटी में कार्बनिक पदार्थां का अधिक होना जरूरी होता है। अच्छी उपज के लिए मिटटी के पीएच मान का भी ध्यान रखना चाहिए।

कमाई

इस फल से कमाई की बात की जाए तो इस फल की कीमत बाजार में ₹2000 प्रति किलो है और आप अगर एक किसान है और इस फल की खेती करने का सोच रहे तो इस फल की खेती करके काफी अच्छा तगड़ा मुनाफा कमा सकते तो शुरू कीजिए इस फल की खेती।

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें…

– देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment